उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी ने राज्य के कुम्हारों की आर्थिक स्थिति को मध्य नजर रखते हुए मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना को संचालित किया गया है।
टेक्नोलॉजी के कारण बहुत सी ऐसी हस्त कलायें है, जिनकी बिक्री आज के समय में बहुत कम हो गई है। इसीलिए राज्य सरकार द्वारा हस्तशिल्पियों को पहचान देने के उद्देश्य से योजना को शुरू किया गया है।
यूपी सरकार द्वारा मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना के अंतर्गत हस्तशिल्पकारों को आर्थिक प्रोत्साहन प्रदान किया जायेगा, यानि की ऋण लेने हेतु सहायता दी जाएगी।
सरकार द्वारा हस्तशिल्पकारों के हित के लिए कई योजना शुरू की गयी है जिनमें उत्तर प्रदेश हस्तशिल्प कौशल विकास प्रशिक्षण योजना भी है जिसके तहत उन्हें हस्तशिल्प हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।
मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना क्या है ?
माटीकला योजना मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-2023 में शुरू की गई योजना है। जिसके माध्यम से राज्य सरकार राज्य के हस्त कलाकारों को लोन लेने में वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
सरकार नागरिको को माटीकला योजना के तहत रोजगार शुरू करने हेतु बैंक के माध्यम से दस लाख रुपये तक का ऋण वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। माटीकला रोजगार से राज्य के कारीगरों को वित्तीय समस्याओं के समाधान का लाभ प्राप्त होगा।
आवेदनकर्ता को लाभार्थी बनने के लिए लोन की 5% की मार्जिन मनी जमा करवानी होगी जिस पर उन्हें 95 प्रतिशत ऋण राशि प्राप्त होगी।
इसके साथ ही राज्य सरकार कारीगरों को 25 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में प्रदान करने वाली है जिसके बाद लाभार्थी को केवल 60% प्रतिशत का ऋण ही बैंक को वापस करना होगा।
8वीं पास प्रशिक्षित कुम्हार भी आवेदन कर सकते हैं।
उत्तरप्रदेश की माटीकला योजना में 5 लाख से अधिक का लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक है की लाभार्थी आठवीं कक्षा पास हो और उनके पास माटीकला का प्रमाण पत्र भी होना चाहिए। जिससे वह माटीकला से संबंधित व्यवसाय शुरू कर सके। शिल्पकला से संबंधित व्यवसाय निम्नलिखित है :-
- खलौना निर्माण, घरेलू उत्पाद
- (गिलास, घडा, सुराही, जग, कुल्हड, कटोरी, अचारदानी, कप, प्लेट्स, डोंगे, प्रेशर कूकर आदि)
- भवन निर्माण सामाग्री
- (रूफ टाइल्स, लैट्रिन पैन, फ्लोर टाइल्स, पाइप, वॉश बेसिन आदि)
- सजावट का सामान
- (गुलदस्ता, बोनसाई पॉट्स, लैम्प्स, गार्डन पॉट्स आदि)
माटीकला रोजगार योजना के उद्देश्य
- प्राचीनकाल से भारतीय संस्कृति में मिट्टी के साधनों का प्रयोग अत्यधिक होता आया है लेकिन वर्तमान समय में प्लास्टिक जैसी अन्य धातु की वस्तुओं का उपयोग अधिक हो रहा है।
- योजना का एकमात्र लक्ष्य राज्य के कुम्हरो की कला का विस्तार करना एवं माटीकला को प्रोत्साहन प्रदान करना है।
- जिससे राज्य के सभी प्रतिभावान शिल्पकार आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सके और लोगों तक शिल्पकलाओं की सुंदरता एवं गुणवक्ता का विस्तार हो सके।
- कम लागत पर अधिक लाभ प्राप्त करने वाले व्यवसायों की वृद्धि से रोजगार के अवसरों में भी बढ़ोत्तरी होगी।
- स्कीम के तहत प्राप्त ऋण से कुम्हार अपने व्यवसाय का भी विस्तार कर पायेगा।
- हस्तशिल्प वस्तु को बढ़ावा देना और प्लास्टिक एवं अन्य धातुओं से बनी वस्तुओं के उपयोग को कम करना है।
Matikala Rojgar Yojana के लाभ एवं विशेषताएं
- हस्तकलाकारों को उनकी कलाओं के लिए प्रोत्साहन प्राप्त होगा समाज में शिल्पकारों को सम्मान मिलेगा।
- शिल्पकारों की बढ़ती आर्थिक समस्या को दूर करने और उनके व्यवसाय का विस्तार करने के लिए राज्य सरकार ऋण सहायता उपलब्ध करवाएगी।
- योजना के तहत 5% तक का ऋण प्राप्त करने के लिए आपका शिक्षित होना आवश्यक नहीं है जिससे राज्य के अशिक्षित शिल्पकारों को भी लाभ प्राप्त हो सकेगा।
- 5 लाख या उससे ज्यादा ऋण प्राप्त करने के लिए आवेदनकर्ता का आठवीं पास होना आवश्यक है साथ ही उसके पास माटीकला का प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।
- योजना के अंतर्गत लाभार्थी को 5 वर्षो तक कोई भी ब्याज नहीं जमा करना होगा यदि आवेदक पांच वर्षो से अधिक समय के लिए ऋण बकाया रखता है तो उसे ऋण के साथ ब्याज का भुगतान भी करना होगा।
- योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया ऑफलाइन निर्धारित की गई है।
- आवेदन करने के लिए कोई भी शुल्क निर्धारित नहीं किया गया है आवेदन निःशुल्क है।
- मिट्टी से बनी वस्तुओं के माध्यम से प्लास्टिक के प्रयोग को कम किया जा सकता है जिससे प्लास्टिक के हानिकारक प्रभाव भी कम हो जायेंगे।
- प्राचीनकाल से चले आ रहे मिट्टी की वस्तुओं को प्रोत्साहन दिया जायेगा, पुराणी संस्कृति को पुनः लोगो तक पहुंचाया जायेगा।
- मिट्टी की वस्तुओं का उपयोग करना भारतीय संस्कृति का एक अंग है जिसे कायम रखने के लिए मिट्टीकलाओं में निपूर्ण नागरिकों को प्रोत्साहन के रूप में वित्तीय सहायता दी जा रही है।
स्कीम की पात्रता क्या है ?
- आवेदनकर्ता उत्तरप्रदेश का मूल निवासी होना आवश्यक है।
- आवेदक की आयु 18 वर्ष से 55 वर्ष के मध्य होनी चाहिए।
- आवेदक साक्षर होना आवश्यक है।
- पांच लाख या उससे अधिक ऋण के लिए आवेदक को माटीकला में निपूर्णता का दस्तावेज और आठवीं कक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
- स्कीम का आवेदन पत्र बिलकुल नि:शुल्क है।
- योजना के तहत लाभार्थी सरकार द्वारा दस लाख तक का ऋण प्राप्त कर सकते है।
उत्तर प्रदेश माटीकला योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया
योजना में आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावजों का विवरण नीचे निमनिखित है :-
- आधार कार्ड
- जाति प्रमाण पत्र
- स्थाई निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- आयु प्रमाण पत्र
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
- शैक्षिक प्रमाण पत्र
- राशन कार्ड
- माटीकला में प्रशिक्षित प्रमाण पत्र
- बैंक की डिटेल्स
स्कीम के तहत आवेदन करने के लिए आवेदक को अपने क्षेत्र के नजदीकी जिला ग्रामो उद्योग कार्यालय/ जन सुविधा केंद्र में जाकर संपर्क करना होगा।