रजस्थान सरकार द्वारा राज्य के नागरिकों को स्वास्थ्य संबंधित सेवाएं प्रदान करने के लिए राइट टू हेल्थ बिल (Right to Health Bill) जारी किया गया है। बिल के माध्यम से सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाना सरल हो जायेगा।
इस बिल को पारित करने का मुख्य उद्देश्य राज्य के आम नागरिकों को चिकित्सा संबंधित सेवाएं प्रदान करना है दुर्घटना या गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को बहुत से लाभकारी राइट्स प्रदान किये जायेंगे। जिससे मरीजों एवं उनके परिवार को आर्थिक एवं सामाजिक सहायता प्राप्त हो सकेगी।
सरकार द्वारा बिल को पारित करने का कार्य सितम्बर 2022 से किया जा रहा है एवं कई प्रशिक्षण एवं सुझावों के पश्चात वर्तमान समय में बिल को पारित कर दिया गया है। लेकिन वर्तमान समय में Right to Health Bill की चर्चा ख़बरों में है।
प्रत्येक नागरिक एवं पक्ष विपक्ष समुदाय के नागरिक राइट टू हेल्थ बिल के फायदे के साथ साथ नुकसान की भी शंक्का जाहिर कर रहे है। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से राइट टू हेल्थ बिल फायदे एवं नुकसान से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी साझा करेंगे। जिसके लिए आपको हमारे आर्टिकल को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ना होगा।
Right To Health Bill Kya Hai
राइट टू हेल्थ बिल की शुरुआत राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राज्य के नागरिकों को बिना किसी समस्या के चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए पारित की जा रही है। इसमें आर्थिक रूप से गरीब उम्मीदवारों को निःशुल्क चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाएगी।
सरकार द्वारा बिल को 21 मार्च 2023 में पारित किया गया है, जिसके तहत मरीजों को एमरजेंसी के दौरान तुरंत ट्रीटमेंट प्रदान किया जायेगा। यदि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही देखने को मिलती है तो डॉक्टरों एवं अस्पताल पर कार्यवाही करने का भी पूर्ण अधिकार राइट टू हेल्थ बिल के तहत प्रदान किया गया है।
राज्य के ऐसे परिवार जो इलाज के लिए वित्तीय भुगतान करने में असमर्थ है उनकी जगह स्वयं राज्य सरकार खर्च का भुगतान करेगी। जिससे आर्थिक रूप से असमर्थ रोगी या पीड़ित को चिकित्सा सेवा प्राप्त हो सके। साथ ही अस्पताल में एमरजेंसी के समय आने वाले मरीज को पहले उपचार भी वित्तीय भुगतान करने का अधिकार प्रदान किया जायेगा।
Right To Health Bill की सहायता से गंम्भीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को निःशुल्क एबुलेंस सुविधा भी प्रदान की जाएगी। इसके आलावा घटना स्थल से पीड़ित मरीज को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को 5,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाएगी।
Right To Health Bill Highlights
आर्टिकल | Right To Health Bill Kya Hai |
किसके द्वारा शुरू की गई है | मुख्यमंत्री अशोक गहलोद द्वारा |
अनुदान राशि | 5,000 रुपये |
लाभार्थी | राज्य के निवासी |
बिल पारित करने की तिथि | 21 मार्च 2023 |
राइट टू हेल्थ बिल नुकसान यहां देखें
विपक्ष पार्टी द्वारा बिल को पारित करने पर विरोध किया जा रहा है जिसकी पूरी जानकारी नीचे निम्नलिखित है :-
बिल के माध्यम से राज्य के निजी अस्पतालों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा। क्योकि सरकारी बिल के माध्यम से वह किसी ही मरीज का निशुल्क इलाज करने के लिए बाध्य हो जायेंगे। जिससे उन्हें आर्थिक रूप से नुकसान झेलना पड़ेगा। राज्य के सभी नीति अस्पतालों को वित्तीय घाटे का सामना करना पड़ेगा।
इस बिल को एक पक्षधारी बताया जा रहा है क्योकि जैसा हम जानते है सरकारी अस्पतालों के स्टाफ को वेतन देने की पूरी जिम्मेदारी सरकार की होती है लेकिन निजी अस्पताल के कर्मचारियों को अस्पताल से प्राप्त आय से ही वेतन प्राप्त होता है।
