Senior Citizen Saving Scheme: हर व्यक्ति अपनी मेहनत की कमाई का एक हिस्सा ऐसी जगह निवेश करना चाहता है जहां उसका पैसा सुरक्षित रहे और अच्छा रिटर्न भी प्रदान करे। इसके अलावा वे ऐसा निवेश भी चाहते हैं जो बुढ़ापे में नियमित आय का स्रोत बन सके ताकि वित्तीय परेशानियों से मुक्ति पाई जा सके।
आर्थिक सुरक्षा और आत्मनिर्भरता हर किसी की चाहत होती है खासकर जब वह अपने करियर के उत्तरार्ध में पहुंचता है। इसलिए समझदारी से निवेश करना और अपनी बचत को सही जगह पर लगाना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है।
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम
सरकार ने बुजुर्ग नागरिकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी देते हुए 1 अप्रैल 2023 से सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS) की ब्याज दर को बढ़ाकर 8.2% कर दिया है। इस नई दर के साथ, SCSS अब सबसे अधिक ब्याज प्रदान करने वाली सरकारी बचत योजना बन गई है जो विशेष रूप से देश के बुजुर्ग नागरिकों को लक्षित करती है।
सरकार का यह कदम उन लाखों सीनियर सिटिजन्स के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है जो अपनी बचत पर ज्यादा रिटर्न की तलाश में थे। इसके अलावा इस स्कीम में पैसे जमा करने की अधिकतम सीमा को भी 15 लाख रुपए से बढ़ाकर 30 लाख रुपए कर दिया गया है जिससे अधिक बचत करने की इच्छा रखने वाले बुजुर्ग नागरिकों को और भी अधिक सहायता मिलेगी।
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में बदलाव
पहले, रिटायरमेंट फंड मिलने के बाद आपको 1 महीने के अंदर SCSS खाता खोलना होता था। अब आप 3 महीने के अंदर खाता खोल सकते हैं। पहले 5 साल की अवधि पूरी होने के बाद आप SCSS खाते को केवल एक बार 3 साल के लिए बढ़ा सकते थे। अब आप इसे दो बार 3 साल के लिए बढ़ा सकते हैं।
पहले आप 1 साल की अवधि पूरी होने से पहले खाते से पैसे नहीं निकाल सकते थे। अब आप 1 साल की अवधि पूरी होने से पहले जमा राशि का 1% जुर्माना देकर पैसे निकाल सकते हैं।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए आकर्षक निवेश विकल्प
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक प्रमुख निवेश विकल्प के रूप में उभरी है जिसमें वर्तमान में 8.2% की आकर्षक ब्याज दर प्रदान की जा रही है। यह दर पोस्ट ऑफिस द्वारा पेश की गई सभी स्कीमों में सबसे अधिक है। इस स्कीम में निवेश की सीमा पहले 15 लाख रुपये थी जिसे बढ़ाकर अब 30 लाख रुपये कर दिया गया है। निवेश की न्यूनतम राशि 1000 रुपये है।
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जरूरत पड़ने पर पैसे निकाल सकेंगे
SCSS में निवेश की गई राशि पर आपको 5 साल के लिए ब्याज मिलता है। SCSS निवेशकों को यह लचीलापन भी प्रदान करता है कि वे अपनी निवेशित राशि को जरूरत पड़ने पर निकाल सकें। हालांकि समय से पहले निकासी पर कुछ शर्तें और जुर्माना लागू होता है। अच्छी बात यह है कि 3 वर्षो के बाद पैसे की निकासी पर कोई चार्ज फीस नहीं देनी होगी।
1000 रुपए से निवेश की शुरुआत
- इस स्कीम का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को उनकी बचत पर सुरक्षित और आकर्षक ब्याज दर प्रदान करना है।
