वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में बहुत से देश प्रभावी परिणाम नहीं दिखा पा रहे हैं। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा मंगलवार को जारी 2023 के करप्शन परसेप्शन्स इंडेक्स (CPI) के आंकड़े यही बता रहे हैं कि दुनिया के दो-तिहाई से अधिक देशों ने 50 से नीचे का स्कोर हासिल किया है। डेनमार्क लगातार छठे वर्ष इस सूची में शीर्ष पर है, जबकि सोमालिया सूची में सबसे नीचे है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यहां भ्रष्टाचार सबसे अधिक है।
इस सूची में साल 2018 से लगातार 12 देशों के CPI स्कोर में गिरावट आई है, जिसमें निम्न और मध्यम आय वाले देश जैसे कि एल सेल्वाडोर, होंडुरस, लाइबेरिया, म्यांमार, निकारागुआ, श्रीलंका, और वेनेजुएला शामिल हैं। इनमें से पांच देशों का स्कोर 30 से भी कम है। इसके विपरीत, इस अवधि में 8 देशों में CPI स्कोर में सुधार हुआ है, जिनमें आयरलैंड, दक्षिण कोरिया, आर्मेनिया, वियतनाम, मालदीव, मोल्डोवा, एंगोला, और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।
भारत और पड़ोसी देशों की स्थिति
भारत में, 2022 की तुलना में 2023 में भ्रष्टाचार बढ़ा है, जिसमें भारत 93वें स्थान पर आ गया है। वहीं, भारत के पड़ोसी देशों में भूटान सबसे कम भ्रष्टाचार वाले देश के रूप में 26वें स्थान पर है। चीन 76वें स्थान पर है, और यहां भी 2022 के मुकाबले 2023 में भ्रष्टाचार बढ़ा है। श्रीलंका 115वें, नेपाल 108वें, पाकिस्तान 133वें, बांग्लादेश 149वें, और अफगानिस्तान 162वें स्थान पर है, जो भारत से अधिक भ्रष्टाचार वाले देश हैं।
डेनमार्क में है सबसे कम भ्रष्टाचार
डेनमार्क विश्व में सबसे कम भ्रष्टाचार वाले देश के रूप में शीर्ष पर है, जबकि सोमालिया सबसे अधिक भ्रष्टाचार वाला देश है। इस सूची में एशिया से सिर्फ सिंगापुर टॉप 10 में शामिल है, जबकि टॉप 20 में हांगकांग और जापान भी हैं। इस सूची से यह पता चलता है कि वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में अभी भी बहुत से देश पीछे हैं।
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