Fasal Sahayata Yojana: बारिश, ओलावृष्टि, सूखा, और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से कई राज्यों में किसानों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। सरकार किसानों के इस नुकसान की भरपाई करने के लिए मुआवजा प्रदान कर रही है। कई राज्यों में सरकार ने अपने स्तर पर भी योजनाएं शुरू की हैं।
इसी साल की योजना के अंतर्गत, सरकार ने किसानों के लिए एक नई योजना शुरू की है जिसका नाम है ‘कृषि सहायता योजना’। इस योजना के अंतर्गत, किसानों को फसलों की हानि के मामले में सरकारी सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत, किसानों को उच्च अनुदान द्वारा फसलों की सुरक्षा के लिए सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि उन्हें अनुदान द्वारा नुकसान की स्थिति से निकलने में मदद की जा सके। यह योजना किसानों को बड़ी संख्या में लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रही है और कृषि सेक्टर को मजबूती प्रदान करने का उद्देश्य है।
यदि आप फसल सहायता योजना के बारे में नहीं जानते हैं, तो आपको इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ना चाहिए। इस पोस्ट में, हम फसल सहायता योजना के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। इसके अलावा, हम आपको यह भी बताएंगे कि आप इस योजना का लाभ कैसे उठा सकते हैं।
आइए जानते है क्या है फसल सहायता योजना
राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए फसल सहायता योजना शुरू की जा रही है। इस योजना के तहत किसानों को फसल के नुकसान की भरपाई की जाएगी। योजना की खासियत यह है कि कम फसल खराब होने पर भी किसानों को मुआवजा मिलेगा।
फसल बीमा योजना के तहत किसानों को मुआवजा तभी मिलता है जब उनकी फसल का 33% या उससे अधिक हिस्सा खराब हो जाता है। लेकिन फसल सहायता योजना में ऐसा नहीं है। इस योजना में कम फसल खराब होने पर भी मुआवजा मिल जाता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी किसान की फसल का 20% हिस्सा खराब हो जाता है, तो उसे फसल सहायता योजना के तहत मुआवजा मिलेगा।
इस योजना के तहत किसानों को कितने रुपए का अनुदान मिलता है
फसल सहायता योजना के तहत किसानों को मुआवजे की राशि फसल के नुकसान की मात्रा के आधार पर तय होती है। अगर किसानों की फसल का 20% नुकसान होता है, तो उन्हें 7,000 रुपये प्रति हेक्टेयर का मुआवजा मिलता है। अगर किसानों की फसल का नुकसान 20% से अधिक होता है, तो उन्हें 10,000 रुपये प्रति हेक्टेयर का मुआवजा मिलता है।
किसानों की फसल के 20% नुकसान पर उन्हें सरकार द्वारा 7,000 रुपये प्रति हेक्टेयर का मुआवजा दिया जाएगा। अगर नुकसान 20% से अधिक है, तो मुआवजा राशि 10,000 रुपये प्रति हेक्टेयर होगी। यह योजना सभी किसानों के लिए लागू है, लेकिन इसके लिए उनके पास स्वयं की जमीन होना आवश्यक है।
आवेदन करने हेतु आवश्यक डॉक्यूमेंट
फसल सहायता योजना के लिए आवेदन करने वाले किसानों के पास कुछ आवश्यक दस्तावेज होने चाहिए। इन दस्तावेजों की आवश्यकता आवेदन प्रक्रिया के दौरान होगी।
- जमीन के सभी कागजात
- मोबाइल नंबर
- आधार कार्ड
- बैंक खाता पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटो
- जो फसल खराब हुई है उसका प्रमाण पत्र
फसल सहायता योजना में कैसे आवेदन करना है
बिहार के मूल निवासी किसान फसल सहायता योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह योजना केवल बिहार के किसानों के लिए लागू है। आवेदन केवल ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से किया जा सकता है।
बिहार राज्य के किसान फसल सहायता योजना के लिए आवेदन करने के लिए सहकारिता आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं। वेबसाइट पर आवेदन पत्र भरने के लिए निर्देश दिए गए हैं। आवेदन पत्र में आवश्यक जानकारी भरने के बाद, सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे। दस्तावेजों में आधार कार्ड, बैंक खाता पासबुक, आय प्रमाण पत्र, भूमि अभिलेख, फसल बीमा पॉलिसी (यदि लागू हो) और फसल नुकसान का प्रमाण पत्र (यदि लागू हो) शामिल हैं। आवेदन शुल्क का भुगतान करने के बाद, आवेदन पत्र सबमिट किया जा सकता है।
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