भारतीय रूपया अमेरिकी डॉलर से पहली बार 80 से नीचे गिर गया है। मौजूदा समय में शेयर बाजारों में रुपये ने गिरावट के बीच में गिरने का एक नया रिकॉर्ड बनाया है। रिजर्व बैंक के कड़े प्रयासों के बाद भी रुपया संभल नहीं पा रहा है। 19 जुलाई को शुरूआती कारोबार में Rupee vs Dollar 80 से नीचे गिर गया है। अमेरिकी डॉलर की तुलना में भारतीय रूपया सात पैसे की गिरावट के साथ 80.05 के सबसे निम्न स्तर पर आ गया है। पिछले आठ वर्षों में डॉलर की तुलना में भारतीय रुपया 16.08 रुपये यानी 25.39 प्रतिशत गिर चुका है। Reserve Bank of India (RBI) के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2014 में 63.33 रुपये प्रति डॉलर विनमय दर थी।
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आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से Rupee vs Dollar: आखिर डॉलर के मुकाबले क्यों गिर रहा है रूपया? [Indian Rupee Fall 2022] से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी को साझा करने जा रहे है। अतः रूपया डॉलर से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी के लिए आप हमारे इस लेख को अंत तक पढ़े।
Rupee vs Dollar 2022
आखिर डॉलर के मुकाबले क्यों गिर रहा है रूपया (Rupee vs Dollar) वर्तमान समय में भारतीय रूपया का डॉलर के मुकाबले सबसे बुरा दौर चल रहा है। रूपए की वैल्यू कुछ समय से घटती ही जा रही है। लगातार स्तिथि में रूपया का कम होना शेयर मार्किट में अलग ही रिकॉर्ड बना चुका है। अमेरिकी डॉलर की तुलना में भारतीय डॉलर का इस तरह से कम होना इसका सीधा असर आम आदमी पर होने वाला है। क्युकी रूपया का कम होना मतलब महंगाई में वृद्धि ,यदि महंगाई में वृद्धि होती है तो इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ता है।
Indian Rupee Fall 2022
आर्टिकल | Rupee vs Dollar |
वर्ष | 2022 |
भारतीय रूपये में कमी | डॉलर के मुकाबले 80 से नीचे |
हानि | भारतीय रूपये गिरने के कारण महंगाई में वृद्धि |
रूपये गिरने का कारण | वैश्विक कारण ,महामारी |
इस वर्ष के शुरूआती समय में भारतीय करेंसी कम हुई है | 7.6 प्रतिशत तक |
रूपये में कमी का सीधा असर | आम आदमी पर |
आखिर डॉलर के मुकाबले क्यों गिर रहा है रूपया?
जैसे की आप सभी लोगो को पता है की यूक्रेन और रसिया युद्ध के चलते भू-राजनितिक संकट और अनिश्चितताओं ने अधिकतर
इकॉनमी खतरे को काफी बढ़ा दिया है। यह इकॉनमी के लिए एक सबसे बड़ा आघात है ,क्युकी अभी कोविड 19 के कारण हुई महामारी के कारण हुई मंदी (recession) से रिकवर हो रही थी लेकिन Russia-Ukraine war के चलते अब और समस्या उत्पन्न हो गयी है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के अतिरिक्त हाई ग्लोबल Crude oil Price और बढ़ती मुद्रा प्रसार ने भी ग्लोबल इकॉनमी की समस्याओं को और अधिक बढ़ा दिया है। रूपए के घटते स्तर का एक मुख्य कारण foreign portfolio capital का ऑउटफ्लो भी है foreign portfolio capital इन्वेस्टर्स एफपीआई ने 2022-23 में अब तक इंडियन equity markets से लगभग 14 अरब डॉलर की निकासी की है।
भारतीय रूपए के मुकाबले डॉलर में मजबूती
Rupee vs Dollar– वर्ष 2022 के शुरूआती में अब तक रुपया 7.6 प्रतिशत तक गिर चुका है। भारतीय करेंसी का इस तरह निम्न स्तर में आना इसका सीधा लाभ अमरीकी डॉलर को होगा। इस वर्ष के शुरूआती समय में 8 प्रतिशत की वृद्धि अमेरिकी डॉलर में देखी गयी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा रेपो रेट में की गयी वृद्धि से भी रूपये में निर्बलता का क्रमबद्धता नहीं रुका है। वह इसलिए क्योंकी देश के जून माह में व्यापार घाटे के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंचने के बाद से करंट अकाउंट लॉस बढ़ रहा था।
भारतीय रूपया गिरने के कारण
भारतीय रुपया गिरने का एक प्रमुख है वैश्विक कारण वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण ने लोकसभा में कहा है की रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते कच्चे तेल के दामों में वृद्धि हुई है। जिसकी वजह से ग्लोबल फाइनेंशियल कंडीशन के कठोर होने की वजह से डॉलर की तुलना में रूपया का स्तर कम हो रहा है। foreign portfolio capital इन्वेस्टरों ने इंडियन शेयर मार्केट से लगभग अरबों डॉलर हासिल कर लिए है, जिसके कारण मुद्रा पर भारी असर हुआ है।
आपको बता दें की भारतीय रुपये की तुलना में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले जापानी येन ,ब्रिटिश पाउंड और यूरो जैसी मुद्राओं में अधिक गिरावट आयी है। इन करेंसी की तुलना में भारतीय रूपये में मजबूती आयी है।
Indian Rupee Fall गिरावट का असर कैसे होगा?
Rupee vs Dollar – डॉलर के मुकाबले रूपये गिरने का सबसे ज्यादा असर इम्पोर्टर्स पर होगा, उन्हें अब आयात के लिए सबसे अधिक कीमत अदा करनी होगी। रूपये के घटते स्तर के कारण imports काफी महंगा हो जायेगा। इंडिया में कोयला, प्लास्टिक सामग्री,कच्चा तेल ,वनस्पति तेल ,इलेट्रॉनिक सामान , मशीनरी, सोना, फर्टिलाइजर,कीमती और अर्ध-कीमती स्टोन, आदि चीजों का अधिक निर्यात होता है। आप सभी को बता दें की रूपये के मूल्य में गिरावट होने से निर्यात सस्ता होगा।
इसके अतरिक्त फॉर्नर कंट्री में पढाई करने का सपना देख रहे स्टूडेंट्स पर भी इसका काफी असर पड़ेगा। क्युकी पढाई के लिए अब शुल्क राशि में काफी वृद्धि देखी जा सकती है। remittance में वृद्धि होगी ,रेमिटेंस वह पैसा है जो फॉरनर कंट्री में रहने वाले लोग अपने परिवार को इंडिया में भेजते है। इसी संदर्भ में बात करे तो अब इसकी लागत अधिक होगी क्युकी वह अब अधिक पैसे ट्रांसफर करेंगे।
Rupee vs Dollar से संबंधित प्रश्न उत्तर
आज की इस पोस्ट में हमने Rupee vs Dollar के बारे में बात की है, किसी भी प्रकार सवालों के लिए आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं। हमारी वेबसाइट darkslategrey-cobra-173518.hostingersite.com को बुकमार्क करके के रखें, ऐसी जानकारियों के लिए।