देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक सिविल सेवा परीक्षा में इशिता किशोर ने पूरे देश में अपना पहला स्थान पाया है। जी हाँ बीते मंगलवार 23 मई को संघ लोक सेवा आयोग के द्वारा सिविल सेवा परीक्षा 2022 के परिणाम को घोषित कर दिया गया है।
इस सिविल सेवा परीक्षा 2022 में टॉप करने वाली इशिता किशोर ने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से अर्थशास्त्र में बीए ऑनर्स किया था। जिस प्रकार 2021 के परीक्षा के जारी नतीजों में प्रथम चार स्थानों में लड़कियों ने बाजी मारी थी।
उसी प्रकार 2022 के परीक्षा के जारी नतीजों में भी प्रथम चार स्थानों पर लड़कियों ने ही बाजी मारी है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से 2022 यूपीएससी परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली इशिता किशोर का जीवन परिचय बताने जा रहे हैं।
2022 सिविल सेवा का परिणाम मंगलवार 23 मई को संघ के द्वारा घोषित किया गया। UPSC के द्वारा अपने बयानों में कहा गया है की इस बार 933 उम्मीदवारों का चयन हुआ है। जिसमे से की टॉप 4 में देश की बेटियों के ही नाम है और बिहार की बेटी इशिता किशोर प्रथम स्थान हासिल करने वाली टॉपर हैं।
इशिता किशोर कौन है?
दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से अर्थशास्त्र (ऑनर्स) स्नातक करने वाली इशिता किशोर सिविल सेवा परीक्षा 2022 बैच की टॉपर हैं। इनके द्वारा तीसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में पहली रेंक हासिल की गयी।
यह अपने पिछले दो प्रयासों में प्रिलिम्स भी क्वालीफाई नहीं कर पाई थी। लेकिन तीसरे प्रयास में इनके द्वारा यूपीएससी में टॉप किया गया। 1996 में जन्मी किशोर का मूल निवास पटना में है लेकिन लेकिन इनकी पढाई दिल्ली में ही हुई है।
इशिता किशोर ने एयरफोर्स बाल भारती स्कूल से 2014 में 12 विं कक्षा की पढ़ाई पूरी की तथा दिल्ली विश्वविद्यालय से अपना स्नातक अर्थशास्त्र विषय में किया।
UPSC Topper Ishita Kishore Biography In Hindi
नाम | इशिता किशोर (Ishita Kishore) |
पेशा | भारतीय आईएएस अधिकारी |
यूपीएससी रैंक | AIR-1 2022 |
उम्र | 27 वर्ष |
जन्म स्थान | बेगमपेट- हैदराबाद, तेलंगाना |
वर्तमान पता | ग्रेटर नॉएडा (गौतमबुद्धनगर) उत्तर प्रदेश |
जन्म तिथि | 1996 |
मूल निवास | पटना बिहार |
नागरिकता | भारतीय |
शैक्षिक योग्यता | अर्थशास्त्र में स्नातक |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
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इशिता किशोर का जीवन परिचय
IAS की परीक्षा में टॉप करने वाली किशोर ने अपने बचपन में ही ठान लिया था की वह एक प्रशाशनिक अधिकारी है बनेगी। इनके पिता का नाम संजय किशोर है जो की वायुसेना में विंग कमांडर अधिकारी थे।
लेकिन वर्तमान में इनके पिता जीवित नहीं हैं। इनकी माता शिक्षिका थी जो की अब सेवा-निवृत्ति हो चुके हैं और अब वह एक कुशल गृहणी हैं।
एयरफोर्स में नौकरी के चलते जब इनके पिता की पोस्टिंग हैदराबाद में थी तब इनका जन्म हुआ था। इशिता का एक भाई भी है जिसका नाम नवनीत है और वह पेशे से वकील है।
इशिता न केवल पढाई में आगे थी बल्कि उन्होंने 2012 में फुटबॉल टूर्नामेंट में सुब्रतो कप खेला था तथा वह अपनी टीम की कप्तान भी थी। इन्होने अपनी हॉबी में पेंटिंग का जिक्र भी किया है जिसमे की ये मधुबनी पेंटिंग बनाती हैं।
