केंद्र सरकार ने देश के नागरिको के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2015 में परम्परगत कृषि विकास योजना का आरम्भ किया हैं। योजना को लाने का मुख्य उद्देश्य देश के नागरिको को जैविक खेती करने के लिए अग्रसर करना हैं।
योजना के द्वारा किसानो को जैविक खेती करने के लिए सहायता प्रदान की जायगी। पीकेविवाय कृषि योजना का आरम्भ सॉयल हेल्थ के अंतर्गत किया गया हैं।
PKVY के अंतर्गत मुख्य दो मुख्य अवयव रहेंगे जिसने पहला मॉडल ऑर्गेनिक क्लस्टर प्रदर्शन और दूसरा आदर्श जैविक फार्म।
PKVY के अंतर्गत गुणवत्ता आश्वासन देने का मुख्यतया दृष्टिकोण रहेगा। किसानों को PGS-India मानकों के अनुसार जैविक खेती के किसी भी रूप को करने का मार्ग मिलेगा।
साथ ही सही उपज को देने की क्षमता रखती हो एवं कृषि के पोषक तत्वों, कीटों और रोगो से प्रबंधन के पर्याप्त उपायों को प्रदान करें।
परम्परगत कृषि विकास योजना के बिंदु
- जैविक खेती को बढ़ावा देने से मिट्टी की गुणवत्ता के स्तर में सुधार होगा।
- स्थाई एकीकृत जैविक कृषि विधि के द्वारा किसान की लागत को कम करना जिससे किसान को प्रति इकाई भूमि पर शुद्ध आय में बढ़त मिलेगी।
- पर्यावरण को हानि पहुँचाने वाली अकार्बनिक रसायनों वाली खेती की तुलना में पारिस्थितिक रूप से कम खर्चे वाली पारम्परिक तकनीक और किसान अनुकूल प्रौधोगिकी को बढ़ावा देना।
- परम्परागत कृषि विकास योजना के द्वारा भारत में भागीदारी गारंटी प्रणाली (पीडीएस) को बढ़ावा देना हैं।
- योजना के लिए पैसे की फंडिंग करने में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा 60 प्रतिशत और 40 प्रतिशत का अनुपात रखना हैं
- कृषि उत्पादन कीटनाशक अवशेष से मुक्त होगा जिससे उपभोक्ता के स्वास्थ्य के स्तर में सुधार आएगा
- किसानो की आय में वृद्धि होगी एवं कृषि के क्षेत्र से सम्बंधित व्यापारियों का बाज़ार तैयार होगा
परम्परगत कृषि विकास योजना का लक्ष्य
- Paramparagat Krishi Vikas Yojana के अंतर्गत आर्गेनिक खेती के लिए 20 हेक्टेयर या 50 एकड़ की सीमा के क्लस्टर को चुना जाता हैं।
- इसके अंतर्गत किसान सदस्यों लिए उपलब्ध कुल आर्थिक सहायता राशि 10 लाख रुपए होती हैं।
- PKVY के अंतर्गत प्रत्येक किसान को पीजीएस के लिए 4.95 लाख रुपए की सब्सिटी छत के साथ प्राप्त होगी।
- क्लस्टर के अंतर्गत किसानो की कुल संख्या में से 65 प्रतिशत छोटे एवं सीमान्त श्रेणी के अंतर्गत आवंटित होती हैं।
- कलस्टर के स्तर को पूर्ण करने के लिए संभव हो तो मॉडल/ब्लॉक/तालुका या जिला स्तर तक ले जाया जायेगा।
- महिला लाभार्थियों के प्रोत्साहन के लिए योजना के बजट का 30 प्रतिशत हिस्सा आवंटित किया जायेगा।
- स्थानीय एवं राष्ट्रीय बाज़ारो के साथ प्रत्यक्ष बाजार सम्बन्धो के अंतर्गत किसान को उधमी के रूप में विकसित करना।
- पीकेवीवाई किसानो की इनपुट उत्पादन की निर्भरता प्राकृतिक संसाधनों से करने की प्रेरणा मिलेगी।
योजना का नाम | परम्परगत कृषि विकास योजना |
योजना का कार्यान्वक | भारत सरकार |
मंत्रालय | कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय |
आवेदन की विधि | ऑनलाइन एवं ऑफलाइन |
सहायता राशि | 50 हज़ार रुपए |
आधिकारिक वेबसाइट | http://pgsindia-ncof.gov.in |
किसान हेल्पलाइन नंबर | 1800 180 1551 |
PKVY क्लस्टर की जानकारी
प्रधानमन्त्री कृषि विकास योजना का मुख्य आधार कलस्टर दृष्टीकोण के द्वारा जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहन देना हैं। 50 एकड़ कृषि भूमि के कलस्टर का निर्माण करने के लिए 50 या अधिक किसानो की आवश्यकता होती हैं।
इस कार्य को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक किसान को कृषि करने के लिए बीज को 20,000 रुपए प्रति एकड़ प्रदान किया जायगा और उन्हें बाज़ार तक पहुँचाने की योजना हैं।
