नवरात्रि पर निबंध (Essay on Navratri in Hindi)

नवरात्रि पर निबंध:- नवरात्री हिन्दुओं का प्रत्येक वर्ष आने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है जिसे हिन्दुओं द्वारा बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में माँ दुर्गा की आराधना में मनाये जाना वाला यह सबसे पवित्र त्यौहार है इसे हम नवरात्री के नाम से जानते हैं। नवरात्री का अर्थ होता है नौ रातें, इन नौ रातों में हम दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना करते हैं। यह त्यौहार वर्ष में 4 बार आता है जिसे देश अलग अलग क्षेत्रों के लोग बड़े ही हर्षोलास के साथ मनाते हैं। यह हिन्दुओं का सबसे लम्बा चलने वाला त्यौहार भी है।

आज हम आर्टिकल के माध्यम से आपको बताएंगे की नवरात्री क्यों मनाई जाती है ? नवरात्री मनाने का मुख्य कारण क्या है ? तथा नवरात्री कब मनाई जाती है ? इस आर्टिकल को न केवल आप को पढ़ना चाहिए बल्कि अगर आप विद्यार्थी हैं तो आपके स्कूल अथवा कॉलेज में होने वाली निंबध प्रतियोगिता के लिए भी यह बहुत ही महत्वपूर्ण है। अगर आप भी नवरात्री के विषय में जानने के लिए बहुत ही उत्सुक है तो हमारे द्वारा इस आर्टिकल में सभी विषयों पर चर्चा की गयी है इसलिए हमारे लेख को पूरा पढ़ें।

नवरात्रि पर निबंध
(Essay on Navratri in Hindi)

नवरात्रि पर निबंध

आज हम आपको बताएंगे की आप किस प्रकार से नवरात्रि पर निबंध को लिख सकते हैं, आमतौर यह आपके स्कूलों में कई प्रतियोगिताओं में आता है। नवरात्रि को भारत के लोग पिछले कई सालों से माँ दुर्गा के प्रति अपनी पूजा अर्चना करते आ रहें हैं, इस त्यौहार में हिन्दू नौ रातों तक दुर्गा माँ के 9 रूपों की आराधना करते हैं। नवरात्री साधारणतय वर्ष में 4 बार आता है लेकिन हम मुख्यतः 2 नवरात्रों को मानते हैं चैत्र नवरात्री तथा शारदीय नवरात्री। एक अच्छे निबंध लिखने के लिए हमे स्टेप बाय स्टेप लिखना होता है हमारे द्वारा पूरे निबंध को निचे लिखा गया है।

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प्रस्तावना

नवरात्रि पर निबंध-नवरात्री हिन्दू में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्यौहार है जो प्रत्येक वर्ष आता है, इस त्यौहार में 9 दिनों तक माँ दुर्गा के 9 अवतारों की आराधना होती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर में यह अक्टूबर नवम्बर में आता है। इस त्यौहार को हम बुराई पर अच्छाई के विजय के रूप में भी जानते हैं।

नवरात्री में 9 दिनों तक दुर्गा माँ के 9 रूपों की पूजा होती है तथा 10 वें दिन को हम दशहरा के रूप में मनाते हैं। यह महाराष्ट्र, गुजरात तथा पश्चिम बंगाल का एक प्रमुख त्योहारों में से एक है। इन दिनों लोग अपने घर में माता की मूर्ति को स्थापित करते हैं तथा 9 दिनों तक उपवास रखते हैं, उपवास के जरिये लोग अपनी श्रद्धा को माता के समक्ष दिखाते हैं।

नवरात्री के प्रकार

नवरात्रि पर निबंध

सभी परम्पराओं के साथ नवरात्री को नौ दिनों तक मनाया जाता है। हर वर्ष नवरात्री चार बार आती है शारदा नवरात्रि, वसंत नवरात्रि, आषाढ़ नवरात्रि, पौष नवरात्रि।

