यह कई बार अनेक लोगो के द्वारा पूछा जाता है की निबंध क्या है। छात्र जीवन में अनेक अनेक विषयों पर हिंदी में निबंध (Hindi Essay Writing) की आवश्यकता होती है। हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है और हिंदी निबंध लेखन के कई फायदे भी होते हैं, इससे हम किसी विषय को व्यवस्थित रूप तथा विचारों की अभिव्यक्ति को स्पष्ट तौर पर लिख सकते हैं। छात्र जीवन एक बहुत ही सुनहरा समय होता है जिसमे की बहुत ज्यादा सीखने का अवसर मिलता है, ऐसे में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निबंध लेखन आपके लिए काफी सहयता प्रदान कर सकता है।
अगर आप भी अपने प्रतियोगी परीक्षाओं तथा स्कूल की परीक्षाओं में अच्छे तरीके से निबंध लिखना चाहते है तो आज हम अपने आर्टिकल के माध्यम से आपको निबंध लेखन की प्रक्रिया बताएंगे। और आपको बताएंगे की निबंध की परिभाषा क्या है ? निबंध कितने प्रकार के होते हैं ? निबंध के मुख्य अंग कौन कौन से होते हैं ? और आपको कुछ Hindi Essay Writing के Topics के बारे में भी बताएंगे। इन सभी विषयों के बारे में आज हम विस्तृत रूप से चर्चा करेंगे इसलिए हमारे आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
निबंध लेखन
निबंध लेखन एक प्रकार का गद्य है जिसे क्रमबद्ध तरीके से लिखा जाता है। अच्छे निबंध लिखने के लिए हमे कुछ बिंदुओं को ध्यान में रखने की जरूरत है जैसे की निबंध की भाषा सरल हो तथा शब्दों की बार-बार पुनरावर्ती न हो। यह हमे निश्चित करना होगा की निबंध पूरी तरह से सुव्यवस्थित तरीके से लिखा हो। निबंध किसी विषय पर विचारों का एक सुव्यवस्थित रूप है, यह किसी भी एक विषय पर लिखा जा सकता है। निबंध की सहायता से व्यक्ति अपने विचारो को विस्तार तरीके से बताने में समर्थ होता है। निबंध लेखन आपको एक ऐसा अवसर प्रदान करता है जिससे की आप अपने ज्ञान को दूसरों के सम्मुख प्रदर्शित करते हैं।
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निबंध की परिभाषा
अगर साधारण शब्दों में हम निबंध की परिभाषा लिखना चाहें तो अपने मानसिक तथा ह्रदय के विचारों तथा भावों को संक्षिप्त रूप और नियंत्रित ढंग से लिखने को निबंध कहते हैं। अगर हम दूसरे शब्दों में कहें तो किसी भी विषय पर अपने विचारो तथा भावो को सुव्यवस्थित तरीके से लिखने को निबंध कहते हैं। निबंध दो शब्दों से मिलकर बन रखा है “नि” तथा “बंध” जिसका अर्थ है भली भांति तरीके से बंधी हुई रचना। यानि की वह रचना जो की सुव्यवस्थित तथा क्रमबद्ध तरीके से लिखा गया हो निबंध कहलाता है। इसी आधार पर हम सरलता से कह सकते हैं की निबंध वह गद्य रचना है जिसे हम सुव्यवस्थित तरीके से लिखते हैं।
निबंध के प्रकार
निबंध को हम प्राय तीन वर्गों में बांटते हैं वर्णात्मक, विचारात्मक और विवरणात्मक। इन तीनो वर्गों की अपनी अपनी अलग अलग परिभाषाएं हैं, नीचे हमारे द्वारा इन तीनो वर्गों को अच्छे तरीके से बताया गया है।
(i) वर्णात्मक:- किसी भी सजीव या निर्जीव की जब हम अपने शब्दों में वर्णन करते हैं तो इसे वर्णात्मक निबंध कहते हैं। यह निबंध किसी भी वस्तु, व्यक्ति, स्थान, स्तिथि, दृश्य इत्यादि के आधार पर लिखे जा सकते हैं। वर्णात्मक निबंध लिखने के लिए आपको अपने विषय को निम्न शाखाओं में बाँटना चाहिए।
- यदि प्रसंग कोई प्राणी हो तब आपको (1) श्रेणी, (2) प्राप्तिस्थान, (3) आकार-प्रकार, (4) स्वभाव, (5) विचित्रता, (6) उपसंहार लिखना होगा।