सरकार का उद्देश्य योजना के माध्यम से तीन वर्षों में सम्भवतः 10 हज़ार कलस्टर तैयार करने और जैविक कृषि के अंतर्गत 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को शामिल करना हैं।
परम्परागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत मिलनी वाली आर्थिक सहायता
योजना के अंतर्गत 3 वर्षो तक प्रति हेक्टेयर 50 हज़ार रुपयों की वित्तीय सहायता दी जाती हैं जिसका मुख्य कार्य कलस्टर निर्माण, क्षमता निर्माण, अदनो के लिए प्रोत्साहन, मूलवर्धन और मार्केटिंग के लिए रहता हैं।
इस रही का एक भाग 31,000 रूपये तीन वर्षो तक जैविक पदार्थो जैसे की जैविक उर्वरको, कीटनाशकों, बीजों आदि को खरीदने के लिए होगा। धनराशि में से 8800 रुपए प्रति हेक्टेयर 3 वर्षों तक मूल्यवर्धन और मार्केटिंग के लिए रहेंगे।
परंपरा कृषि विकास योजना के द्वारा कलस्टर एवं क्षमता निर्माण करने के लिए 3000 प्रति हेक्टेयर 3 वर्षों के लिए प्रदान किये जाते हैं। योजन के अंतर्गत विगत 4 वर्षो में 1197 करोड़ रुपए की धनराशि बजट के रूप में आवंटित करि गयी हैं।
परम्परागत कृषि विकास योजना के लिए पात्रताएँ
यदि कोई व्यक्ति योजना से प्रभावित होकर आवदेन करने का इच्छुक हो तो उक्त व्यक्ति को योजना से सम्बंधित पात्रताओं को बहुत ध्यानपूर्वक पद लेना चाहिए। योजना के लिए आवश्यक योग्यताएँ निम्न प्रकार से हैं –
- आवदेक का किसानी के कार्य से सम्बंधित हो
- आवेदक भारत का मूल निवासी हो
- आवेदक की आयु 18 वर्ष या अधिक हो
- योजना के लिए आवदेन करते समय सभी जरुरी प्रमाण पत्र उपलब्ध हो
योजना के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड
- जन्म प्रमाण पत्र
- मूल निवासी प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- आयु प्रमाण पत्र
- बैंक खाता पासबुक
- बैंक खाते का नंबर एवं IFSC कोड संख्या
- राशन कार्ड
परम्परगत कृषि विकास योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया
परम्परागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत सभी योग्यताएँ पूर्ण करने के बाद इच्छुक किसान को आवदेन प्रक्रिया को सही प्रकार से जान लेना चाहिए अन्यथा छोटी सी गलती से भी आवदेक योजना का लाभ लेने से वंचित रह सकता हैं। आवेदन से सम्बंधित जानकारियों को चरणबद्ध तरीके से नीचे बताया गया हैं, कृपया ध्यानपूर्वक पढ़े –
- सर्वप्रथम आवदेक को परम्परगत कृषि विकास योजना की आधिकारिक वेबसाइट http://pgsindia-ncof.gov.in को ओपन करना होगा
- आपको अपने स्क्रीन पर वेबसाइट का होम पेज प्रदर्शित होगा
- वेबसाइट की होम मेनू पर “अप्लाई नाउ” विकल्प को चुन लें
- इसके उपरांत आवेदन करने के लिए ऑनलाइन प्रपत्र प्राप्त होगा
- आवदेन प्रपत्र में मांगी जा रही जानकारियाँ जैसे कि आवदेक का नाम, मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी आदि को सही प्रकार से टाइप करना हैं
- इसके उपरांत आपको मांगे जा रहे सभी प्रमाण पत्रों को अपलोड कर दे
- सभी जानकारियों की एक बाद फिर से जाँच कर लेने के बाद “सब्मिट” बटन को दबाना होगा
- इन सभी बिंदुओं को फॉलो करने के बाद आवेदन सफलतापूर्वक पूर्ण हो जायगा
पोर्टल पर लॉगिन होना
- सर्वप्रथम अपने ब्राउज़र पर परम्परगत कृषि विकास योजना की आधिकारिक वेबसाइट को ओपन करें
- आपको अपने स्क्रीन पर वेबसाइट का होम पेज प्राप्त होगा
- वेबसाइट के होम पेज में ऊपर की ओर दाई तरफ “Login” विकल्प को चुनना हैं
- आपको स्क्रीन पर एक लॉगिन मेनू प्राप्त हो जायगी
- आपको सम्बंधित फ़ील्ड्स में अपना यूजर नेम, पासवर्ड, कैप्चा कोड टाइप कर दें
- सभी फ़ील्ड्स सही प्रकार से टाइप करने के बाद “लॉगिन” बटन को दबाना होगा
- इस प्रकार से आवदेक पोर्टल पर लॉगिन हो जायगा