- यह योजना खासकर उन रिटायर कर्मचारियों के लिए फायदेमंद है जिन्हें नौकरी से रिटायरमेंट बेनेफिट के रूप में एकमुश्त राशि मिली हो।
- इस स्कीम में जमा की गई कुल रकम उनके रिटायरमेंट बेनेफिट से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- निवेश की न्यूनतम रकम 1000 रुपए है और निवेशक कम से कम 1000 रुपए जमा करके इस स्कीम में अपना खाता खोल सकते हैं। 1
- नकदी में अधिकतम 1 लाख रुपए तक जमा किया जा सकता है और यदि निवेशक अधिक रकम जमा करना चाहते हैं तो उन्हें बैंक चेक के माध्यम से ऐसा करना होगा।
- स्कीम में जमा की गई सभी रकमें 1000 के गुणांक में होनी चाहिए।
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में खाता खोलना
- सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम का खाता पोस्ट ऑफिसों और अधिकृत बैंकों जैसे कि भारतीय स्टेट बैंक2 (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB), पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और अन्य में खोला जा सकता है।
- विशेषज्ञों का सुझाव है कि जहां पहले से आपका सेविंग अकाउंट है उसी बैंक या पोस्ट ऑफिस3 में SCSS खाता खोलना बेहतर रहता है।
- इससे न केवल आपके दोनों अकाउंट्स का प्रबंधन आसान हो जाता है बल्कि ब्याज की राशि भी सीधे आपके सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर की जाती है जिससे आपको अतिरिक्त सहूलियत मिलती है।
पैसे की निकासी से जुड़े नियम
अगर निवेशक को अपना खाता समय से पहले बंद करने की जरूरत पड़ती है तो इसके लिए निश्चित नियम और शर्तें लागू होती हैं। समयपूर्व खाता समापन पर लागू होने वाले नियमों का संक्षेप में जाने-
- 1 साल से पहले – यदि खाता खोलने के 1 साल के भीतर खाता बंद कराया जाता है तो निवेशक को अब तक प्राप्त ब्याज की कोई राशि नहीं मिलेगी। पहले मिल चुके ब्याज की राशि को भी मूलधन से काट लिया जाएगा।
- 1 साल से 2 साल के बीच – इस अवधि में अगर खाता बंद कराया जाता है, तो जमा रकम में से 1.5% काटकर वापस किया जाएगा।
- 2 साल से 5 साल के बीच – खाता खोलने के 2 साल बाद और 5 साल से पहले खाता बंद कराने पर जमा रकम से 1% कटौती करके राशि वापस की जाएगी।
इन नियमों का उद्देश्य निवेशकों को सावधानीपूर्वक और दीर्घकालिक निवेश के लिए प्रोत्साहित करना है।
स्कीम को आगे बढ़ाने के डिटेल्स
5 साल की मूल अवधि समाप्त होने के बाद अतिरिक्त 3 साल के लिए खाता विस्तार का विकल्प उपलब्ध है। यह विस्तार विकल्प निवेशकों को उच्च ब्याज दर का लाभ उठाने के लिए अधिक समय प्रदान करता है।
- आपको अपने खाते के विस्तार के लिए संबंधित पोस्ट ऑफिस या अधिकृत बैंक शाखा में जाकर विस्तार फॉर्म भरना होगा।
- फॉर्म भरते समय आपको अपनी पासबुक भी साथ लानी होगी ताकि विस्तार संबंधित प्रविष्टियां उसमें दर्ज की जा सकें।
- आपके खाते की मेच्योरिटी तारीख से 1 साल के भीतर खाता विस्तार के लिए आवेदन किया जा सकता है। यह सुविधा निवेशकों को विस्तार की प्रक्रिया के लिए पर्याप्त समय प्रदान करती है।
- यदि 3 वर्ष के बाद स्कीम को बढ़ाया है तो उसे 1 वर्ष पूर्ण होने पर किसी भी समय बंद कर सकेंगे। ऐसी दशा में खाते में से राशि की कटौती नहीं होगी।