  • शारदा नवरात्रि, नवरात्री के प्रकारो में से सबसे महत्वपूर्ण है। यह भारत के पूर्वी भाग में मनाया जाता है, कुछ जगहों पर शारदा नवरात्री को महानवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। भगवान राम ने अपनी पत्नी की खोज में लंका जाने से पहले शारदा नवरात्री की पूजा की थी।
  • वसंत नवरात्रि, नवरात्री के प्रकारो में दूसरी सबसे महत्वपूर्ण है। वसंत नवरात्रि उत्तरी भाग में व्यापक रूप से जम्मू में प्रसिद्ध वैष्णो देवी मंदिर की भव्यता में मनाया जाता है। इसे चैत्र नवरात्री भी कहा जाता है।
  • आषाढ़ नवरात्रि को भारत के कुछ ही हिस्सों में मनाई जाती है इसे हम गुह्य नवरात्रि के नाम से भी जानते हैं। आषाढ़ नवरात्रि को देवी के नौ रूपों के समर्पण में मनाया जाता है।
  • पौष नवरात्रि को पौष शुक्ल पक्ष के दौरान भारत में मनाया जाता है। इन सभी नवरात्रों में शारदा नवरात्रि तथा वसंत नवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण हैं।

नवरात्रि का इतिहास (नवरात्रि पर निबंध)

नवरात्री का इतिहास बहुत ही पुराना है, यह माना जाता है की एक समय महिषासुर राक्षस ने भगवन ब्रह्मा की कड़ी तपस्या कर उन्हें प्रसन्न किया और बदले में उसने अमरता का वरदान माँगा। लेकिन ब्रह्मा जी के द्वारा उसे अमरता का वरदान नहीं दिया इसलिए महिषासुर ने यह वर माँगा की उसे देव, दानव, मनुष्य तथा कोई भी जानवर मेरा वध न कर पाए, मेरा वध केवल एक स्त्री ही कर पाए। ब्रह्मा के द्वारा उसे यह वर दे दिया गया। जब महिषासुर को यह वर मिला तो उसने देवलोक तथा पृथ्वी पर निर्दोषो के ऊपर हमला करने लग गया।

यह देखते हुए सभी देवताओं ने देवी पार्वती से उनके अवतार दुर्गा को प्रकट करने के लिए आवाह्न किया। देवी दुर्गा को सभी देवो द्वारा के द्वारा अपने अपने शस्त्र तथा शक्तियां प्रदान की गयी। और फिर देवी दुर्गा पृथ्वी पर अवतरित हुई। देवी दुर्गा के द्वारा महिसासुर राक्षस के साथ 9 दिनों तक युद्ध किया तथा 10 वें दिन देवी दुर्गा के द्वारा महिसासुर राक्षस का वध कर दिया गया।

नवरात्रि का महत्व

नवरात्री नौ दिनों का एक त्यौहार है जिसे हम अच्छाई पर बुराई की जित के तौर पर भी मनाते हैं, लोगों के द्वारा ऐसा माना जाता है की 9 दिनों तक देवी दुर्गा की आराधना करने पर उनको आंतरिक शक्ति प्राप्त होती है। लोग 9 दिनों का उपवास रख कर माँ दुर्गा से अपनी मनोकामना रखते हैं तथा भविष्य के लिए उनसे उनका आशीर्वाद मांगते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार चैत्र नवरात्री मार्च अप्रैल के महीने में आती है। यह हिन्दू कैलेंडर का प्रथम महीना होता है, इसलिए इस नवरात्री को हम चैत्र नवरात्री भी कहते हैं। यह नए मौसम का प्रतीक भी है क्योंकि इस महीने से नए नए फूल खिलना भी प्रारम्भ हो जाते हैं।

