How is the medicine named: दवाओं के नाम अक्सर बहुत ही भिन्न-भिन्न होते हैं। यहाँ एक दवा का पहली बार खोजा जाता है, तो उसे एक रासायनिक नाम दिया जाता है जो दवा की आणविक या परमाणविक संरचना को बताता है। रासायनिक नाम के कारण दवा के वास्तविक उपयोग को समझना बहुत मुश्किल हो सकता है क्योंकि यह अक्सर बहुत जटिल और बोझिल होता है।
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अमेरिका की एक सामान्य प्रथा
अमेरिका में दवाओं की प्रमाणीकरण प्रक्रिया के दौरान, जब भी कोई नई दवा स्वीकृत की जाती है, तो उसे एक जेनेरिक (आधिकारिक) नाम दिया जाता है। इसके बाद उसी दवा को ब्रांड नाम दिया जाता है, जो कि उस दवा को बेचने वाली कंपनी या निर्माता द्वारा चुना जाता है।
उदाहरण के तौर पर, फ़ेनिटॉइन एक जेनेरिक नाम है, जबकि डाइलेंटिन उसी दवा के लिए एक ब्रांड नाम है। यह आमतौर पर उपयोग की जाने वाली एंटीसीज़र दवा है जो तापमान को नियंत्रित करने में मदद करती है।
दवाओं के नामकरण: विज्ञान और व्यापार
दवाओं के नाम में उनके विकास में केमिस्ट का महत्वपूर्ण योगदान होता है लेकिन आमतौर पर उनका कोई सीधा हाथ नहीं होता है। दवा के नाम को बनाने की प्रक्रिया में दवा कंपनियाँ आमतौर पर दवा को शुरुआती अक्षरों के एक सेट के साथ रजिस्टर्ड करती हैं जिसके बाद नम्बर सीरीज होती है जो बताती है कि ये दवाई क्या है और इसमें क्या मौजूद है।
ब्रांड नाम वाली दवाओं का नामकरण
ब्रांड नाम वाली दवाओं के मामले में दवा निर्माता के पास थोड़ा ज्यादा आजादी है कि यहाँ भी कुछ नियम रहते है। नाम थोड़े भिन्न हो जिससे वे कहीं अन्य न मिलने पाए । इसलिए बहुतायात में “Qs”, “Xs”, और “Zs” प्रयोग होते है क्योंकि ये ज्यादातर दूसरे अक्सर जैसे सामान्य नहीं हैं।
दवाओं के नामकरण में प्रकार
- रासायनिक नाम – यह नाम दवा की आण्विक संरचना पर आधारित होता है और यह अत्यंत जटिल होता है। इसका उपयोग केवल वैज्ञानिकों द्वारा किया जाता है।
- सामान्य नाम – यह नाम दवा के सक्रिय घटक पर आधारित होता है और यह सरल और याद रखने में आसान होता है।
- व्यापारिक नाम – यह नाम दवा कंपनी द्वारा दवा को बेचने के लिए उपयोग किया जाता है। यह नाम आकर्षक और याद रखने में आसान होता है।
दवा नामकरण की जटिल प्रक्रिया
जानकारों के अनुसार, चाहे कोई कंपनी सामान्य नाम या ब्रांड नाम तैयार कर रही हो, दवा नामकरण की प्रक्रिया लंबी और जटिल होती है। किसी दवा का नामकरण एक लंबी और हार्ड प्रोसेस रहती है जोकि दवा के सक्षम एजेंसी द्वारा अप्रूव होने के पूर्व शुरू हो जाती है।
बहुत से केस में नाम चुनने एवं अप्रूव प्रोसेस में 4 वर्ष भी लगते हैं। ये मेहनत रोचक हो सकती है जैसे किसी बच्चे के नामकरण को पीढ़ियों तक बना रहने को रखते है।
दवा नामकरण प्रक्रिया में कई चरण
- दवा कंपनी दवा के बारे में जानकारी इकट्ठा करती है, जैसे कि इसका रासायनिक संरचना, चिकित्सीय उपयोग और संभावित दुष्प्रभाव।
- दवा कंपनी दवा के लिए संभावित नामों की एक सूची तैयार करती है।
- दवा कंपनी यह सुनिश्चित करने के लिए संभावित नामों की जांच करती है कि वे पहले से उपयोग में नहीं हैं।
- दवा कंपनी दवा के लिए नाम के अनुमोदन के लिए नियामक एजेंसी से संपर्क करती है।
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