आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको टेस्ट ट्यूब बेबी के विषय में बताने जा रहें है। दुनिया में अब तक लगभग 50 लाख से अधिक बच्चे टेस्ट ट्यूब बेबी के माध्यम से जन्म ले चुके और पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं।
जानकारी के लिए बता दें टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक से सर्वप्रथम जन्म लेने वाली बच्ची का नाम लूसी ब्राउन है। ऐसी महिलाएं एवं पुरुष जो संतान सुख से वंचित है और संतान का सुख प्राप्त करना चाहते है वे टेस्ट ट्यूब बेबी का सहारा ले सकते है।
यहाँ हम आपको टेस्ट ट्यूब बेबी की पूरी प्रक्रिया को विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे। Test Tube Baby से जुडी अधिक जानकारी के लिए इस लेख को ध्यानपूर्वक अंत तक पढ़िए –
इसके साथ ही अगर आप विश्व की 52 अति सुंदर महिलाओं के बारे में जानना चाहते हैं तो आप हमारा दूसरा आर्टिकल भी पढ़ सकते हैं।
टेस्ट ट्यूब बेबी क्या होता है ?
टेस्ट ट्यूब बेबी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से महिला एवं पुरुष बच्चे को जन्म दे सकते है। इस प्रक्रिया में महिला के अंडाशय से अंडे को बाहर निकालकर लैब में पुरुष के साथ रखा जाता है।
उसके बाद फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया शुरू होती है। जिसके बाद वह भ्रूण बन जाता है। अब इस भ्रूण को महिला के यूट्रेस में ट्रांसफर कर दिया जाता है। 9 महीने का समय पूरा होने के बाद एक स्वस्थ बच्चा जन्म लेता है।
अगर किसी महिला में बच्चेदानी में रसौली, ओवुलेशन की समस्या, फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज, गर्भाशय में समस्या या पुरुषो में पुरूष बांझपन की समस्या है तो वे टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक प्रक्रिया का सहारा ले सकते है और संतान प्राप्ति का सुख प्राप्त कर सकते है।
दुनिया के लगभग 50 लाख से ज्यादा दम्पति ने टेस्ट ट्यूब बेबी के माध्यम से एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है। लूसी ब्राउन नाम की बच्ची दुनिया की पहली टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक से जन्म लेने वाली पहली बच्ची बनी है।
टेस्ट ट्यूब बेबी की आवश्यकता
जानकारी के लिए बता दें यदि महिलाओं या पुरुषो में किसी प्रकार की कोई समस्या है तो ऐसी स्थिति में वे टेस्ट ट्यूब प्रक्रिया का सहारा ले सकते है। जानिए Test Tube Baby की आवश्यकता कब पड़ती है।
- ओवुलेशन की समस्या – महिला के ओवुलेशन में समस्या होने पर आई वी एफ की मदद से गर्भधारण किया जा सकता है।
- बच्चेदानी में रसौली – महिलाओं को बच्चेदानी में रसौली के कारण बाँझपन की दिक्कत हो सकती है। ऐसी महिलाओं को टेस्ट ट्यूब बेबी करने की जरूरत पड़ती है।
- फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज – यदि फैलोपियन ट्यूब में किसी भी कारण से कोई रूकावट हो जाए या खराब हो जाए, ऐसी स्थिति में टेस्ट ट्यूब बेबी की प्रक्रिया को अपनाया जा सकता है।
- पुरूष बांझपन की समस्या – शुक्राणु का ख़राब आकार, शुक्राणु की संख्या और गति में कमी होने पर टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक का प्रयोग किया जाता है और इसकी आवश्यकता पड़ती है।
- गर्भाशय में समस्या – गर्भाशय में किसी भी प्रकार की समस्या या उसका आकार सही ना होना।
- अधिक उम्र होना – अगर महिला एवं पुरुष की आयु अधिक है तो ऐसी स्थिति भी गर्भधारण न करने का एक बहुत बड़ा कारण हो सकता है।
IVF की लागत कितनी है ?
