Prevent Milk from Curdling: लगभग सभी घरो में दूध का प्रयोग होता है क्योंकि इसमें पोषक तत्व बहुतायत मिलते हैं जोकि हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दूध को ज्यादा देर तक गर्म नहीं करने पर वह क्यों फट जाता है?
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दूध क्यों फट जाता है?
दूध हर घर की आधी रोटी है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि वह क्यों फट जाता है? इसका रहस्य है प्रोटीन और पीएच लेवल के बीच का खेल।
दूध में मौजूद आमिले (Proteins) और लिपीड्स (Lipids) गरमी के कारण टूट सकते हैं। गरमी के प्रभाव से दूध में मौजूद आमिले की संरचना बिगड़ जाती है और लिपीड्स का संरचनात्मक बदलाव होता है जिससे दूध फट जाता है। यही कारण है कि दूध को बिना गरम किये जल्दी से सेवन करना अधिक उत्तम होता है।
दूध के फटने का वैज्ञानिक कारण
दूध को बहुत अधिक तापमान पर गर्म करने से प्रोटीन जल्दी विकृतीकरण हो जाता है जिससे दूध फट जाता है। दूध को कम तापमान पर भी लंबे समय तक गर्म करने से प्रोटीन विकृतीकरण हो सकता है और दूध फट सकता है। दूध में थोड़ी मात्रा में लैक्टिक एसिड होता है।
यदि दूध में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है तो प्रोटीन विकृतीकरण हो सकता है और दूध फट सकता है। दूध में मौजूद बैक्टीरिया लैक्टोज (दूध में मौजूद शर्करा) को लैक्टिक एसिड में बदल सकते हैं जिससे दूध फट सकता है।
दूध में PH लेवल
दूध में मौजूद प्रोटीन के कणों के बीच बनी रहने वाली दूरी ही उसे फटने से बचाकर रखती है। जब दूध को नहीं उबाला जाता या फ्रिज में नहीं रखा जाता है तो उसका पीएच लेवल कम होने लगता है। यह लेवल गिरने पर प्रोटीन के कण एकदूसरे के करीब आकर दूध को एसिडिक बना देते हैं। यही कारण है कि एसिडिक होने पर दूध फट जाता है।
इसलिए पीएच लेवल को बनाए रखने के लिए दूध को गरम किया जाता है ताकि उसका संतुलित रहे। यह एक महत्वपूर्ण उपाय है जिससे हम दूध के साथ अधिक समय तक आनंद उठा सकते हैं बिना चिंता के कि वह फट जाए।
तेज आंच पर दूध फटता है?
गर्मियों के मौसम में रूप टेम्प्रेचर के बढ़ने से दूध में बैक्टीरिया की गति तेज होती है जो दूध को फटने की संभावना को बढ़ा देती है। इससे लैक्टिक एसिड उत्पन्न होता है जिससे दूध खट्टा हो जाता है। तेज आंच पर गर्म करने से दूध का तापमान एकाएक बदलने लगता है जिससे इसका प्रोटीन जम जाता है और दूध फटता है। इसलिए गर्मियों में दूध को फटने से बचाने हेतु 4 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर रखते है।
गर्मियों में दूध उबालना जरुरी
गर्मियों में दूध को गरम करने का काम और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। उच्च तापमान वाले मौसम में दूध को बॉटलड या पाइपलाइन्स के माध्यम से संरक्षित रखना मुश्किल होता है। इसलिए उसे बार-बार गरम करना पड़ता है ताकि बैक्टीरिया की वृद्धि को रोका जा सके।
दूध उबालने पर रिसर्च
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेंशन (NCBI) की एक अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार, गाय के दूध को 95 डिग्री सेल्सियस पर उबालना महत्वपूर्ण है। दूध में कई तरह के हानिकारक बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जो बीमारियों का कारण बन सकते हैं। दूध को उबालने से ये बैक्टीरिया मर जाते हैं और फूडबोर्न बीमारियों से बचाव होता है।
टॉपिक: दूध का फटना, Prevent Milk from Curdling
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