Rules of PAN Card: पैन कार्ड एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है।आज के समय में, पैन कार्ड और आधार कार्ड जैसे दस्तावेज़ हमारे वित्तीय लेनदेन के अभिन्न अंग बन चुके हैं। ये दोनों ही दस्तावेज़ न केवल हमारी पहचान को सत्यापित करते हैं, बल्कि वित्तीय गतिविधियों में भी हमारी मदद करते हैं।
पैन कार्ड का महत्व इतना अधिक है कि इसके बिना कई जरूरी काम रुक सकते हैं। इसी कारण इसे संभालकर रखना बेहद जरूरी हो जाता है। लेकिन, एक व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके पैन कार्ड का क्या करना चाहिए, ये प्रश्न हर किसी के मन में रहता है, तो चलिए आज हम आपको सभी जानकारी विस्तार से देंगे।
इनकम टैक्स विभाग के नियम
इनकम टैक्स विभाग द्वारा जारी किया गया पैन कार्ड, मृत्यु के बाद एक विशेष प्रक्रिया के अंतर्गत आता है। विभाग ने स्पष्ट नियम बनाए हैं कि मृत्यु के बाद व्यक्ति के पैन कार्ड को डीएक्टिवेट (deactivate) या सरेंडर करने की प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। यह नियम न केवल वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने में मदद करता है बल्कि मृतक की वित्तीय पहचान को भी सुरक्षित रखता है।
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ऐसे बंद करे पैन कार्ड सेवा
- मृतक के परिजनों को सबसे पहले इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) के असेसमेंट ऑफिसर को एक विस्तृत आवेदन लिखना चाहिए। इस आवेदन में, पैन कार्ड सरेंडर करने के कारणों के साथ-साथ मृतक की सभी जरूरी जानकारी जैसे कि नाम, जन्म तिथि, पैन नंबर, और मृत्यु की तारीख को शामिल करना होता है।
- आवेदन के साथ मृत्यु प्रमाण पत्र की एक प्रतिलिपि अटैच करनी अनिवार्य है। इससे विभाग को मृतक की स्थिति की पुष्टि में मदद मिलती है और प्रक्रिया आगे बढ़ती है।
- आवेदन की एक कॉपी संभालकर रखना चाहिए। यह कॉपी भविष्य में अगर विभाग से कोई संवाद या पुष्टिकरण की जरूरत पड़े, तो काम आ सकती है।
महत्वपूर्ण बातें
- समय पर कार्यवाही: मृतक के पैन कार्ड को सरेंडर करने की प्रक्रिया जितनी जल्दी हो सके, उतनी जल्दी पूरी करनी चाहिए। इससे किसी भी प्रकार की वित्तीय धोखाधड़ी से बचा जा सकता है।
- विभाग से संपर्क: प्रक्रिया के दौरान यदि कोई संदेह या प्रश्न हो, तो सीधे इनकम टैक्स विभाग से संपर्क करना सबसे उचित होगा।
- विभागीय वेबसाइट: इनकम टैक्स विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भी पैन कार्ड सरेंडर करने के संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
मृतक व्यक्ति के पैन कार्ड को सरेंडर करना न केवल उसकी वित्तीय पहचान को सुरक्षित रखता है बल्कि यह वित्तीय धोखाधड़ी के खतरों को भी कम करता है। इसलिए, मृतक के परिवार के सदस्यों द्वारा इस प्रक्रिया को समझना और समय पर पूरा करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
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Rules of PAN Card: पैन कार्ड इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा जारी किया जाता है. किसी भी मृतक व्यक्ति के पैन कार्ड को लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कुछ नियम बनाए हैं.
भारत में पैन कार्ड (PAN Card) और आधार कार्ड (Aadhaar Card) की उपयोगिता बहुत तेजी से बढ़ी है. आजकल किसी भी वित्तीय काम (Financial) को करने के लिए इन दोनों डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है.कई बार पैन कार्ड न होने पर हमारे कई जरूरी काम अटक जाते हैं. ऐसे में पैन कार्ड को संभालकर रखना बहुत जरूरी है, लेकिन अक्सर यह देखा गया है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके पैन कार्ड के लोग संभालकर रखना भूल जाते हैं. इस कारण कई बार फ्रॉड (Fraud) करने वाले लोग इस पैन कार्ड का गलत इस्तेमाल करते हैं.
पिछले कुछ समय में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जब मृतक लोगों के पैन कार्ड के जरिए बैंकों और फाइनेंशियल कंपनी से लोन ले लिया गया है. ऐसे में इस तरह की फ्रॉड की घटनाओं से बचने के लिए लोगों को क्या करना चाहिए? आपके मन में भी यह सवाल उठ रहा होगा. आइए हम आपको इस सवाल का जवाब देते हैं-
क्या कहता है इनकम टैक्स का नियम?
पैन कार्ड इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) द्वारा जारी किया जाता है. किसी भी मृतक व्यक्ति के पैन कार्ड को लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कुछ नियम बनाए हैं. इन नियमों के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो ऐसी स्थिति में उसके पैन कार्ड को डीएक्टिवेट या फिर सरेंडर (PAN Card Surrender) करना पड़ता है. हम आपको मृतक व्यक्ति के पैन कार्ड को डीएक्टिवेट या सरेंडर करने की प्रक्रिया के बारे में बताते हैं.
किस तरह पैन कार्ड करें सरेंडर-
अगर आप अपने किसी रिश्तेदार का पैन कार्ड सरेंडर करना चाहते हैं तो सबसे पहले आप असेसमेंट ऑफिसर को एक एप्लीकेशन लिखिए. इसके साथ ही आपको इस एप्लीकेशन में पैन कार्ड सरेंडर करने कारण लिखना होगा. इसके साथ की मृतक का नाम, डेट ऑफ बर्थ (Date of Birth), डेथ सर्टिफिकेट (Death Certificate), पैन नंबर आदि सारी जानकारी भी यहां दर्ज करनी होगी. फिर इसे तक के डेथ सर्टिफिकेट के साथ अटैच करके जमा करना होगा. इसके साथ ही एप्लीकेशन की एक कॉपी भविष्य में पड़ने वाली जरूरत के लिए रखना होगा.