10 Famous Temples of India भारत देश एक ऐसा देश है जहाँ अनेक धर्म के लोग रहते है, यह हिन्दू धर्म के लोग अधिक संख्या में रहते है हिन्दू अर्थात सनातन धर्म सभी धर्मो में सबसे प्राचीन है। संतान धर्म कितना प्राचीन है इस बात का पता आज तक कोई भी विशेषज्ञ नहीं लगा पाया है। हिन्दू धर्म में लाखो देवी देवता है और उन सभी के पुरे भारत देश में उन सभी की पूजा करने के लिए लाखो मंदिर स्थापित है इनमे से कुछ मंदिर तो इतने प्राचीन है की कोई भी यह ज्ञात नहीं कर पाया की इन मंदिरो का निर्माण कब और किसने किया है आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के तहत भारत के 10 प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानकारी को साझा करने जा रहे है। अतः भारत के सभी प्रसिद्ध मंदिरो की जानकारी के लिए आप हमारे इस लेख को अंत तक पढ़े।
10 Famous Temples of India
10 Famous Temples of India जैसा की हम सभी जानते है भारत में बहुत से अद्भुत मंदिर है जिनके चमत्कारों का कोई स्पष्ट वर्णन का कारण असंभव है। प्रत्येक मंदिर की अपनी ही पौराणिक कहानी, सुंदरता, नकाशी एवं मान्यताएं है लेकिन इन सभी मंदिरो में से कुछ मंदिर ऐसे भी है जो भारत के 10 प्रसिद्ध मंदिरों की श्रेणी में आते है इन सभी मंदिरो की जानकारी नीचे दी गयी है।
वैष्णो माता मंदिर
10 Famous Temples of India :- वैष्णो माता मंदिर देवी वैष्णवी का मंदिर है। वैष्णो माता भगवान शिव की अर्द्धांगिनी आदिशक्ति का ही एक रूप है इन्हे माँ त्रिकुटा के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर जम्मू कश्मीर के कटरा में स्थित है मंदिर करीब 5000 फिट की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर का दर्शन करने के लिए भक्तो को 12 किलो मीटर की चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। इस मंदिर की मान्यता है की यह माता के बुलावे के बिना यहाँ कोई नहीं आता है।
पुराने समय में माता का श्रीधर नाम का एक परम भगत था। उसकी निस्वार्थ भक्ति देखकर माता ने अपने भक्त को दर्शन दिए थे और उसे कहा वह पुरे गाँव को भोजन कराये। माता की आज्ञा के अनुसार श्रीधर ने भंडारा कराया था, भंडारे में उसी गाँव का रहने वाल एक साधु जिसका नाम भैरव नाथ था, वह भी अपने शिष्यों के साथ भण्डारे में आये थे। श्रीधर जो की एक गरीब ब्राह्मण था, उसे पुरे गाँव को भोजन कराते देख भैरव नाथ को आश्चर्य हुआ, जिसके बाद उसने श्रीधार से पूछा तो उन्होंने कन्या के रूप में आई माता को उसके सामने बुलाया।
जिन्हे देखकर भैरव समझ गया की वह कोई दिव्यशक्ति है और उनका पीछा करने लगा। लोगो का मानना है कि तब माता वैष्णवी जो की कन्या के रूप में थी वह इस त्रिकुटा पर्वत की और भागी थी और भैरव से छुपने के लिए पर्वत की गुफा में नो माह तक रही थी उस पुरे समय भैरव भी गुफा के भीतर रही माता नो माह बाद गुफा से बहार आने पर माता ने उसका वध कर दिया था। जिसके बाद उसे अपनी भूल का आभास हुआ और उसने माता से क्षमा मांगी। पौराणिक कथाओ के अनुसार माता ने भैरव नाथ को वरदान दिया की भैरव के दर्शन किये बिना मुझसे मिलने आये श्रद्धालुओं के दर्शन पुरे नहीं होंगे। तब से आज तक माता के दर्शन करने आये दशनार्थी भैरव नाथ के दर्शन जरूर करते है।
