देश की केंद्र सरकार द्वारा दिनाँक 5 जुलाई 2020 में एक नई शिक्षा नीति की रूप रेखा को सार्वजानिक रूप से जारी किया गया था। नई नीति के निर्माण के बाद इसको संचालित करने के विभिन्न प्रयास देखे जा सकते हैं। इसी क्रम में नई शिक्षा नीति को सफलतापूर्वक कार्यान्वित करने के लिए निपुण भारत मिशन योजना को तैयार किया गया हैं। निपुण भारत मिशन योजना के द्वारा छात्रों को आधारभूत साक्षरता एवं अंकिय ज्ञान के क्षेत्र में सुदृढ़ बनाना हैं।
निपुण भारत मिशन का विस्तृत रूप में नेशनल इनिसिएटिव फॉर प्रोफिसिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एन्ड नुमारेसी कहा जाता हैं। लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ने के बाद पाठक को योजना का परिचय, कार्यान्वन विधि, उद्देश्य, विशेषताएँ आदि तत्वों की जानकारी प्राप्त होगी।
Annual Status of Education Report के माध्यम से यह तथ्य सामने आया हैं कि पिछले कई वर्षो से विद्यालयों में प्राथमिक शिक्षा लेने वाले छात्रों में ज्यादातर बुनियादी अंक गणित पढ़ और समझ नहीं पाते हैं। रिपोर्ट के इस तथ्य से प्रभावित होकर वर्तमान शिक्षा को बदलने का निर्णय लिया गया हैं।
शिक्षा का ढाँचा किसी भी समाज की दिशा और दशा निर्धारित कर देता हैं इसलिए सरकार शिक्षा के मॉडल को राष्ट्रिय स्तर पर परिवर्तित करके इक्कीसवीं सदी में एक नई पीढ़ी का निर्माण करना चाहती हैं। इस लेख के माध्यम से निपुण भारत मिशन योजना के सन्दर्भ में सभी महत्वपूर्ण जानकारियों पर प्रकाश डालने का प्रयास किया हैं।
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निपुण भारत मिशन योजना का उद्देश्य
निपुण भारत मिशन का मुख्य उद्देश्य कक्षा 3 से कक्षा 6 तक के छात्रों के शिक्षा की आधारभूत शिक्षा को दृढ़ता प्रदान करना हैं। आज के समय में यह महसूस होता हैं कि कक्षा 3 में अध्ययन करने वाले छात्रों के शिक्षा के स्तर को बढ़ाया जाए और उनका सम्पूर्ण मानसिक विकास करने के लिए बुनियादी शिक्षा और पाठ्यक्रम में प्रवीण किया जाए। इसका सबसे बेहतर परिणाम यह होगा कि छात्रों को आगे की कक्षाओं में मिलने वाले पाठ्यक्रम को समझने में बहुत सुविधा होगी चूँकि बड़ी कक्षाओं का पाठ्यक्रम पिछली कक्षाओं से काफी प्रभावित रहता हैं।
मिशन को निर्धन, महिलाओं और अल्पसंख्यक जैसे वंचित समुदायों तक ले कर जाना और पात्रता रखने वाले छात्रों को छात्रवृति, सब्सिडी ऋण आदि के द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान करना। देश में शिक्षा के क्षेत्र में अंतराष्ट्रीय भागीदारी लाने के लिए यूनेस्को, विदेशी सरकार और विश्विद्यालयों के साथ मिलकर कार्य करना।
योजना का नाम | निपुण भारत मिशन |
सम्बंधित मंत्रालय | शिक्षा मंत्रालय |
लाभार्थी | देश के 3 – 9 वर्ष के बच्चे |
विभाग का नाम | विद्यालय और शिक्षा विभाग |
योजना का आरम्भ | 5 जुलाई 2021 |
आधिकारिक वेबसाइट | Major Initiatives | Government of India, Ministry of Education |
निपुण भारत योजना की कार्यान्वयन प्रणाली
नई शिक्षा नीति को छात्रों तक ले जाने के लिए निपुण भारत मिशन योजना को क्रियान्वित किया गया हैं। देश के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में इस मिशन को पहुँचाने का लक्ष्य रखा हैं। राज्य केंद्र शासित हो अथवा सामान्य मिशन को विद्यालयों में पांच स्तरीय तंत्र की स्थापना के अनुसार संचालित किया जाना हैं यह पांच स्तर राष्ट्रिय, राज्य, जिला, ब्लॉक और विद्यालय होंगे। यह सभी कार्य करने की जिम्मेदारी शिक्षा मंत्रालय के विद्यालय और साक्षरता विभाग की होगी।
