वर्ष 1998 में भारत सरकार के द्वारा किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गयी। बैंको द्वारा किसानों को उनकी होल्डिंग के आधार पर किसान कार्ड जारी करते समय एक समान पद्धति अपनाये जाने के लिए सरकार द्वारा इस योजना का प्रारंभ किया गया है।
ताकि किसान नागरिक कृषि में उपयोग होने वाले बीज ,कीटनाशक दवाईया ,उर्वरक आदि की खरीद उत्पादन संबंधी आवश्यकताओं की नगदी भुगतान करने के लिए इसका उपयोग कर सके।
इसके पश्चात वर्ष 2004 में किसानों की निवेश ऋण आवश्यकता यानि कृषि गतिविधियों के लिए Kisan Credit Card Scheme को लागू किया गया।
इसके बाद वर्ष 2012 में योजना के सरलीकरण और इलेक्ट्रॉनिक किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने में सुविधा होने की दृष्टि से स्किम की पुनः समीक्षा की गयी।
इसके बाद केसीसी को परिचालन में लाने के लिए बैंकों को व्यापक दिशा निर्देश दिए गए है। KCC को कार्यान्वित करने वाले बैंको को विभिन्न संस्था आवश्यकताओं के अनुरूप उसे अपनाने का डिस्क्रेशन होगा।
किसान क्रेडिट कार्ड
Kisan Credit Card Scheme देश के किसान नागरिकों को कृषि संबंधी गतिविधियों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना को वर्ष 1998 में शुरू किया।
इस योजना के अंतर्गत देश के किसानों को कर्ज मुहैया कराया जाता है। विशेष रूप से इस योजना के अंतर्गत देश के किसानों को आसानी से ऋण उपलब्ध करवाया जाता है।
KCC आमतौर पर किसानों की कृषि संबंधी गतिविधियों के लिए उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करती है। किसान क्रेडिट कार्ड के अंतर्गत किसान व्यक्ति को दुर्घटना होने पर व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा कवर भी प्रदान किया जाता है।
Kisan Credit Card Scheme
आर्टिकल | किसान क्रेडिट कार्ड |
वर्ष | 2023 |
योजना की शुरुआत | वर्ष 1998 में |
योजना शुरू की गयी | भारत सरकार के द्वारा |
योजना के लाभार्थी | देश के किसान नागरिक |
उद्देश्य | किसानों को कृषि से संबंधी गतिविधियों को पूरा करने के लिए उन्हें समय से ऋण राशि उपलब्ध करवाना |
लाभ | कृषि उत्पादन के लिए समय से पर्याप्त ऋण आसानी से प्राप्त |
केसीसी अपडेट | Credit Card KCC Digitalisation RBI New Update |
RBI New Update | Click Here |
हरियाणा पशु किसान क्रेडिट कार्ड
किसान क्रेडिट कार्ड के उद्देश्य
ताकि कृषि गतिविधियों के लिए उन्हें सरलीकृत प्रक्रिया के माध्यम से आसानी से आकस्मिक खर्चो और सहायक गतिविधियों से संबंधित खर्चों को पूरा करने के लिए उधार कर्ताओं को जब भी आवश्यकता हो उसी समय ऋण प्राप्त करने की सुविधा को प्रदान करना है।
इस योजना के माध्यम से किसान नागरिकों को कृषि संबंधी गतिविधियों को पूरा करने के लिए उन्हें 50 हजार रूपये से लेकर 3 लाख रूपये तक का कर्ज दिया जाता है।
Kisan Credit Card Scheme
KCC के अंतर्गत किसानों को फसल बीमा करवाने की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाती है। ताकि यदि किसानों की फसलों में प्राकृतिक आपदा या अन्य कारणों से कोई नुकसान होता है तो उन्हें फसल बीमा के अंतर्गत मुआवजा प्रदान किया जाये।
केसीसी के अंतर्गत यदि 6 माह के लिए किसान द्वारा ऋण लिया जाता है तो उसके लिए उन्हें 4 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान करना होगा। यदि 1 वर्ष की अवधि के लिए ऋण लिया जाता है तो इसका भुगतान 7 प्रतिशत के रूप में करना होगा।
