Income tax savings : नौकरीपेशा व्यक्तियों की आय का एक बड़ा हिस्सा कर के रूप में चला जाता है। कर से बचने के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) एक बेहतरीन विकल्प है। एनपीएस में निवेश करने से अतिरिक्त कर छूट का लाभ उठाया जा सकता है। कर्मचारी अपने मानव संसाधन विभाग (HR) से संपर्क करके एनपीएस में निवेश कर सकते हैं।
आयकर बचत का मौसम आ गया है। वित्तीय वर्ष के अंतिम तीन महीने शेष हैं, जिसमें निवेश करके आप कर चिंताओं से मुक्त हो सकते हैं। लेकिन, निवेश कहां करें? क्या 80सी की छूट के अलावा कोई बेहतरीन विकल्प भी है? जी हां, बिल्कुल!
नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस), जिसे न्यू पेंशन स्कीम भी कहा जाता है, सरकार द्वारा संचालित एक निवेश योजना है। यह डबल टैक्स लाभ प्रदान करता है, जिसमें 50,000 रुपये तक की कर छूट शामिल है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि एनपीएस में खुद से निवेश करना उतना फायदेमंद नहीं है? अगर आप एनपीएस को अपने नियोक्ता के माध्यम से लेते हैं तो आपको अधिक लाभ मिलते हैं, जिसमें कर छूट में भी वृद्धि शामिल है।
80CCD में मिलती है अतिरिक्त छूट
नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में निवेश करके आप आयकर में डबल छूट का लाभ उठा सकते हैं। यह छूट धारा 80CCD के तहत मिलती है, जिसके दो उप-भाग हैं – 80CCD(1) और 80CCD(2)। इसके अलावा 80CCD(1) का एक और उप-भाग भी है – 80CCD(1B)।
80CCD(1) के तहत आप 1.5 लाख रुपये तक और 80CCD(1B) के तहत 50 हजार रुपये तक की कर छूट प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन, 80CCD(2) आपको इन 2 लाख रुपये की छूट के अलावा भी आयकर में छूट का दावा करने का मौका देता है।
कैसे मिलता है ज्यादा टैक्स छूट का फायदा?
यह अवधि के शेष समय में रोजगारी स्थल से एनपीएस में निवेश के लिए छूट है। यह एनपीएस के माध्यम से निवेश करने के लिए कार्यकर्ता को एनपीएस के माध्यम से टैक्स छूट का लाभ मिलता है जो रोजगारी स्थल द्वारा प्रदान किया जाता है। आप अपनी मौलिक वेतन और भत्ते का 10 प्रतिशत एनपीएस में निवेश कर सकते हैं, जिसका लाभ आपको रोजगारी स्थल से मिलता है। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए, इसे 14 प्रतिशत एनपीएस में निवेश किया जाता है, जिसमें टैक्स छूट की व्यवस्था होती है। अधिकांश कंपनियाँ एनपीएस की सुविधा प्रदान करती हैं और आप कंपनी के एचआर से संपर्क करके एनपीएस में निवेश कर सकते हैं। इससे आपको अतिरिक्त टैक्स छूट का लाभ मिल सकता है।
कैसे करें टैक्स की कैलकुलेशन?
मान लीजिए आपकी सैलरी 10 लाख रुपए है. ये सैलरी टैक्सेबल इनकम होगी. लेकिन, कुल सैलरी में से 80C का 1.5 लाख रुपए और 80CCD(1B) का 50 हजार रुपए डिडक्शन निकाल दें. इसके बाद 50 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी घटा दें. अब टैक्सेबल इनकम 7.50 लाख रुपए बचेगी. अगर आपने अपनी कंपनी की तरफ से सैलरी में रीइम्बर्समेंट रखा है तो यूनिफॉर्म अलाउंस, ब्रॉडबैंड अलाउंस, कन्वेंस अलाउंस, एंटरटेनमेंट जैसे रीइम्बर्समेंट से करीब 2.50 लाख रुपए तक टैक्स बचा सकते हैं. रीइंबर्समेंट क्लेम करने के बाद टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपए होगी.
Zero हो जाएगा आपका इनकम टैक्स
जब आप अपने नियोक्ता के माध्यम से एनपीएस में निवेश करते हैं, तो आपको सेक्शन 80CCD(2) के अंतर्गत 50,000 रुपये का निवेश करने की अनुमति होती है। इसका परिणाम स्वरूप, आपकी करनीय आय को कम किया जाता है, जिससे आपकी करनीय आय 5 लाख रुपये से कम हो जाती है। इस निवेश के लिए, आपको सेक्शन 87A के तहत रिबेट का लाभ प्राप्त होता है, जिससे आपके कुल इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगता।
बेसिक सैलरी से तय होगा निवेश
नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में नियोक्ता द्वारा निवेश एक अद्भुत अवसर है जो आपको करों में भारी बचत करने का मौका देता है। यह योजना आयकर की धारा 80CCD(2) के तहत अतिरिक्त कर छूट प्रदान करती है।इस योजना में निवेश की कोई सीमा नहीं है, लेकिन आपका अधिकतम निवेश आपकी बेसिक सैलरी पर निर्भर करता है। सामान्य कर्मचारियों के लिए यह 10% और केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 14% तक हो सकता है।
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