- यदि विषय कोई ‘मनुष्य’ हो तब आपको (1) परिचय, (2) प्राचीन इतिहास, (3) वंश-परंपरा, (4) भाषा और धर्म, (5) सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन, (6) उपसंहार लिखना होगा।
- अगर विषय कोई स्थान हो तो आपको (1) स्थिति, (2) नामकरण, (3) इतिहास, (4) जलवायु, (5) शिल्प, (6) व्यापार, (7) जाति-धर्म, (8) दर्शनीय स्थान, (9) उपसंहार लिखना होगा।
- अगर प्रसंग कोई वास्तु है तो आपको (1) उत्पत्ति, (2) प्राकृतिक या कृत्रिम, (3) प्राप्तिस्थान, (4) किस अवस्था में पाई जाती है, (5) कृत्रिमता का इतिहास, (6) उपसंहार लिखना होगा।
- यदि विषय कोई पहाड़ है तो आपको (1) परिचय, (2) पौधे, जीव, वन आदि (3) गुफाएँ, नदियाँ, झीलें आदि (4) देश, नगर, तीर्थ आदि (5) उपकरण एवं शोभा, (6) वहाँ बसनेवाले मानव और उनका जीवन, (7) उपसंहार लिखना होगा।
(ii) विवरणात्मक:- किसी भी पौराणिक, ऐतिहासिक या आकस्मिक घटना के विस्तृत वर्णन को विवरणात्मक निबंध कहते हैं। जैसे की किसी यात्रा, खेल, घटना या ऋतू विवरणात्मक निबंध के उदाहरण हैं। विवरणात्मक निबंधों को लिखने के लिए आपको किन किन विभागों में बाँटना चाहिए इसकी जानकारी हमारे द्वारा नीचे बताई गयी है।
- अगर विषय किसी ऐतिहासिक चीज पर है तो आपको (1) घटना का समय एवं स्थान (2) ऐतिहासिक पृष्ठभूमि (3) कारण, वर्णन एवं फलाफल (4) इष्ट-अनिष्ट की समालोचना एवं आपका मंतव्य (5) उपसंहार लिखना होगा।
- अगर निबंध विषय किसी के जीवन चरित्र पर हो तब आपको (1) परिचय, जन्म, माता-पिता, बचपन (2) विद्या, कार्यकाल, पेशा आदि (3) देश के लिए योगदान (4) गुण-दोष (5) मृत्यु (6) उपसंहार (7) भावी पीढ़ी के लिए उनका आदर्श लिखना होगा।
- यदि किसी आकस्मिक घटना पर विषय हो तब आपको (1) परिचय (2) तारीख स्थान एवं कारण (3) विवरण एवं अन्त (4) फलाफल (5) समालोचना (व्यक्ति एवं समाज आदि पर कैसा प्रभाव ?) (6) उपसंहार लिखना होगा।
- अगर आपको विषय किसी यात्रा पर है तो आपको (1) परिचय, उद्देश्य, समय, आरंभ (2) यात्रा का विवरण (3) हानि-लाभ (4) राजनीतिक, आर्थिक, व्यापारिक एवं कला-संस्कृति का विवरण (5) समालोचना (6) उपसंहार लिखना होगा।
(iii) विचारात्मक:- जो निबंध केवल अपने चिंतनशक्ति से लिखा जाता है उसे हम विचारात्मक निबंध कहते हैं। इन निबंधों में हम किसी की भी सुनी अथवा देखी हुई बातों का वर्णन नहीं करते हैं इसमें हमे केवल अपनी कल्पनाओं के माध्यम से निबंध लिखना होता है। इसलिए ऐसे निबंध लिखने में हमे काफी अभ्यास की जरूरत होती है। इसको हम निम्लिखित तरीके से लिख सकते हैं:-
- परिभाषा, अर्थ, परिचय या भूमिका।
- तुलना, संचय या गुण दोष।
- लाभ हानि
- सामाजिक या सार्वजनिक
- दृष्टांत
- और अंत में उपसंहार।
इस तरह से आप विचारात्मक निबंध को विषय के अनुरूप आप आसानी से लिख सकते हैं।
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निबंध लेखन के अंग
साधारणतय निबंध को 4 वर्गों में निर्धारित किया गया है शीर्षक, प्रस्तावना, विषय विस्तार तथा उपसंहार। इन चार वर्गों से ही हम किसी भी निबंध को क्रमबद्ध तरीके से लिख सकते हैं। इन चार वर्गों का विस्तृत विवरण निम्न है :-
(i) शीर्षक :- किसी भी निबंध का शीर्षक बहुत ही आकर्षक होना चाहिए क्योंकि आपके निबंध के शीर्षक से ही लोगों में आपके निबंध को पड़ने के लिए उत्सुकता पैदा होगी। लेकिन अगर आप किसी परीक्षा को दे रहे हो तो आपको शीर्षक पहले ही दिया हुआ होगा।
