भारतीय संस्कृति में, जगन्नाथ पुरी को एक पवित्र स्थल माना जाता है, जिसे धरती का बैकुंठ भी कहा जाता है। यहां स्थित जगन्नाथ मंदिर अपनी अद्भुत और चमत्कारी विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है।
जगन्नाथ पुरी का इतिहास
जगन्नाथ पुरी को ब्रह्म और स्कंद पुराण में विशेष स्थान दिया गया है। यहां भगवान विष्णु ने पुरुषोत्तम नीलमाधव के रूप में अवतार लिया था और सबर जनजाति के परम पूज्य देवता बने। इसी कारण, भगवान जगन्नाथ का रूप यहां कबीलाई देवताओं की तरह है, जो इसकी अनूठी पहचान बनाता है।
जगन्नाथ मंदिर की अद्भुत विशेषताएं
जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी कुछ अनोखी बातें हैं जो भक्तों को हर बार चकित कर देती हैं
- विपरीत दिशा में लहराता झंडा: मंदिर के शिखर पर स्थित झंडा हवा की दिशा के विपरीत लहराता है, जो भौतिकी के नियमों को चुनौती देता है।
- सुदर्शन चक्र का रहस्य: मंदिर के शिखर पर स्थित सुदर्शन चक्र किसी भी दिशा से देखने पर सामने की तरफ ही दिखाई देता है।
- मंदिर की रसोई: मंदिर की रसोई में सात बर्तन एक-दूसरे के ऊपर रखकर प्रसाद पकाया जाता है, जिसमें सबसे ऊपर रखा बर्तन सबसे पहले पकता है।
- समुद्र की आवाज का गायब होना: मंदिर के अंदर प्रवेश करते ही समुद्र की लहरों की आवाज सुनाई नहीं देती, लेकिन मंदिर से बाहर निकलते ही आवाज फिर से सुनाई देने लगती है।
- पक्षियों और हवाई जहाजों का ना गुजरना: जगन्नाथ मंदिर के ऊपर से कोई पक्षी या हवाई जहाज नहीं गुजरता, जो इसकी दिव्यता को दर्शाता है।
- प्रसाद की अद्भुत व्यवस्था: मंदिर में बनने वाला प्रसाद कभी भी कम नहीं पड़ता और मंदिर के पट बंद होने पर प्रसाद भी समाप्त हो जाता है।
- मंदिर की परछाई का ना होना: जगन्नाथ मंदिर के मुख्य शिखर की परछाई कभी नहीं बनती, जो इसकी विलक्षणता को दर्शाता है।
- झंडा बदलने की परंपरा: एक पुजारी रोजाना मंदिर के 45 मंजिला शिखर पर झंडे को बदलता है, जिसे एक अनूठी परंपरा माना जाता है।
जगन्नाथ पुरी मंदिर की ख़ासियत
- जगन्नाथ पुरी मंदिर की रसोई दुनिया की सबसे बड़ी रसोईयों में से एक है। यहां हर दिन 5000 से अधिक लोगों के लिए भोजन तैयार किया जाता है।
- जगन्नाथ पुरी मंदिर के पुजारी एक विशेष समुदाय से आते हैं। उन्हें ‘दंडी’ कहा जाता है।
- जगन्नाथ पुरी मंदिर की रथ यात्रा दुनिया की सबसे बड़ी रथ यात्राओं में से एक है। हर साल लाखों लोग इस यात्रा में भाग लेते हैं।
- जगन्नाथ पुरी मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था। यह मंदिर अपनी भव्य वास्तुकला के लिए जाना जाता है।
जगन्नाथ पुरी मंदिर अपनी अद्वितीय विशेषताओं और चमत्कारिक घटनाओं के साथ विश्वास और आस्था का एक अद्भुत केंद्र है। इस मंदिर की विशेषताएं और इतिहास हमें भारतीय धार्मिक परंपराओं और विश्वासों की गहराई में ले जाते हैं, जो इसे विश्वभर में एक अनोखी पहचान प्रदान करते हैं।
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