18 वर्ष की आयु से ऊपर एवं 75 वर्ष की आयु से कम वर्ष के किसान व्यक्ति केसीसी से मिलने वाले सभी लाभ को प्राप्त कर सकते है। आरबीआई द्वारा नई अपडेट के अनुसार अब केसीसी डिजिटलीकरण करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है।
Kisan Credit Card KCC Digitalisation RBI New Update for All Farmers
भारत में ग्रामीण वित्त का डिजिटलीकरण – रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब द्वारा विकसित किसान क्रेडिट कार्ड
(केसीसी) उधार हेतु एक प्रायोगिक परियोजना
- ग्रामीण वित्त में सभी आय स्तर वाले किसानों सहित ग्रामीण ग्राहकों को दी जाने वाली वित्तीय सेवाओं की एक सीरीज शामिल है मुख्य रूप से यह भारत जैसे देश में ग्रामीण ऋण का इन्क्लूसिव इकोनॉमिक ग्रोथ से गहरा संबंध है।
- वह इसलियें की इसका कृषि और संबंधित गतिविधियों जैसे -लघु कारोबार ,सहायक उद्योगों आदि की आवश्यकताओं को पूरा करता है।
- मौजूदा समय में इस तरह के वित्त को प्राप्त करने की प्रक्रिया में कस्टमर को लैंड ओनरशिप और अन्य डाक्यूमेंट्स के प्रमाण के साथ पर्सनल रूप से बैंक की शाखा में जाने की आवश्यकता होती है।
- आमतौर पर देखने को मिलता है की कई बार बैंक की शाखा में जाना होता है ,ऋण आवेदन से लेकर disbursement तक 15 से एक माह का समय लग जाता है। जिससे Turn Around Time (TAT) भी अधिक हो जाता है।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना में आरबीआई की नई अपडेट
- भारत में रूलर फाइनेंस से जुड़े चैलेंज को ध्यान में रखते हुए ,ग्रामीण वित्त के विभिन्न पहलुओं का डिजिटलीकरण RBI की फिनटेक पहल का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है।
- इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक के सहयोग से Reserve Bank Innovation Hub (RBIH) द्वारा विकसित किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लोन के end-to-end digitization हेतु एक प्रायोगिक परियोजना शुरू की जा रही है।
- पायलट प्रोजेक्ट में बैंको के अंदर डिफरेंट प्रोसेस का ऑटोमोशन और सर्विस प्रोवाइडर के साथ उनकी प्रणालियों का एकीकरण शामिल होगा।
- केसीसी लोन प्रोसेस का proposed digitization इसे और अधिक स्किल बना देगा। यह उधारकर्ताओं के लिए लागत कम करेगा और TAT को काफी कम करने में मदद करेगा।
KCC Digitalisation RBI New Update
- पायलट प्रोजेटक्ट तमिलनाडु एवं मध्य प्रदेश के चुनिंदा जिलों में सितंबर 2022 से Union Bank of India और federal bank के साथ सहयोगी बैंको के रूप में संबंधित राज्य सरकारों के एक्टिव कॉपरेशन से शुरू होगी।
- पायलट प्रोजेक्ट से प्राप्त निष्कर्ष के आधार पर इन दोनों राज्यों के अन्य जिलों में और धीरे धीरे देश भर में KCC लोन देने के डिजिटलीकरण का विस्तार करने की योजना है।
- Digitization of KCC Lending पर पायलट प्रोजेक्ट से ऋण प्रक्रिया को तेज एवं बेहतर कुशल बनाकर सेवा रहित और अल्प सेवा प्राप्त ग्रामीण आबादी के लिए ऋण अधिकता को Convenient बनाने में प्रभावशाली रोल निभाने की उम्मीद है।
- आरबीआई द्वारा लागू किये नए अपडेट के माध्यम से पूरी तरह से कार्यान्वित होने की स्थिति में इसमें देश की ग्रामीण credit delivery system को बदलने की आशा की जा सकती है।