जब बात आती है मेडिकल कॉलेज चुनने की, तो नीट यूजी पास करने वाले बहुत से छात्र सरकारी मेडिकल कॉलेजों को ही चुनते हैं। इसका मुख्य कारण है कि ये कॉलेज न केवल पुराने और विश्वसनीय होते हैं, बल्कि यहां की शिक्षा भी उच्च स्तर की होती है और फीस भी काफी कम होती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, जिसमें नेशनल मेडिकल कमीशन के आंकड़े शामिल थे, यह देखा गया कि छात्रों की बड़ी संख्या सरकारी कॉलेजों की ओर आकर्षित होती है।
लाखों छात्रों की पहली पसंद है ये कॉलेज
इस विश्लेषण में लगभग 1 लाख MBBS छात्रों को शामिल किया गया था, हालांकि, एम्स और JIPMER जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों को इसमें शामिल नहीं किया गया था। फिर भी, दिल्ली के मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज और वर्धमान मेडिकल कॉलेज जैसे संस्थान छात्रों के बीच सबसे लोकप्रिय रहे। यहां की शिक्षा की गुणवत्ता, फीस संरचना, और कॉलेजों की स्थापना के वर्ष छात्रों को यहां आकर्षित करते हैं।
दूसरे नंबर पर आता है इन शहरों का नाम
दिल्ली और केरल जैसे राज्यों के सरकारी मेडिकल कॉलेज विशेष रूप से छात्रों की पसंदीदा सूची में ऊपर हैं। दिल्ली में, जहां कॉलेजों की मीडियन रैंक 4597 है, वहीं केरल के सरकारी कॉलेजों की अपेक्षाकृत कम एनुअल फीस (20 से 30 हजार रुपये के बीच) और बॉन्डेड सर्विस की अनुपस्थिति उन्हें और भी आकर्षक बनाती है। केरल के सरकारी मेडिकल कॉलेजों की मीडियन रैंक 12592 है, जो दिखाता है कि छात्र उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त करने के लिए इन संस्थानों को चुन रहे हैं।
प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की स्थिति
जबकि सीएमसी वेल्लोर जैसे कुछ प्राइवेट मेडिकल कॉलेज अपनी उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और उत्कृष्ट रैंकिंग के कारण छात्रों के बीच प्रतिष्ठित हैं, बहुत से प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की उच्च फीस और अतिरिक्त खर्च उन्हें कम आकर्षक बनाते हैं। प्राइवेट कॉलेजों में एवरेज एनुअल फीस 7 लाख रुपये के करीब हो सकती है, जो कि बहुत से छात्रों के लिए वहन कर पाना मुश्किल होता है।
पहली पसंद होने का मुख्य कारण
सरकारी मेडिकल कॉलेजों को चुनने के पीछे कई कारण हैं: कम शिक्षा लागत, उच्च गुणवत्ता की शिक्षा, स्थापित रेपुटेशन, और बॉन्डेड सर्विस की अनुपस्थिति। ये सभी कारण छात्रों को इन संस्थानों की ओर आकर्षित करते हैं। सरकारी मेडिकल कॉलेज न केवल उन्हें एक बेहतर शिक्षण अनुभव प्रदान करते हैं, बल्कि एक सुरक्षित वित्तीय निवेश भी साबित होते हैं। इसके अलावा, सरकारी कॉलेजों से प्राप्त डिग्री का मूल्य और सम्मान भी अधिक होता है, जो छात्रों के करियर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
इस प्रकार, जब छात्र अपने भविष्य और करियर की दिशा का निर्धारण कर रहे होते हैं, तो सरकारी मेडिकल कॉलेजों का चयन न केवल उनके लिए एक बुद्धिमानी भरा निर्णय होता है, बल्कि एक सुरक्षित और समझदारी भरा कदम भी होता है। यह चुनाव उन्हें अपने मेडिकल करियर में सफलता की ओर अग्रसर करता है, साथ ही उन्हें आर्थिक रूप से भी संतुलित रखता है। अंततः, MBBS छात्रों की सरकारी मेडिकल कॉलेजों में रुचि के पीछे ये प्रमुख कारण हैं जो उन्हें इस दिशा में आकर्षित करते हैं।
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