मिशन के लिए वर्ष 2026-27 तक 3 से 9 वर्ष तक के छात्रों को आधारभूत शिक्षा प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया हैं। मिशन के अंतर्गत प्री स्कूल 1, प्री स्कूल 2, प्री स्कूल 3, (बाल वाटिका) के बाद ग्रेड 1, ग्रेड 2 और ग्रेड 3 कक्षाओं को रखा जायेगा। इन कक्षाओं में छात्रों को भाषा और गणित का सही-सही ज्ञान दिया जाना हैं।
निपुण भारत मिशन की मुख्य विषेशताएँ
निपुण भारत मिशन को 3 से 9 वर्ष की आयुवर्ग के छात्रों के सीखने की आवश्यकताओं को परिपूर्ण करना हैं। बच्चों को सही प्रकार से पढ़ने, लिखने और बोलने में निष्णात करने का प्रयास करना। संख्यातम ज्ञान को सही प्रकार से सीखने के प्रयास में बच्चो का मानसिक विकास होगा और एक भावी पीढ़ी का अस्तित्व तैयार हो जायेगा। छात्रों को बुनियादी भाषा और संख्यात्मक कौशल की शिक्षा के दौरान शिक्षकों को प्रत्येक छात्र के प्रदर्शन पर ध्यान देना होगा जिससे बच्चे सही प्रकार से समझ और लिख सकेंगे।
पाठ्यक्रम को सीखने के दौरान कोई भी छात्र कक्षा में पीछे नहीं रहेगा चूँकि सही प्रकार से प्रदर्शन ना करने वाले बच्चो पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। पढाई के दौरान छात्रों में शिक्षा और पढ़ाई के प्रति रूचि बढ़ेगी और सहपाठियों में सक्षम वातावरण बनेगा।
मिशन के आधार सिद्धांत
किसी भी शिक्षा प्रणाली के मूल में मानवों को तर्कसंगत, कार्य करने में सक्षम, साहसी, लचीला, करुणावान, वैज्ञानिक चिंतक, कल्पनाप्रवीण बनाना हैं। साथ ही ऐसे लोगो को विकसित करना हैं जो देश के संविधान द्वारा परिकल्पित समावेशी और बहुलतावादी समाज का निर्माण कर सके। नई शिक्षा नीति के मुलभुत सिद्धांत विस्तृत स्तर पर शिक्षा प्रणाली और शिक्षा के क्षेत्र से सम्बंधित व्यक्तियों का मार्गदर्शन करेंगे, जो कि इस प्रकार से हैं –
- शिक्षकों एवं अभिभावकों में छात्रों की विशिष्ट क्षमताओं की पहचान, स्वीकृति और वृद्धि का भाव उत्पन्न करना
- छात्रों में सीखने की विधियों में लचीलापन लाना जिससे वे सीखने वाली चीजों में अपनी रूचि के अनुसार चुनाव कर सके
- विभिन्न ज्ञान क्षेत्रों के मध्य चले आ रहे हानिकारक ऊंच-नीच, दुरी एवं असम्बद्धता को समाप्त करना जिससे पाठ्यक्रम, व्यावसायिक और शैक्षिक विधाओं के बीच कोई अलगाव ना रहे (जैसे कि विज्ञान और कला के बीच देखा जाता हैं)
- छात्रों में रटन्ता मानसिकता को समाप्त करना और पढ़ाई को सिर्फ परीक्षा अंक परिणाम तक ही सीमित ना रहने देना
- पाठ्यक्रम को पढ़ाने के लिए बहु-भाषिता को विकसित करके भाषा की शक्ति को विकसित करना
- जीवन से जुड़े कौशल जैसे परस्पर संवाद, कार्य, सहायता को विकसित करना
अधारभूत साक्षरता और संख्यात्मक के प्रकार का विवरण
हम सभी इस तथ्य से भली-भांति परिचित हो चुके हैं की निपुण भारत मिशन का मुख्य लक्ष्य कम आयु वर्ग के छात्रों में आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मक का सही ज्ञान विकसित करना हैं। इन दोनों भागों पर इसलिए अधिक बल दिया जाता हैं चूँकि यही आधारभूत साक्षरता छात्रों के भविष्य की शिक्षा प्राप्त करने का मुख्य माध्यम बनेगी।
आधारभूत साक्षरता –
- पढ़ने की सूझ-बुझ
