कर्नाटक से कांग्रेस के एकमात्र लोकसभा सदस्य, डीके सुरेश कुमार ने हाल ही में एक बड़ा विवादित बयान दिया, जिसमें उन्होंने भारत की अखंडता पर प्रश्न उठाते हुए केंद्र सरकार पर राज्यों के बीच धन के अनुचित वितरण का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत को अनुचित रूप से उपेक्षित किया जा रहा है, जिसके चलते उन्होंने ‘अलग देश’ की मांग की।
उनकी यह टिप्पणी केंद्रीय बजट के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया स्वरूप आई है, जिसमें उन्होंने दक्षिण भारत के प्रति भेदभाव का आरोप लगाया। डीके सुरेश का कहना है कि दक्षिण भारत के लिए निर्धारित फंड को उत्तर भारत में आवंटित किया जा रहा है।
भाजपा सांसद ने दी प्रतिक्रिया
इस बयान पर तेजस्वी सूर्या, भाजपा सांसद ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस का इतिहास ‘बांटो और राज करो’ की नीति का रहा है और डीके सुरेश इसी नीति को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने आंकड़ों के माध्यम से यह भी दिखाने की कोशिश की है कि कर्नाटक को किस प्रकार से केंद्रीय सरकार द्वारा फंड आवंटित किया गया है।
इसी कड़ी में, बीजेपी सांसद ने कहा कि कांग्रेस का विचार उपनिवेशवादियों से भी बदतर है। वहीं, राज्य के एक अन्य बीजेपी नेता, आर अशोक ने कहा कि एक ओर जहां राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के माध्यम से देश को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं डीके सुरेश देश को तोड़ने की बात कर रहे हैं।
कांग्रेस ने अपने सांसद का बचाव किया
कांग्रेस ने अपने सांसद का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने ‘लोगों की राय’ को जाहिर किया है। डीके शिवकुमार, कर्नाटक के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री, ने कहा कि उनके भाई डीके सुरेश ने सिर्फ जनता की राय को व्यक्त किया है।
यह घटनाक्रम न केवल राजनीतिक मंच पर बल्कि समाज के बीच भी गहरी चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बहस ने भारतीय संघ के अंतर्गत राज्यों के बीच संतुलन और समानता के मुद्दे को फिर से सामने ला दिया है।
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