जानकारी के लिए बता दें बहुत से लोगो को लगता है आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलिटी) की कॉस्ट बहुत अधिक होती है। टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीकी से बच्चा पैदा करने के लिए लगभग 1 लाख रुपए से लेकर 1.5 लाख रूपये तक की लागत आती है।
टेस्ट ट्यूब बेबी की प्रक्रिया क्या है ?
अगर आपकी प्रेग्नेंसी में किसी प्रकार की समस्या आ रही है और आप संतान का सुख प्राप्त करना चाहते है तो आप टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक के माध्यम से संतान का सुख प्राप्त कर सकते है। जानिए क्या है Test Tube Baby बच्चा पैदा करने की पूरी प्रक्रिया स्टेप बाई स्टेप –
- Test Tube Baby के लिए सबसे पहले महिला के प्राकृतिक मासिक चक्र को दबाने और अधिक से अधिक अंडो का विकास हो सके इसके लिए लगभग 2 सप्ताह तक इंजेक्शन दिए जाते है।
- उसके बाद सुपर ओव्यूलेशन का सहारा लिया जाता है। इसमें फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन (FSH) युक्त ड्रग्स महिला को दिया जाता है। जिसके माध्यम से एक महिला के अंतर्गत सामान्य से अधिक अंडे उत्पन्न करने के लिए मदद मिलती है।
- उसके बाद विशेषज्ञ द्वारा अंडाशय से अंडे प्राप्त किये जाते है।
- महिला के अंडाशय से अंडे प्राप्त करके पुरुष के स्पर्म के साथ रखे जाते है। फिर स्पर्म अंडे के अंदर जाता है। हालांकि कई बार इंजेक्शन द्वारा स्पर्म को अंडे के अंदर डाला जाता है। यह प्रक्रिया इनसेमिनेशन कहलाती है। फिर फर्टिलाइजेशन प्रक्रिया स्टार्ट होती है। जब अंडा पूरी तरह से फर्टिलाइज हो जाता है तो वह एम्ब्रायो में परिवर्तित हो जाता है।
- इसके बाद एम्ब्रायो को महिला के शरीर में ट्रांसफर किया जाता है। उससे पहले सबसे उत्तम एम्ब्रायो की जांच करके डॉक्टर और महिला और उसके पति से विचार किया जाता है। यदि कोई एक भी एम्ब्रायो पूरी तरह से मजबूत नहीं है तो एक से अधिक एम्ब्रायो महिला यूटेरस में डाले जाते है।
- यूटेरस में एम्ब्रायो के प्रवेश करने के बाद बच्चे का आकार बढ़ने लगता है।
- इस प्रकार आपकी टेस्ट ट्यूब बेबी की प्रक्रिया पूरी हो जाती है।
- उसके बाद 9 महीने का समय पूरा होने पर जब बच्चा पूरी तरह से विकसित हो जाता है, तब एक स्वस्थ बच्चा जन्म लेता है।
टेस्ट ट्यूब बेबी से जुड़े कुछ (FAQ)
दुनिया की पहली टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक से जन्म लेने वाली बच्ची कौन बनी है?
टेस्ट ट्यूब बेबी से अभी तक कितने बच्चे जन्म ले चुके है?
क्या टेस्ट ट्यूब बेबी से होने वाले बच्चे पूर्ण रूप से स्वस्थ होते है?
क्या अधिक उम्र भी गर्भधारण न करने का क बड़ा कारण हो सकता है?
IVF की फुल फॉर्म क्या है ?
जैसे कि इस लेख में हमने आपसे Test Tube Baby क्या होता है और इससे जुडी समस्त जानकारी साझा की है। अगर आपको इन जानकारियों के अलावा योजना से जुडी कोई भी जानकारी चाहिए तो आप ने दिए गए कमेंट सेक्शन में मैसेज करके पूछ सकते है। आपके सभी प्रश्नो के उत्तर अवश्य दिये जाएंगे। आशा करते है आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी से सहायता मिलेगी।