क्या आप कभी किसी के लिए लोन गारंटर बनने के बारे में सोच चुके हैं? अगर हाँ, तो आपको ये नियम जानने चाहिए। लोन गारंटर बनने का मतलब है कि आप लोन लेने वाले व्यक्ति के साथ मिलकर बैंक को लोन चुकाने की जिम्मेदारी लेते हैं। अगर लोन लेने वाला व्यक्ति लोन नहीं चुका पाता है, तो बैंक आपको लोन चुकाने के लिए नोटिस भेज सकता है।
लोन गारंटर पर बड़ी जिम्मेदारी
जिस तरह से लोन लेने वाले व्यक्ति पर बड़ी जिम्मेदारी होती है ठीक लोन लेने पर गारंटर पर बड़ी जिम्मेदारी होती है। गारंटर वह व्यक्ति होता है जो लोन लेने वाले के साथ मिलकर बैंक को लोन चुकाने की जिम्मेदारी लेता है। अगर लोन लेने वाला व्यक्ति लोन नहीं चुका पाता है, तो बैंक गारंटर को लोन चुकाने के लिए नोटिस भेज सकता है।
गारंटर की जिम्मेदारी निम्नलिखित हैं:
- लोन लेने वाले व्यक्ति की वित्तीय स्थिति के बारे में जानकारी देना।
- लोन लेने वाले व्यक्ति की ओर से लोन की राशि चुकाना।
- लोन की चुकौती के लिए बैंक के साथ संपर्क करना।
गारंटर बनने से पहले आपको इन सभी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए। अगर आप इन जिम्मेदारियों को नहीं उठा सकते हैं, तो आपको गारंटर नहीं बनना चाहिए।
गारंटर बनने के कुछ जोखिम भी हैं। इनमें शामिल हैं:
- आपको लोन की पूरी राशि चुकानी पड़ सकती है।
- आपके क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ सकता है।
- आपको कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
क्या लोन गारंटर बराबर का कर्जदार होता है?
हाँ, लोन की गारंटी देने वाला बराबर का कर्जदार होता है। गारंटर वह व्यक्ति होता है जो लोन लेने वाले के साथ मिलकर बैंक को लोन चुकाने की जिम्मेदारी लेता है। अगर लोन लेने वाला व्यक्ति लोन नहीं चुका पाता है, तो बैंक गारंटर को लोन चुकाने के लिए नोटिस भेज सकता है।
गारंटर बनने से पहले आपको यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि लोन लेने वाला व्यक्ति लोन चुकाने में सक्षम है। अगर लोन लेने वाला व्यक्ति लोन नहीं चुका पाता है, तो आपको लोन की पूरी राशि चुकानी पड़ सकती है। इसके अलावा, आपके क्रेडिट स्कोर पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
गारंटर की आवश्यकता क्यो पड़ती है?
लोन लेने के लिए गारंटर की जरूरत इसलिए पड़ती है क्योंकि बैंक या वित्तीय संस्थान यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि लोन लेने वाला व्यक्ति लोन की राशि चुकाने में सक्षम है। अगर लोन लेने वाला व्यक्ति लोन नहीं चुका पाता है, तो गारंटर को लोन चुकाने की जिम्मेदारी होती है।
गारंटर की जरूरत निम्नलिखित कारणों से पड़ सकती है:
- लोन लेने वाले व्यक्ति की वित्तीय स्थिति कमजोर है। अगर लोन लेने वाले व्यक्ति की आय कम है या उसके पास पहले से ही बहुत सारे ऋण हैं, तो बैंक को लगता है कि वह लोन की राशि चुकाने में सक्षम नहीं हो सकता है। इस स्थिति में बैंक गारंटर की मांग कर सकता है।
- लोन की राशि अधिक है। अगर लोन की राशि अधिक है, तो बैंक को लगता है कि लोन लेने वाले व्यक्ति के लिए अकेले ही लोन चुकाना मुश्किल हो सकता है। इस स्थिति में भी बैंक गारंटर की मांग कर सकता है।
- लोन लेने वाला व्यक्ति पहली बार लोन ले रहा है। अगर लोन लेने वाला व्यक्ति पहली बार लोन ले रहा है, तो बैंक को उसकी वित्तीय स्थिति की जानकारी कम होती है। इस स्थिति में भी बैंक गारंटर की मांग कर सकता है।
गारंटर बनने के जोखिम
गारंटर बनने के कुछ जोखिम भी हैं। इनमें शामिल हैं:
- आपको लोन की पूरी राशि चुकानी पड़ सकती है। अगर लोन लेने वाला व्यक्ति लोन नहीं चुका पाता है, तो बैंक आपको लोन की पूरी राशि चुकाने के लिए नोटिस भेज सकता है।
- आपके क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ सकता है। अगर आप लोन चुकाने में विफल रहते हैं, तो आपके क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ सकता है।
- आपको कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप लोन नहीं चुका पाते हैं, तो आपको कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
तो, अगर आप किसी के लिए लोन गारंटर बनने के बारे में सोच रहे हैं, तो इन नियमों और बातों को ध्यान से जान लें।
लोन गारंटर बनने से पहले आपको ये नियम जानना चाहिए:
- आपको लोन लेने वाले व्यक्ति की वित्तीय स्थिति का पता होना चाहिए। अगर लोन लेने वाला व्यक्ति की वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है, तो आपको लोन गारंटर नहीं बनना चाहिए। लोन गारंटर बनने से पहले जानें ये नियम
- आपको ये सुनिश्चित करना चाहिए कि आप लोन चुकाने में सक्षम हैं। अगर आप लोन नहीं चुका पाते हैं, तो आपको कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- आपको लोन के सभी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने चाहिए। इन दस्तावेजों में लोन एग्रीमेंट, गारंटी एग्रीमेंट और अन्य संबंधित दस्तावेज शामिल होते हैं।