Success Story: कहते हैं नसीब कब बदल सकता है, और मेहनती लोगों की नसीब कब बदल सकती है, यह हमें कभी नहीं पता चलता है। इस 13 साल के बच्चे ने खेलने-खिलने की उम्र में एक ऐसा कार्य कर दिया है जिससे अब पूरी दुनिया के बच्चों को प्रेरणा मिल रही है। चलिए, हम इनकी सफलता की कहानी के बारे में जानते हैं।
कहते हैं कि प्रतिभा को उम्र की कोई मोहताजी नहीं होती। तिलक मेहता को देखकर, यह बात सिर्फ सोलह साल के बच्चे के कामयाब होने से साबित होती है। अगर हम कहें कि केवल 13 साल के बच्चे ने एक आइडिया से 100 करोड़ की कंपनी शुरू की है, तो शायद ही किसी को यह विश्वास होगा। लेकिन, यह सच है और तिलक मेहता आज हर महीने 2 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर रहे हैं।
मजेदार बात यह है कि तिलक मेहता ने इस कंपनी को शुरू करने के लिए ज्यादा पैसे नहीं निवेश किए थे। उन्हें अपनी ही मुश्किलों से एक आइडिया मिला और उसे आम लोगों की समस्याओं को समझने के बाद कार्य शुरू किया। धीरे-धीरे कार्य बढ़ता गया और आज तिलक की कंपनी 100 करोड़ रुपये के आंकड़े को भी पार कर चुकी है। इससे ज्यादा, उनकी कंपनी ने हजारों लोगों को जीवन में सफलता प्राप्त करने की व्यावसायिक और व्यक्तिगत दिशा में मदद की है।
क्या काम करती है तिलक की कंपनी
तिलक ने 13 साल की आयु में, अर्थात 2018 में, मुंबई शहर के भीतर एक पार्सल डिलीवरी कंपनी की शुरुआत की। उन्होंने “पेपर एंड पार्सल्स” (Paper n Parcels) नाम की कंपनी की स्थापना की। चूंकि उनके पास इस कंपनी को शुरू करने के लिए अधिक पूंजी नहीं थी, इसलिए उन्होंने अपने पिताजी से कुछ धन मांगा और इसे मिलाकर मुंबई के डिब्बावालों को अपने साथ मिलाया, जिससे करोड़ों का व्यापार स्थापित किया गय
कैसे आया इसका आइडिया
तिलक को यह आइडिया एक घटना के बाद आया। वास्तविकता में, एक बार तिलक अपने अंकल के घर गए थे और लौटते समय अपनी किताब वहीं भूल गए। अगले दिन उन्हें उसी दिन की परीक्षा के लिए वही किताब चाहिए थी। समस्या थी कि कोई भी डिलीवरी कंपनी उसी दिन की सेवा के लिए राजी नहीं थी। जो कुछ कंपनियां राजी हुईं, वे काफी ज्यादा मूल्य मांग रही थीं। इसके बाद ही तिलक ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए “पेपर एंड पार्सल्स” का कारोबार शुरू किया।
शुरू की सस्ती ऑनलाइन सर्विस
पैसे की कमी को देखते हुए तिलक मेहता ने एक नया विचार निकाला। उन्होंने मुंबई में एक टिफिन सर्विस कंपनी डिब्बावाले से संपर्क किया और उसके साथ मिलकर 2018 से ऑनलाइन कारोबार शुरू किया। इस ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से लोगों को बेहद सस्ती कीमत पर डिलीवरी सेवा मिलने लगी। डिब्बावाले टिफिन पहुंचाने के साथ ही उनकी डिलीवरी भी आरंभ हो गई। इससे उसी दिन से लोगों तक डिलीवरी पहुंचने लगी और उनका व्यापार भी धीरे-धीरे बढ़ता गया।
सैकड़ों नौकरी और हजारों रोजगार
Papers N Parcels ने अपनी स्थापना के बाद से अब तक करीब 200 स्टाफ को नौकरियां दी हैं, जबकि 5,000 से अधिक डिब्बावालों को अपने साथ जोड़ा है। इन डिब्बावालों की कमाई भी दोगुनी हो चुकी है, क्योंकि अब फूड डिलीवरी के साथ पार्सल का भी काम कर रहे हैं। कंपनी का राजस्व अब 100 करोड़ रुपये पहुंच गया है, जबकि तिलक की नेट वर्थ भी 65 करोड़ रुपये है। तिलक अब रोजाना करीब 7 लाख रुपये यानी हर महीने 2 करोड़ रुपये तक कमाई करते हैं। आज उनकी कंपनी रोजना करीब 1,200 डिलीवरी करती है।
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