भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण, जिसे हम TRAI के नाम से जानते हैं, ने हाल ही में एक नई पहल की घोषणा की है। इस पहल के अंतर्गत, घरेलू दूरसंचार नेटवर्क पर कॉल करते समय कॉलर की पहचान (कॉलर ID) दिखाई देगी, जो कि अब एक डिफ़ॉल्ट सुविधा के रूप में उपलब्ध होगी। इस प्रस्ताव को पहली बार दूरसंचार विभाग (DoT) ने लगभग दो साल पहले पेश किया था।
जन सुरक्षा के लिए TRAI का खास फैसला
TRAI ने कॉलर ID सुविधा को लागू करने के लिए एक विशेष तकनीकी मॉडल का सुझाव दिया है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने शुक्रवार को देश भर के मोबाइल ऑपरेटरों को आदेश दिया कि वे सभी कॉल करने वालों का नाम और पता दिखाएं, भले ही वे अपना नंबर छुपा रहे हों। यह कदम टेलीफोन धोखाधड़ी और स्पैम कॉल को कम करने के लिए उठाया गया है।
भारत में टेलीकॉम का भविष्य (CNAP)
यह सुविधा ‘कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP)’ तकनीक का उपयोग करके लागू की जाएगी। CNAP के तहत, कॉल करने वाले का नाम और पता उसके मोबाइल नंबर से जुड़ा होगा। यह जानकारी दूरसंचार ऑपरेटरों के पास मौजूद होगी।
31 मार्च, 2024 से लागू होगा ये नियम
DoT ने मार्च 2022 में इस सेवा की शुरुआत का प्रस्ताव दिया था। इसके बाद, TRAI ने नवंबर 2022 में इस संबंध में एक परामर्श पत्र जारी किया। सभी मोबाइल ऑपरेटरों को 31 मार्च, 2024 तक यह नया नियम लागू करना होगा। इसके तहत, जब कोई कॉल आएगा, तो फोन स्क्रीन पर कॉल करने वाले का नाम और पता दिखाई देगा, भले ही उन्होंने अपना नंबर छुपाया हो।
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Truecaller के सामने नई चुनौती
भारत की टेलीकॉम नियामक संस्था, TRAI, ने हाल ही में एक नई सुविधा की सिफारिश की है जो फोन पर आने वाले कॉल के साथ नाम भी दिखाएगी। यह सुविधा Truecaller जैसी पहले से मौजूद सेवाओं के लिए एक नई चुनौती पेश करती है क्योंकि अब उपयोगकर्ताओं को सीधे उनके फोन पर यह सुविधा मिलेगी।
Truecaller का कहना है कि उनके पास जो तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) है, वह उन्हें बहुत आगे ले जाती है। Truecaller ने अपनी सेवाओं को बहुत विकसित किया है, जिसमें फालतू कॉल्स और मैसेजेज़ को रोकना, कॉल ब्लॉक करना और यहां तक कि पैसे भेजने जैसी सुविधाएं शामिल हैं। ये सभी चीज़ें उपयोगकर्ताओं को एक बेहतरीन अनुभव देती हैं।
Truecaller की मुख्य खूबी इसकी उन्नत तकनीक और AI है, जो न सिर्फ पहचानती है कि कॉल कौन कर रहा है बल्कि अनचाहे कॉल्स और मैसेजेज़ को भी फिल्टर करती है।
इस नियम के कुछ फायदे
- टेलीफोन धोखाधड़ी और स्पैम कॉल में कमी
- उपभोक्ताओं को यह जानने में मदद मिलेगी कि उन्हें कौन कॉल कर रहा है
- मोबाइल नंबरों का दुरुपयोग कम होगा
- पुलिस और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए अपराधियों को पकड़ना आसान होगा
TRAI का मानना है कि यह नया नियम टेलीफोन धोखाधड़ी और स्पैम कॉल को कम करने में मदद करेगा। यह उपभोक्ताओं को यह जानने में भी मदद करेगा कि उन्हें कौन कॉल कर रहा है।
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