(ii) प्रस्तावना :- किसी भी निबंध को लिखने के लिए यह उसका नींव होता है इसे हम भूमिका भी कहते हैं। यह लम्बी नहीं होनी चाहिए इसे आप आकर्षक तथा रोचक बना सकते हैं। प्रस्तावना को इस प्रकार लिखना चाहिए की यह पूरे निबंध की एक झलक प्रस्तुत कर दे जिससे की पढ़ने वाले को आपका निबंध आकर्षित करे। अगर हम किसी भी प्रस्तावना की शुरुआत किसी श्लोक से करते हैं यह हमारे पाठकों तथा परीक्षा प्रभारियों पर काफी अच्छा गहरा प्रभाव डालता है। प्रस्तावना को प्रारम्भ में ही रोचक बनाने से पढ़ने वालों के मन को आकर्षित करता है तथा पूरा पढ़ने के लिए उत्सुकता पैदा करता है।
प्रस्तावना में हमे यह खासतौर पर यह ध्यान रखना है की इसमें केवल विषय वस्तु से ही संबंधित बाते हों क्योंकि अगर आप इसमें इधर उधर की बाते लिखते हो तो यह आपके पाठकों पर एक बुरा प्रभाव डालता है।
(iii) विषय विस्तार :- इसमें हम तीन से चार आलेखों में विषय के कई सारे पहलुओं पर विचार करते हैं। हर आलेख में विषय के प्रत्येक विषय पर चर्चा की जाती है। यह निबंध का काफी महत्वपूर्ण अंग होता है। यही अंश आपके पूरे निबंध के दृष्टिकोण को पाठकों के समकक्ष रखेगा इसलिए यह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है की आप विषय विस्तार को अच्छे तरीके से लिखें।
(iv) उपसंहार :- यह सभी निबंधों के अंत में लिखा जाता है। इस अंश में पूरे निबंध में लिखी गयी बातों का एक सार लिखा जाता है या फिर आप इसमें सन्देश भी लिख सकते हैं। इसमें आप पहले विषय से संबंधित अपने विचारों को लिखकर अंत में किसी श्लोक अथवा कविता की पंक्ति से समाप्त कर सकते हैं।
Hindi Essay Writing Topics
निबंध को हम कई सारे विषयों पर लिख सकते हैं जैसे की छुट्टी पर निबंध, शिक्षा पर निबंध, जानवरों पर निबंध, खेलों पर निबंध, विज्ञान तथा तकनीकों पर निबंध, भारत पर निबंध, सामाजिक मुद्दों पर निबंध इत्यादि कई सरे ऐसे विषय है जिन पर की आप निबंध लिख सकते हैं। इनमे से कुछ उदाहरण हम आपको नीचे दे रहे हैं :-
जानवरों पर निबंध
गाय पर निबंध | बाघ पर निबंध |
पालतू कुत्ते पर निबंध | जंगली जानवरों पर निबंध |
पालतू जानवरों पर निबंध | मेरी पालतू बिल्ली पर निबंध |
चिड़ियों की प्रजाति पर निबंध | हाथी पर निबंध |
शेर पर निबंध | जानवरों की प्रजाति पर निबंध |
छुट्टी पर निबंध
छुट्टी का दिन पर निबंध | गर्मी की छुटियों पर निबंध |
सर्दियों की छुटियों पर निबंध | सर्दियों की छुट्टी के लिए मेरी योजनाएं पर निबंध |
लॉकडाऊन पर निबंध |
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शिक्षा पर निबंध
शिक्षा के महत्व पर निबंध | शिक्षा पर निबंध |
प्रतिभा पर निबंध | प्रौढ़ शिक्षा पर निबंध |
आदर्श अध्यापक पर निबंध | आदर्श विद्यार्थी पर निबंध |
ज्ञान के महत्व पर निबंध | मेरे स्कूल पर निबंध |
पुस्तक पर निबंध | ऑनलाइन पढाई पर निबंध |
खेल पर निबंध
राष्ट्रिय खेलों पर निबंध | राज्य खेलों पर निबंध |
क्षेत्रीय खेलों पर निबंध | हॉकी पर निबंध |
क्रिकेट पर निबंध | मेरा प्रिय खिलाडी पर निबंध |
फ़ुटबाल पर निबंध | बैटमिंटन पर निबंध |
शतरंज पर निबंध |
निबंध लेखन से जुड़े कुछ प्रश्न एवं उत्तर
निबंध किसे कहते हैं ?
निबंध कितने प्रकार के होते हैं ?
निबंध के प्रमुख अंग कौन कौन से हैं ?
किसी भी निबंध का शीर्षक कैसा होना चाहिए ?