इशिता किशोर का यूपीएससी सफर
इशिता ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन कर लेने के बाद अर्न्स्ट एंड यंग कंपनी में रिस्क एनालिस्ट के तौर पर दो साल तक काम किया। दो साल एनालिस्ट के पद पर काम करने के बाद इन्होने यह नौकरी छोड़ दी और सिविल सेवाओं की तैयारी करने लग गयी।
इशिता ने ग्रेजुएशन अर्थशास्त्र में किया था लेकिन सिविल सेवा परीक्षा में राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के साथ वैकल्पिक विषय के रूप में परीक्षा उत्तीर्ण की है।
इशिता इसके साथ ही श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में कॉमर्स सोसाइटी का हिस्सा भी थी जहाँ इन्होंने 2016 तक सचिव के रूप में काम किया और सोसाइटी के अलग-अलग कार्यक्रमों को आयोजित किया।
इंडिया टुडे से बात करते हुए इशिता ने बताया की उन्होंने यूपीएससी के लिए घर से ही पढाई की है। वह बचपन से ही एक ऑलराउंडर के रूप में कार्य करती आ रही हैं।
इनके द्वारा पहले दो प्रयासों में प्रिलिम्स क्वालीफाई भी नहीं हो पाया। तीसरे प्रयास में वे न केवल इंटरव्यू राउंड तक पहुंची बल्कि सिविल सेवा परीक्षा में देश में प्रथम स्थान हासिल किया।
इशिता किशोर से जुडी कुछ बातें
- दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स से इशिता ने अर्थशास्त्र में स्नातक किया।
- इशिता ने अर्न्स्ट एंड यंग कंपनी में दो साल तक रिस्क एनालिस्ट के पद पर काम किया तथा इसके बाद इनके द्वारा यह नौकरी छोड़ सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का फैसला लिया गया।
- 27 वर्ष की इशिता किशोर के द्वारा तीसरे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा पास की गयी, इससे पहले प्रयासों में वह प्रिलिम्स भी क्वालीफाई नहीं कर पाई।
- इशिता प्रतिदिन लगभग 8 से लेकर 9 घंटे पढ़ती रहती थी, यानि की सप्ताह में कम से कम 42 से 45 घंटे पढ़ती थी।
- आमतौर पर यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्र शोशल मिडिया से दूरी बनाते हैं लेकिन इशिता ने सोशल मिडिया नहीं छोड़ा बल्कि तैयारी के समय भी थोड़ा बहुत फोन चलाती रहती थी।
- 2012 में इशिता ने फुटबॉल टूर्नामेंट सुब्रतो कप खेला था जिसमे की वह अपनी टीम की कप्तान थी।
- इशिता ने अपनी नानी तथा माँ से मधुबनी पेंटिंग सीखी जो की बिहार में बहुत ही मशहूर है, इसलिए वह मधुबनी पेंटिंग भी बनती हैं।
सिविल सेवा परीक्षा से संबंधित जानकारी
यूपीएससी के द्वारा CSE के परीक्षा को तीन चरणों में सालाना आयोजित की जाती है। 2022 सिविल सेवा प्रारम्भिक परीक्षा का आयोजन जून 2022 में किया गया था जिसमे की कुल 11,35,697 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था।
तथा इनमे से भी लगभग 5,73,735 उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी। इसके बाद 2022 सितम्बर में सिविल सेवा मुख्य परीक्षा हुई जिसमे लगभग 13,090 नागरिक शामिल हुए थे। 933 नागरिकों ने यूपीएससी 2023 की परीक्षा को पास किया है, जिसमे से भारतीय संघ लोक सेवा आयोग के द्वारा 613 पुरुष तथा 320 महिलाओं का चयन किया गया है।
UPSC Topper इशिता किशोर से संबंधित (FAQ)
भारतीय सिविल सेवा परी़क्षा 2022 बैच में प्रथम स्थान किसने प्राप्त किया?
इशिता किशोर कौन है?
2022 में UPSC में चुने गए अभ्यर्थियों का नाम कैसे देखें ?
UPSC का फुल फॉर्म क्या है?
इशिता किशोर की जाति क्या है ?