Movable And Immovable Property: संपत्ति से जुड़ी शब्दावली आम लोगों के लिए समझना मुश्किल हो सकता है, खासकर जब चल और अचल संपत्ति के बीच अंतर की बात आती है।
संपत्ति के प्रकार जाने
संपत्ति का सामान्य विभाजन दो प्रकारों में होता है जिनके नाम है चल संपत्ति और अचल सम्पति। इन दोनों ही प्रॉपर्टी के बारे में सही जानकारी इस प्रकार से है –
चल संपत्ति
वह संपत्ति जिसे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाया जा सकता है। उदाहरण: नकदी, आभूषण, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन
अचल संपत्ति
वह संपत्ति जिसे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान नहीं ले जाया जा सकता है। उदाहरण: जमीन, इमारतें, घर, दुकानें, कारखान।
चल और अचल संपत्ति की कुछ महत्वपूर्ण बातें
- अचल संपत्ति का मूल्य आमतौर पर चल संपत्ति से अधिक होता है।
- अचल संपत्ति का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है।
- चल संपत्ति का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी नहीं होता है।
- अचल संपत्ति के हस्तांतरण के लिए स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क देना होता है।
- चल संपत्ति के हस्तांतरण के लिए स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं देना होता है।
चल और अचल संपत्ति के बीच अंतर
चल और अचल संपत्ति के बीच अंतर समझना महत्वपूर्ण है खासकर जब कानूनी मामलों की बात आती है। यह एक महत्वपूर्ण अंतर है क्योंकि अचल संपत्ति और चल संपत्ति पर अलग-अलग कर नियम लागू होते हैं।
अचल संपत्ति पर कर:
- अचल संपत्ति पर पूंजीगत लाभ कर (सीजीटी) लगता है।
- सीजीटी की गणना संपत्ति के मूल्य में वृद्धि के आधार पर की जाती है।
- अचल संपत्ति के लिए सीजीटी की दरें चल संपत्ति के लिए सीजीटी की दरों से अधिक हो सकती हैं।
चल संपत्ति पर कर:
- चल संपत्ति पर अल्पकालिक पूंजीगत लाभ कर (एसटीसीजी) या दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर (एलटीसीजी) लगता है।
- एसटीसीजी की गणना संपत्ति को बेचने की तारीख और खरीदने की तारीख के बीच मूल्य में अंतर के आधार पर की जाती है।
- एलटीसीजी की गणना संपत्ति को बेचने की तारीख और खरीदने की तारीख के बीच मूल्य में अंतर के आधार पर की जाती है, और यह मुद्रास्फीति के लिए समायोजित होती है।
- चल संपत्ति के लिए एसटीसीजी और एलटीसीजी की दरें अचल संपत्ति के लिए सीजीटी की दरों से कम हो सकती हैं।
कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
पेड़, पौधे, घास और अन्य वस्तुएं जो जमीन से उपजी होती हैं, उन्हें अचल संपत्ति नहीं माना जाता है। इसका मतलब यह है कि आयकर अधिनियम के अनुसार, अगर जमीन से उपजी किसी वस्तु को बेचा जाता है और उस पर टैक्स लगता है तो भी वह अचल संपत्ति नहीं मानी जाएगी।
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