सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक ठहराते हुए इस पर रोक लगा दी है। सीजेआई ने एकमत से यह फैसला दिया कि एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से जानकारी सार्वजानिक करनी होगी। एसबीआई इस जानकारी को चुनाव आयोग के साथ साझा करेगा।
पिछले साल नवंबर में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने चुनावी बॉन्ड योजना को सुनवाई की। उन्होंने तीन दिनों तक दलीलें सुनी और फिर मामले में फैसला रखा। याचिकाकर्ताओं ने यह दावा किया कि यह योजना नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कमजोर करती है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि चुनावी बॉन्ड योजना का उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया में नकदी को कम करना है। इसके माध्यम से किए गए दान का विवरण केंद्र सरकार तक नहीं पहुंचता, जिससे भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है।
सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने बताया कि पांच मुख्य बिंदु हैं: 1. चुनावी प्रक्रिया में नकदी का प्रयोग कम करना, 2. वैध बैंकिंग तंत्र को बढ़ावा देना, 3. बैंकिंग चैनलों के गोपनीयता को संरक्षित करना, 4. पारदर्शिता बनाए रखना, 5. रिश्वत को बंद करना। उन्होंने यह भी कहा कि यह योजना सत्ता केंद्रों और हितैषी व्यक्तियों के बीच रिश्वत और भ्रष्टाचार को बढ़ावा नहीं देनी चाहिए।
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