इस पवित्र स्थल से लोगो की बहुत आस्था जुड़ी है दूर-दूर से लोग माता के इस सुन्दर और भव्य मंदिर के दर्शन करने आते है।
काशी विश्वनाथ मंदिर 10 Famous Temples of India
भारत के 10 प्रसिद्ध मंदिर :- भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग काशी यानि बनारस में स्थित है जिसे काशी विश्वनाथ मंदिर कहते है। काशी पुरे विश्व का सबसे पुराना शहर है कहा जाता है कि भगवान शिव ने इसे अपनी त्रिशूल पर धारण कर रखा है। काशी विश्वनाथ मंदिर को मोक्ष की नगरी भी कहा जाता है। देश-विदेश से लोग यह अपने अंतिम चरण अर्थात वृद्धा अवस्था में आते है और यही रह जाते है। यह मंदिर उत्तरप्रदेश के काशी के गंगा घाट के किनारे पर स्थित है। बाबा विश्वनाथ के मंदिर से हर साल शिव रात्रि के समय पुरे नगर में भव्य शोभा यात्रा निकाली जाती है।
भारत का यह प्राचीन मंदिर कई वर्षो से बनारस में स्तिथ है कई शासक आये जिन्होंने इसे तुड़वाकर अपने धर्म के स्थलों में परिवर्तित करने का प्रयास किया लेकिन हर बार हिन्दू भगतो ने मदिर का पुनः निमार्ण करके मंदिर के अस्तित्त्व को बचाये रखा है। यह मंदिर पांच बार नस्ट किया गया था, और फिर अंतिम बार इसका पुनर्निर्माण रानी अहिल्या बाई होल्कर द्वारा 1780 में किया था।
केदारनाथ मंदिर
10 Famous Temples of India:- देवो की भूमि उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्तिथ यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। बहुत दूर-दूर से लोग यहाँ दर्शन करने आते ही नहीं बल्कि विदेशो में भी इसकी प्रसिद्धि के चर्चे है। हिन्दू धर्म के भगवान शिव का यह मंदिर ऊंचे पहाड़ो में स्तिथ है। मान्यता है की इस मंदिर से ही स्वर्ग की सीढ़ियाँ निकलती है प्राचीन समय से स्तिथ यह मंदिर आज भी मजबूती से खड़ा है ग्रंथो के अनुसार इस मंदिर का निर्माण पांच पांडवों ने किया था। मंदिर के पीछे एक विशाल शिला है जिसे भीम शिला कहा जाता है यह भीम शिला और कोई नहीं बल्कि पांडवो में से एक पांडव भीम ही है जो भगवान शिव के ज्योतर्लिंग की प्राकर्तिक आपदाओं से रक्षा करते है।
केदारनाथ को पुरे भारत में सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है इस मंदिर के कपाट साल में केवल छः महीने ही खुलते है। कहा जाता है की मंदिर में 6 महीने तक कोई भी श्रद्धालु या पुजारी नहीं जाता है लेकिन 6 महीने बाद जब मंदिर के द्वार पुनः खोले जाते है तो ज्योतिर्लिंग के पास का दिया निरंतर जलता रहता है। लोगो की मान्यता है कि यह मंदिर 6 महीनो के लिए बंद रहता है तब उस दौरान देवतागण इस मंदिर में पूजा करते है इसलिए इस मंदिर का दीपक कभी नहीं बुझता है।
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कामाख्या देवी मंदिर 10 Famous Temples of India
