वर्तमान समय में प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए किसी भी प्रकार की मोटर गाडी को चलाने से पहले गाडी का प्रदूषण सर्टिफिकेट होना अनिवार्य होता है। गाड़ियों से हो रहे प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा PUC सर्टिफिकेट को बनाना जरूरी कर दिया गया है।
PUC सर्टिफिकेट ना होने पर आपका चालान, जेल और गाडी जब्त की जा सकती है यह सरकार द्वारा जारी मोटर वाहन अधिनियमों के अंतर्गत आने वाला एक प्रमाण पत्र हैं। आप PUC सर्टिफिकेट को कहाँ बना सकते है इसे कैसे ऑनलाइन डाउनलोड करें ये प्रक्रियाएं आपको हमारे द्वारा दी जाएगी।
PUC सेर्टिफिकेट
PUC अर्थात पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल। भारत के मोटर वाहन अधिनियम 1989 के अनुसार किसी भी मोटर वाहन का प्रयोग करने के लिए उस वाहन का वैध PUC सर्टिफिकेट होना चाहिए। वैध PUC सर्टिफिकेट भारत के किसी भी राज्य में मान्य होता है।
यह गाडी द्वारा हो रहे प्रदूषण की रीडिंग की जानकारी देता है। PUC सर्टिफिकेट यह बताता है कि आपके वाहन द्वारा हो रहा प्रदूषण पर्यावरण मानकों के अनुरूप है। इस के होने से यह पता चलता है कि आप भारत के मोटर वाहन अधिनियम का पालन करने वाले एक समझदार नागरिक हैं। नए वाहन के साथ यह विक्रेता द्वारा ही दिया जाता है। बाद में इसका नवीनीकरण करना होता है।
PUC सर्टिफिकेट होने के लाभ
- यदि आपके पास एक वैध PUC सर्टिफिकेट है तो आपका प्रदषूण के लिए चालान नहीं होता है। जिस से आपको गाड़ी चलाने में परेशानी नहीं होती है।
- भारत के किसी भी राज्य में PUC सर्टिफिकेट मान्य होता है यदि आपका PUC सर्टिफिकेट अवैध हो जाये तो भी आप हर राज्य में उसे बना सकते हैं।
- आपकी गाडी के इंजन की खराबी के बारे में आपको पता चल जाता है जिस से आप उसे समय रहते सुधार सकते हैं।
PUC सेर्टिफिकेट ना होने के नुकसान
- यदि आपके पास गाडी चलाते समय PUC सर्टिफिकेट नहीं है तो आप पर भारत के मोटर वाहन अधिनियम 1993 की धारा 193 (2) के अंतर्गत कार्यवाही की जायेगी।
- PUC सर्टिफिकेट न होने पर आपका 10 हजार रूपये तक का चालान हो सकता है एवं आपकी गाडी को जब्त किया जा सकता है।
- PUC सर्टिफिकेट न होने पर आपको 6 माह की जेल भी हो सकती है।
PUC सर्टिफिकेट आवेदन करने की प्रक्रिया
- PUC सर्टिफिकेट को बनाने के लिए आपको नजदीकी पेट्रोल पंप या प्रदूषण जाँच केंद्र में गाडी सहित जाना चाहिए।
- वहां पर उपस्थित कर्मचारी द्वारा आपकी गाडी के कार्बन उत्सर्जन की जाँच की जाएगी। कार्बन उत्सर्जन की जाँच के लिए कर्मचारी द्वारा PUC मशीन को गाडी के साइलेंसर में डाला जायेगा। मशीन कंप्यूटर से जुडी रहती है एवं स्टार्ट गाडी के धुएं की जांच करती है।
- कर्मचारी द्वारा आपकी गाडी के नंबर की फोटो ली जाएगी।
- यदि आपकी गाडी का कार्बन उत्सर्जन पर्यावरण मानकों से अधिक हो तो आपको यह सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा। पर्यावरण मानकों के अनुरूप होने पर PUC सर्टिफिकेट आपको दिया जायेगा।
- प्रदूषण जाँच केंद्र का प्रदूषण जाँच शुल्क जमा करें आपको आपका PUC सर्टिफिकेट मिल जाएगा।
प्रदूषण सर्टिफिकेट ऑनलाइन निकालने की प्रक्रिया
PUC सर्टिफिकेट को ऑनलाइन भी डाउनलोड किया जा सकता है जिसके लिए आपको निम्न चरणों का पालन करना चाहिए:
- सबसे पहले आप सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट parivahan.gov.in पर जाएं।
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाने के बाद PUC Certificate पर क्लिक करें।
- अब नए पेज में आप अपनी गाडी का रजिस्ट्रेशन नंबर भरें, Chassis नंबर के अंत के पांच अंक भरें, एवं कॅप्टचा कोड़े भरें। अब PUC Details पर क्लिक करें।
- आपको आपके PUC सर्टिफिकेट की डिटेल दिखेगी। पेज में थोड़ा नीचे जाने पर Print पर क्लिक करें।
आपका PUC सर्टिफिकेट अब डाउनलोड हो गया है।
PUC सर्टिफिकेट बनाने का शुल्क एवं वैधता
PUC सर्टिफिकेट बनाने के लिए गाडी के प्रकार के आधार पर शुल्क लिए जाते हैं जैसे दोपहिया वाहन पर 80-100 रूपये, तिनपहिया वाहन पर 100-120 रूपये, चार पहिया वाहन पर 120-150 रूपये का शुल्क लिया जाता है। जब कि इसकी फीस का औसत 60 से 100 रुपए तक होता है।
PUC सर्टिफिकेट की वेलिडिटी नए वाहन पर एक साल होती है उसके बाद उसे प्रत्येक 6 महीने में सर्टिफिकेट का नवीनीकरण करना होता है।
क्या सभी गाड़ियों का PUC सर्टिफिकेट बनाना होता है?
PUC सर्टिफिकेट को डाउनलोड करने के लिए किस दस्तावेज की आवश्यकता होती है?
क्या मोबाइल द्वारा भी PUC सर्टिफिकेट डाउनलोड किया जा सकता है?