- मौखिक भाषा का विकास
- डिकोडिंग करना
- भाषा की ध्वन्यात्मकता जागरूकता
- लेखन कौशल का विकास
- प्रवहमान पाठन
संख्यात्मक साक्षरता –
- संख्या और संख्यात्मक संचालन
- पूर्व संख्या अवधारणा विकसित करना
- मापन विधियाँ
- गणितीय तकनीकी
- आकार एवं स्थानिक समाज एवं रुपरेखा
- डाटा सम्हालना
राष्ट्रीय मिशन के कार्य और भूमिका
सरकार का उद्देश्य मिशन को मूलभूत शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना हैं और बुनियादी शिक्षा में छात्रों को वर्ष 2026-27 तक ज्यादा विकसित और सुदृढ़ करना हैं। शिक्षा मंत्रालय योजना से सम्बंधित सभी रणनीति और प्रमाण पत्रों का निर्णाण करेगा और स्कूल एवं साक्षरता विभाग की तरह कार्य करेगा। निपुण भारत मिशन को राष्ट्रीय स्तर पर मिशन निर्देशक और एजेन्सी की अध्यक्षता प्राप्त होगी। छात्रों के आधारभूत ज्ञान को सही दिशा देने के लिए यह जरुरी हैं कि उनको लिखने, पढ़ने और संख्या गणना में कुशल किया जाए।
चूँकि छात्रों के 85 प्रतिशत मस्तिष्क का विकास 6 वर्ष की उम्र तक हो जाता हैं अतः इसी समयान्तराल में छात्रों में लिटरेसी एन्ड न्यूमररेसी का बुनियादी कौशल का विकास करना। इसी आयु में छात्रों को समझने में मज़बूती प्रदान करके उनको भविष्य में ज्ञान प्राप्त करने में समस्या से बचाना।
योजना का प्रशासनिक हस्तांतरण
योजना के सही प्रकार से जमीनी स्तर पर लाकर सफल बनाने के लिए प्रसाशनिक हस्तांतरण को पाँच स्तरों के द्वारा किया जाता हैं, जिनका विस्तृत विवरण निम्न प्रकार से हैं –
- राष्ट्रीय स्तर पर मिशन – योजना के संचालन का राष्ट्रीय स्तर पर कार्य डिपार्टमेंट ऑफ़ स्कूल एजुकेशन एन्ड मिनिस्ट्री ऑफ़ एजुकेशन करेगा। विभाग को मिशन के बहुत से कार्य करने होंगे जैसे कि मिशन का योजना दस्तावेज़ तैयार करना, योजना की रुपरेखा तैयार करना, सीखने का आव्यूह बनाना, छात्रों के सीखने के अंतराल पहचानना, शिक्षकों की क्षमता में वृद्धि करना इत्यादि।
- राज्य स्तर पर मिशन – मिशन को राज्य स्तर पर कार्यान्वित करने का कार्य स्कूल शिक्षा विभाग करेगा। इसके अंतर्गत स्टेट रिपेयरिंग कमिटी को स्थापित किया जायेगा जिसके मुखिया राज्य के सचिव होंगे।
- जिला स्तर पर मिशन – योजना को ज़िले स्तर पर उप-जिलाध्यक्ष एवं डिप्टी कमिश्नर के द्वारा संचालिक किया जायेगा। जिला स्तर पर योजना को लागू करने का कार्य जिला शिक्षा अधिकारी, समिति के सीईओ, जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा तैयार की गयी योजना के माध्यम से होगा। ज़िले स्तर पर योजना को संचालित करने की योजना तैयार करने कर कार्य डिस्ट्रिक्ट स्टीयरिंग कमिटी को करनी होगी।
- ब्लॉक भाग पर मिशन – मिशन को ब्लॉक स्तर पर कार्यान्वित करने का कार्य शिक्षा अधिकारी और ब्लॉक संसाधन व्यक्ति ने करना होगा। जिससे मिशन कर कार्य ब्लॉक स्तर पर बनने वाले ग्रुपों में सही प्रकार से संचालित हो सके। ब्लॉक अधिकारी को योजना के कार्यान्वन की सफलता की जाँच करनी होगी।
- स्कूल प्रबंधन समिति और सामुदायिक भागीदारी – देशभर में योजना के अंतर्गत शिक्षा की जागरूकता को अंतिम रूप से प्रसारित और प्रचारित करने का कार्य स्कूल प्रबंधन एवं सामुदायिक भागीदारों को करना है। विद्यालय के अध्यापको एवं अभिभावकों से भी योगदान लिया जायेगा। योजना के प्रति समाज के अन्य नागरिको को भी शिक्षा में बदलाव के लिए जागरूक किया जायेगा।