कामख्या मंदिर भगवान शिव की पहली पत्नी माता सती का मंदिर है, माता सती को कामाख्या माता भी कहा जाता है। यह मंदिर भारत पूर्वी क्षेत्र के असम राज्य में स्थित गोवाहाटी रेलवे स्टेशन से 10 किलो मीटर दूर नीलांचल पहाड़ी पर है। कहा जाता है कि यह मंदिर 52 शक्ति पीठ मंदिरों में से एक पर है। इस मंदिर में भगवान की मूर्ति की पूजा नहीं होती है बल्कि मान्यता है कि माता सती के शरीर का एक भाग असम के इस स्थान पर आकर गिरा था और लोगो ने यहाँ मंदिर बनवा दिया लेकिन यह मंदिर किसने बनवाया है यह एक रहस्य है।
कामख्या माता का यह मंदिर 3 भागो में स्थित है इसके सबसे बड़े भाग में केवल पुजारी ही जा सकते है वहा जाने की अनुमति श्रद्धालुओं को नहीं है, और मंदिर के दो भागो में भक्त भारी संख्या में माता के योनि भाग का पूजन करने आते है। पुरे भारत से कई तांत्रिक यहाँ एक विशेष मौके पर आते है माना जाता है कि यह तांत्रिकों की कुल देवी है।
सोमनाथ मंदिर
भारत के 10 प्रसिद्ध मंदिरों में से एक सोमनाथ मंदिर भी है, यह मंदिर भारत के पश्चिमी तट के गुजरात प्रदेश के स्वराष्ट्र में प्रभाष क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर के अन्दर भगवन सोमनाथ यानि की शिव जी की ज्योतिर्लिंग स्थापित है। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे प्रथम ज्योतिर्लिंग है। इतिहास के सबसे पुराने वेद ऋगवेद में भी इस मंदिर की वर्णा हो रखी है। कहा जाता है यहाँ पर चंद्र देवता ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। इस पौराणिक मंदिर में एक प्रसिद्ध बाणस्थम्भ भी है यह स्थम समुद्रा की और बना है।
मंदिर की मान्यता तब अधिक हो गई जब यहाँ श्री कृष्ण ने अपनी जीवन लीला का अंत किया था। इस धार्मिक स्थल को विद्रोहियों द्वारा काफी बार तुड़वाया भी गया है लेकिन हिन्दू राष्ट्रीय के लोगो ने प्रत्येक बार इसका पुनः निर्माण किया है। यह मंदिर अत्यधिक शुद्ध माना जाता है। रात के समय मंदिर प्रांगढ़ में साउंड एन्ड लाइट शो चलाया जाता है जिसमे सोमनाथ मंदिर की कथा का चित्र सहित वर्णन किया जाता है।
तिरुपति बालाजी मंदिर 10 Famous Temples of India
10 Famous Temples of India तिरुपति बाला जी मंदिर आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है। यह तिरुमाला के सात शिखरों पर बना हुआ है यह सात शिखर शेषनाग के सात फनो को दर्शाते है, इन चोटियों का नाम सेशाद्री, नीलाद्रि, गरुणाद्रि, अंजनाद्रि, विष्टाद्रि, नयाद्री और विंकेदात्री कहा जाता है विंकेदात्री पर स्तिथ होने के कारण इस मंदिर के भगवान को विकेटश्वर महाराज कहा जाता है। इस मन्दिर को भारत का सबसे धनी मंदिर भी माना जाता है। क्योकि यह करोड़ो की संख्या में श्रद्धालु आते है और लाखो-लाखो रुपयों एवं सोने का दान करके जाते है श्रद्धालु यहाँ अपने बाल भी दान करते है।
श्रीरामयूजन चार्य जी जिन्होंने 150 साल तक नारायण की पूजा करी और भगवान ने उन्हें अपने दर्शन इसी स्थान पर दिए थे। लोगो की मान्यता के अनुसार भगवान विकेटेश्वर अपनी पत्नी पार्वती के साथ यहाँ विराजमान है। इस मंदिर के बहुत से रहस्य है, यह रहस्य निम्नलिखित है :-
- विंकेटेश्वर महाराज के बाल असली है वह कभी नहीं उलझते है और हमेशा बहुत मुलायम रहते है।
- इसके साथ ही मूर्ति पर कान लगाकर सुनने से समुद्र की लहरों की ध्वनि आती है। जबकि इस स्थान के आस-पास कोई भी समुद्र नहीं है।