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम में ज्वाइंट खाता
- मुख्य खाताधारक अपनी पत्नी या पति को संयुक्त खाताधारक के रूप में शामिल कर सकते हैं जिससे दोनों के बीच आर्थिक साझेदारी मजबूत होती है।
- खाता खोलते समय न्यूनतम उम्र की शर्त केवल मुख्य खाताधारक पर लागू होती है। संयुक्त खाताधारक (पति या पत्नी) की उम्र चाहे जितनी हो उन्हें इस योजना में शामिल किया जा सकता है।
- संयुक्त खाता होने की स्थिति में 30 लाख रुपए तक की राशि जमा कर सकते हैं।
अचानक मृत्यु होने पर प्रावधान
खाता धारकों को अपने परिवार के किसी सदस्य को नोमिनी के रूप में नामित करने का विकल्प मिलता है जिससे खाता धारक की मौत हो जाने की स्थिति में नामित व्यक्ति को खाते की पूरी राशि प्राप्त हो सके।
- यह सुनिश्चित करता है कि आपकी धनराशि सुरक्षित रहे और आपके निधन के बाद आपके परिवार को वित्तीय सहायता मिल सके।
- नोमिनी के रूप में किसी विदेशी नागरिक को नामित करने की अनुमति नहीं है जिससे धनराशि का नियंत्रण भारतीय नागरिकता वाले व्यक्ति के हाथ में रहे।
- पति या पत्नी को नोमिनी बनाने का लाभ यह है कि खाता धारक की मृत्यु हो जाने के बाद भी खाता मेच्योरिटी तक चालू रखा जा सकता है।
धारा 80C के अंतर्गत टैक्स छूट
निवेश किए गए धन पर आयकर की धारा 80C के अंतर्गत टैक्स छूट का लाभ उठाया जा सकता है। इस सेक्शन के तहत, विभिन्न निवेश विकल्पों और खर्चों के लिए 1.50 लाख रुपए तक की कुल राशि पर टैक्स छूट दी जाती है। इस छूट से निवेशक अपनी कर योग्य आय को कम कर सकते हैं जिससे उनके द्वारा देय टैक्स की मात्रा में कमी आ सकती है।
सालाना ब्याज पर TDS कटौती के नियम
यदि SCSS में जमा रकम पर प्राप्त वार्षिक ब्याज 50,000 रुपए से अधिक होता है, तो उस अतिरिक्त रकम पर आयकर कानूनों के अनुसार टैक्स लागू होता है। इसका मतलब है कि बैंक या पोस्ट ऑफिस जहां आपका SCSS खाता है, वह 10% की दर से TDS काट लेगा बशर्ते आपने अपना PAN नंबर प्रदान किया हो।
निवेशक ने अपना पैन विवरण प्रदान नहीं किया है तो TDS की दर 20% हो सकती है। इसलिए पैन की जानकारी अपडेट करना और समय पर टैक्स रिटर्न दाखिल करना लाभकारी होता है।
TDS कटौती से छूट लेना
निवेशक अपनी टैक्स देयता के आधार पर TDS कटौती से छूट प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें फॉर्म 15G या 15H भरकर संबंधित बैंक या पोस्ट ऑफिस ब्रांच में जमा करना होगा।
- फॉर्म 15G – 60 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों द्वारा भरा जाता है। यह उन व्यक्तियों के लिए है जिनकी कुल आय टैक्सेबल लिमिट से कम है और जिन्हें अपनी आय पर TDS कटौती से छूट की आवश्यकता है।
- फॉर्म 15H – यह फॉर्म 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों द्वारा भरा जाता है।
इस लेख के संदर्भ:
- https://www.nsiindia.gov.in/(S(oaq2ha2pnxj5ea45sj43vn45))/InternalPage.aspx?Id_Pk=62 ↩︎
- https://sbi.co.in/web/personal-banking/investments-deposits/govt-schemes/senior-citizens-savings-scheme ↩︎
- https://www.indiapost.gov.in/Financial/pages/content/post-office-saving-schemes.aspx ↩︎