नवरात्री के नौ दिनों का विवरण नवरात्रि पर निबंध

नवरात्री के 9 दिन माँ दुर्गा के नौ अवतारों को समर्पित होते हैं जो की निम्न है :-

  • पहला दिन – शैलपुत्री :- देवी पार्वती जी का एक अवतार शैलपुत्री भी है। इस रूप में उन्हें महाकाली के प्रत्यक्ष अवतार में लाल रंग की साड़ी के साथ उन्हें दिखाया गया है जिसमे की वह हाथों में त्रिशूल लिए नंदी की सवारी करती हैं।
  • दूसरा दिन – ब्रह्मचारिणी :- यह देवी पार्वती जी का अविवाहिता, सती का एक अवतार है। वह इस रूप में शांति का प्रतीक है इसलिए उनके हाथ में कमंडल तथा माला को दर्शाया गया है।
  • तीसरा दिन – चंद्रघंटा :- माता पार्वती जी के द्वारा शिव जी के साथ विवाह के समय अर्धचंद्र धारण किया गया था इस रूप को चंद्रघंटा के रूप में दर्शाया गया था।
  • चौथा दिन – कुष्मांडा :- देवी पार्वती जी का कुष्मांडा रूप को ब्रह्मांड की रचनात्मक शक्ति के रूप में जाना जाता है। इसलिए इस अवतार का रंग हरा है जिसमे माता बाघ की सवारी करते हुए दर्शाया गया है।
  • पांचवां दिन- स्कंदमाता :- माता का यह रूप एक माँ की ताकत को दर्शाती है। ऐसा माना जाता है की जब माँ का बच्चा किसी खतरे में होता है तो वह इस रूप में होती है। इस रूप में माँ को बच्चे को गोद में लेके बाघ की सवारी करते हुए दर्शया गया है।
  • छठा दिन- कात्यायनी :- यह एक योद्धा देवी है जिन्हे चार भुजाओं के साथ प्रदर्शित किया गया है। इस रूप को साहस का प्रतीक बताया गया है जिसमे की माँ बाघ की सवारी करती हुई नजर आती हैं।
  • सातवां दिन- कालरात्रि :- यह देवी दुर्गा का सबसे हिंसक रूप है। यह रूप देवी के द्वारा तब लिया गया था जब निशुंभ और शुंभ राक्षसों का वध किया था। ऐसा मन जाता है की काली का अवतार लेते समय देवी की त्वचा सफ़ेद थी लेकिन बाद में क्रोध के कारण उनकी त्वचा काली हो गयी।
  • आठवां दिन- महागौरी :- यह रूप देवी का शांत एवं आशावाद को दर्शाता है।
  • नौवां दिन- सिद्धिदात्री :- यह रूप देवी का सभी सिद्धियों की शक्ति का दर्शन करती हैं ,इसमें माता का रूप एक कमल में विराजमान होता है।

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उपसंहार

नवरात्री के दिनों में देवी के सभी रूपों को ख़ुशी व हर्षोलास के साथ मनाया जाता है तथा लोगो के द्वारा अपने घरो तथा बड़े बड़े पंडालों में देवी की मूर्ति की स्थापना की जाती है। यह त्यौहार देश में सभी नागरिको को एक साथ लाता है तथा अपनी पुराणी संस्कृति को भी दर्शाता है। सभी राज्यों तथा क्षेत्रों के लोग आपस में मिलकर इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मानाते हैं।

नवरात्रि पर निबंध से जुड़े कुछ प्रश्न एवं उत्तर

2023 में नवरात्री कब है ?

2023 में 22 मार्च 2023, मंगलवार समापन 30 मार्च 2023 को है तथा शारदीय नवरात्री 15 अक्टूबर 2023 से 24 अक्टूबर 2023 तक है

भारत में कितनी प्रकार की नवरात्री मनाई जाती है ?

हर वर्ष नवरात्री चार बार आती है शारदा नवरात्रि, वसंत नवरात्रि, आषाढ़ नवरात्रि, पौष नवरात्रि।

नवरात्री का मतलब क्या है ?

“नव” का अर्थ होता है नौ और “रात्रि” का अर्थ होता है रात, इस तरह से नवरात्री का अर्थ है नौ रातों तक देवी की आराधना करना।

देवी पार्वती जी का शैलपुत्री रूप क्या है ?

देवी पार्वती जी का शैलपुत्री रूप में उन्हें महाकाली के प्रत्यक्ष अवतार में लाल रंग की साड़ी के साथ उन्हें दिखाया गया है जिसमे की वह हाथों में त्रिशूल लिए नंदी की सवारी करती हैं।

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