Ghana’s Crown Jewels Back: ब्रिटिश शासन ने भारत पर 200 साल तक शासन किया। इस दौरान ब्रिटिश सरकार ने भारत से भारी मात्रा में धन और संसाधनों को लूट लिया। इसमें सोना, चांदी, हीरे, जवाहरात, कलाकृतियां और अन्य कीमती वस्तुएं शामिल थीं।
ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत से लूट ली गई धन और संसाधनों की मात्रा का अनुमान लगाना मुश्किल है। हालांकि कुछ अनुमानों के मुताबिक, ब्रिटिश सरकार ने भारत से 45 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति लूट ली। यह एक बहुत बड़ी राशि है जो भारत की अर्थव्यवस्था और संस्कृति को बहुत नुकसान पहुंचाया।
मुकुट से जुडी दिलचस्प हिस्ट्री
ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत से लूटी गई वस्तुओं को लौटाने की प्रक्रिया अभी भी जारी है। हाल ही में ब्रिटिश सरकार ने भारत को एक 150 साल पुराना सोने का मुकुट लौटाया है। यह मुकुट भारत के राजा जय सिंह द्वितीय का था।
यह मुकुट 19वीं शताब्दी की शुरुआत में बना था। इसमें सोने, हीरे, और अन्य कीमती पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था। यह मुकुट भारत की विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
सालो तक अल्बर्ट म्यूजियम में रहा मुकुट
यह मुकुट लगभग 150 साल पुराना है और यह घाना के असांते राज दरबार से लूट लिया गया था। कई वर्षों से इस मुकुट को विक्टोरिया और अल्बर्ट म्यूजियम में रखा गया था। अब इस मूर्ति के साथ साथ लगभग 31 और चीजों को घाना को लौटने का फैसला लिया गया है।
यह मुकुट असांते साम्राज्य के राजा ओसेी ओकोफू द्वितीय का था। यह मुकुट सोने से बना है और इसमें हीरे, नीलम, और अन्य कीमती पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। यह मुकुट घाना की विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
बहुत सी वस्तुएँ वापस करेंगे
ब्रिटिश संग्रहालय ने कुछ समय पहले स्थाई रूप से चीजों को वापस करने पर रोक लगा दी थी। इस निर्णय का विरोध किया गया था। बाद में ब्रिटिश संग्रहालय ने कुछ चीजों को उधार देने का फैसला लिया।
ब्रिटिश संग्रहालय के निदेशक ट्रिस्ट्राम हंट ने एक वार्ता के दौरान बताया कि ज्यादातर चीज जो उधार में वापस दी जा रही है वे घाना के असांते साम्राज्य से लूटी गई हैं। इनमें राजा की तलवार, सोने का बैच, और अन्य कलाकृतियां शामिल हैं।
इन वस्तुओं को घाना को उधार देने का फैसला एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम ब्रिटेन और घाना के बीच संबंधों को सुधारने में मदद कर सकता है। इन वस्तुओं को घाना को उधार देने की प्रक्रिया अगले साल शुरू होगी। इन वस्तुओं को घाना के राष्ट्रीय संग्रहालय में रखा जाएगा।
ब्रिटिश सरकार का ऐतिहासिक निर्णय
ब्रिटिश सरकार ने घाना की सरकार के साथ नहीं बल्कि वहां के राजा के साथ समझौता किया है। असांते के राजा ओटुमफो ओसेई टूटू सेकेंड को असांतेहेन के नाम से जाना जाता है। असांतेहेन की रजत जयंती को मनाने के लिए इन वस्तुओं को वापस घाना लाया जा रहा है।
ब्रिटिश सरकार ने कहा है कि यह समझौता एक ऐतिहासिक मौका है। यह समझौता ब्रिटेन और घाना के बीच संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगा। असान्तेहेन ने कहा है कि वे इन वस्तुओं को वापस घाना लाने के लिए उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि ये वस्तुएं घाना की संस्कृति और विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
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