जिस कारण अस्पताल अपने कर्मचारियों को उनका वेतन देने में असमर्थ हो जायेंगे जो की बहुत बड़ी समस्या का कारण बन सकता है। इसलिए इस बिल के लिए कई निजी अस्पताल एवं विपक्ष पार्टी विरोध कर रही है।
क्या अब भी इसे Right to Health Bill कहा जाए !!! pic.twitter.com/CdVHluspDv
— Dr. Prabhat Sharma (विश्वकर्मा) (@prabhat_sharmaa) March 12, 2023
राइट टू हेल्थ बिल फायदे
Right To Health Bill पारित करने से राज्य के नागरिकों को इलाज संबंधित कई लाभ प्राप्त हो सकेंगे, जिनका स्पष्ट विवरण नीचे प्रस्तुत किया गया है :-
- राइट टू हेल्थ बिल को सरकार द्वारा संचालित किया गया है, इसलिए प्रत्येक सरकारी अस्पतालों में बिल के नियमों का पालन किया जायेगा। जिसके माध्यम से राज्य के अंतर्गत स्तिथ सभी अस्पतालों में उम्मीदवार इलाज करवाने में सक्षम होंगे।
- इस बिल के माध्यम से एमरजेंसी में आये मरीज को प्राथमिक उपचार प्रदान किया जायेगा। किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतने पर अस्पताल पर कठिन कार्यवाही की जाएगी एवं जुर्माना भी प्राप्त किया जायेगा।
- इस नियम के अंतर्गत आतंकवाद नेचुरल बायोलॉजिकल खराबी पैदा करने वाले बैक्टीरिया, वायरस, जहरीले पदार्थ, परमाणु हमला, आबादी की बड़ी तादाद में मौत, दुर्घटना, केमिकल अटैक, गैसों का फैलना और जोखिम दुर्घटनाएं इत्यादि जोखिमों से संक्रमित मरीजों को सम्मिलित किया गया है।
- बिल के तहत एमरजेंसी में निजी अस्पतालों में भी मरीज को सभी चिकित्सा सेवा निःशुल्क प्रदान की जाएगी।
- राज्य सरकार द्वारा संचालित बिल की सहायता से पीड़ित को एमरजेंसी मेडिकल ट्रीटमेंट डायग्रोसिस, प्रोसिजर्स, जाँच, मेडिसन्स, नर्सिंग एवं अन्य उपचार सेवाएं प्रदान की जाएँगी।
- सरकार के साथ साथ अन्य सेवा संस्थाएँ जैसे इंडोर आउटडोर यूनिट, सरकारी प्राइवेट स्वामी से संचालित किए जा रहे संस्थान, फेंडेंट और कंट्रोल्ड इंस्टीट्यूट भी शामिल है। जिसके माध्यम से उम्मीदवारों को गवर्नमेंट और प्राइवेट इंस्टिट्यूट, फैसिलिटी, बिल्डिंग भी जोड़े जांयेंगे।
- Right To Health Bill के अंतर्गत दुर्घटना स्थल से मरीज अस्पताल पहुंचकर उनकी सहायता करने वाले नागरिकों को उनके सहायक स्वभाव के लिए उन्हें 5,000 रुपये की राशि प्रदान करके प्रोत्साहित किया जायेगा।
- स्कीम के तहत किसी भी शिकायत का निपटारा करने के लिए एक अलग सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी। जिससे जल्द से जल्द आवेदक को राहत पहुंचाई जा सकेगी।
- अस्पतालों में लापरवाही करने पर पीड़ित की समस्याओं के निवारण के लिए 24 घंटों के अंतर्गत कड़ी कार्यवाही शुरू की जाएगी। साथ ही शिकायत के 30 दिनों के भीतर कार्यवाही का परिणाम निकाल जायेगा।
- महिलाओं के ट्रीटमेंट के दौरान कम से कम एक महिला असिस्टेंट को चिकित्सा के दौरान नियुक्त किया जायेगा।
- डॉक्टर को दिखाना, परामर्श, दवाइयां, इमरजेंसी ट्रांसपोर्टेशन जैसे एंबुलेंस सुविधा, प्रोसीजर और सर्विसेज, आपातकालीन ट्रीटमेंट निशुल्क मिलेगा।
- बिल के अंतर्गत कीमोथेरिपी सर्जरी इत्यादि के इलाज के लिए मरीज की गोपनीयता को खास ख्याल रखा जायेगा।
- सड़क दुर्घटना के कारण पीड़ित मरीजों को बिना किसी फॉर्म फील करवाए तुरंत फ्री ट्रीटमेंट, फ्री इंश्यॉरेंस कवर एवं फ्री ट्रांसपोर्टेशन आदि सुविधाएं प्रदान की जाएगी।
राइट टू हेल्थ बिल से संबंधित प्रश्न एवं उत्तर
राइट टू हेल्थ बिल को किस तिथि में जारी किया गया है ?
Right To Health Bill किसके द्वारा शुरू की गई है ?
राइट टू हेल्थ बिल के तहत प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहन राशि कितनी है ?
Right To Health Bill के अंतर्गत लाभार्थी कौन है ?