Women Property Rights: हिंदू उत्तराधिकार कानून, 1956 की धारा 15 (1) महिलाओं की संपत्ति के बंटवारे को नियंत्रित करती है। यह धारा बकायदा प्रॉपर्टी के उत्तराधिकारियों का वरीयता क्रम भी स्थापित करती है। भारत में संपत्ति संबंधी नियम/कानून धार्मिक आधार पर भिन्न होते हैं। हिंदू कानून के तहत बौद्ध, जैन, और सिख धर्मों के लोग भी आते हैं, जबकि मुस्लिम कानून अलग है।
हिंदू उत्तराधिकार कानून, 1956 की धारा 15 (1)
हिंदू उत्तराधिकार कानून, 1956 की धारा 15 (1) महिलाओं की संपत्ति के बंटवारे को नियंत्रित करती है। यह धारा बकायदा संपत्ति के उत्तराधिकारियों का वरीयता क्रम भी स्थापित करती है।
वरीयता क्रम
- पुत्र और पुत्री: मृत महिला के पुत्र और पुत्री, चाहे वे विवाहित हों या अविवाहित, संपत्ति के समान हिस्सेदार होंगे।
- पति: मृत महिला का पति, यदि जीवित हो, संपत्ति का हिस्सेदार होगा।
- माता-पिता: मृत महिला के माता-पिता, यदि जीवित हों, संपत्ति के समान हिस्सेदार होंगे।
- पिता के उत्तराधिकारी: यदि मृत महिला के माता-पिता नहीं हैं, तो उनके पिता के उत्तराधिकारी संपत्ति के हिस्सेदार होंगे।
- माँ के उत्तराधिकारी: यदि मृत महिला के माता-पिता और पिता के उत्तराधिकारी नहीं हैं, तो उनकी मां के उत्तराधिकारी संपत्ति के हिस्सेदार होंगे।
मुस्लिम महिला की प्रॉपर्टी का बंटवारा
मुस्लिम महिलाओं के मामले में संपत्ति का बंटवारा हिंदू महिलाओं से अलग होता है। मुस्लिम महिलाओं का अपनी संपत्ति पर पूरा नियंत्रण होता है। वह अपनी संपत्ति को अपने मनमाफिक किसी को भी दे सकती है।
वसीयत बनाकर प्रॉपर्टी देना
- महिला अपनी संपत्ति का सिर्फ एक-तिहाई हिस्सा वसीयत के माध्यम से किसी को भी दे सकती है।
- शेष दो-तिहाई हिस्सा शरीयत कानून के अनुसार वारिसों में बांटा जाएगा।
वारिसों का वरीयता क्रम
- पति: पत्नी की मृत्यु के बाद पति उसकी संपत्ति का वारिस होता है।
- पुत्र: पत्नी के पुत्र, चाहे वे विवाहित हों या अविवाहित, संपत्ति के समान हिस्सेदार होंगे।
- पुत्री: पत्नी की पुत्री, चाहे वे विवाहित हों या अविवाहित, संपत्ति के समान हिस्सेदार होंगी।
- माता-पिता: पत्नी के माता-पिता, यदि जीवित हों, संपत्ति के समान हिस्सेदार होंगे।
- पिता के उत्तराधिकारी: यदि पत्नी के माता-पिता नहीं हैं, तो उनके पिता के उत्तराधिकारी संपत्ति के हिस्सेदार होंगे।
- माँ के उत्तराधिकारी: यदि पत्नी के माता-पिता और पिता के उत्तराधिकारी नहीं हैं, तो उनकी मां के उत्तराधिकारी संपत्ति के हिस्सेदार होंगे।
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