- मंदिर के मुख्य द्वार पर मंदिर की दाई और एक छड़ी है कहा जाता है की बचपन में इस छड़ी से उनकी पिटाई की गई थी। जिसके कारण उनकी ठुड्डी पर चोट लग गई थी जिसपर पुजारी आज भी हल्दी का लेप लगाते है।
- बाला जी के मंदिर में एक दीपक कई वर्षो से बिना तेल और घी के जलता आ रहा है।
- जब भगवान की मूर्ति को गर्वग्रह से देखा जाता है तो प्रतीत होता है की वह गर्वग्रह के मध्य में ही स्तिथ है लेकिन जब मूर्ति को बाहर आकर देखते है तो प्रतीत होता होगा की मूर्ति दक्षिण की ओर है।
- विंकेटेश्वर महाराज की मूर्ति से पसीना भी निकलता हैं। इसलिए मंदिर का तापमान नियंत्रित रखा जाता है जिससे की भगवान को गर्मी न लगे।
जगन्नाथ मंदिर पूरी 10 Famous Temples of India
भारत के 10 सबसे प्रशिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक जगन्नाथ मंदिर मंदिर है यह भारत के दक्षिण राज्य उड़ीसा के पूर्वी क्षेत्र में स्थित है। देश-विदेश से यहाँ लोग दर्शन के लिए आते है। जगन्नाथ पूरी को कृष्ण जी का पहला वैकुण्ड भी कहा जाता है। यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है। माना जाता है कि यहाँ की मूर्ति में भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण का ह्रदय स्थापित है। जिसे वह के निवासी भ्र्मप्रदाथ भी कहते है। यह मंदिर बहुत से चमत्कारी रहस्यों से परिपूर्ण है। इन में से कुछ रहस्य निम्नांकित है :-
- मंदिर में एक भव्य रसोई है उस रसोई में 500 रसोइये काम करते है और 300 सहायक है।
- यह रसोई भारत कि सबसे बड़ी रसोइयों की लिस्ट में शामिल है।
- रसोई में प्रत्येक दिन लाखो लोगो के लिए भोजन बनता है यहाँ बनने वाला भोजन न तो कभी कम पड़ता है और ना ही कभी अधिक पड़ता है।
- मंदिर में स्थित जगन्नाथ की मूर्ति अधूरी मूर्ति है जो की लकड़ी से बनी हुई है।
- 12 साल में एक बार मूर्ति को बदला जाता है और उस दिन पुरे शहर की लाइट बंद कर दी जाती है। ताकि मूर्ति बदलते समय उन्हें कोई भी न देखे।
- मंदिर के पुजारी को भी हाथो में ग्लव्स और आँखों में पट्टी बांधकर मंदिर के अंदर भेजा जाता है।
- प्रत्येक वर्ष मंदिर से एक भव्य शोभा यात्रा निकाली जाती है, कहा जाता है की उस यात्रा में स्वयं भगवान कृष्ण बलराम और अपनी बहन सुभद्रा के साथ उस यात्रा में शहर का भ्रमण करने जाते है। यह यात्रा 9 दिनों तक चलती है।
- यह दुनिया का सबसे ऊँचा एवं भव्य मंदिर माना जाता है लेकिन मंदिर की परछाई को आज तक किसी ने नहीं देखा है कहा जाता है की मंदिर की परछाई नहीं है।
- मंदिर के ऊपर एक चक्र बना है यह चक्र जिस भी दिशा से देखो तो ऐसा प्रतीत होता है की उसका मुख आपकी ही तरफ है।
- मान्यता तो यह भी है की इस मंदिर के ऊपर से कभी कोई पक्षी नहीं उड़ता है। इसलिए मंदिर के ऊपर से किसी भी हवाई जहाज को ले जाना मना है।
ओंकारेश्वर महादेव मंदिर 10 Famous Temples of India
ओम्कारेश्वर मंदिर में 12 ज्योतिर्लिंगों में से चौथे नम्बर की ज्योतर्लिंग स्तिथ है। नर्मदा नदी के तट पर स्तिथ यह ओम्कारेश्वर मंदिर ॐ के आकर के द्वीप पर स्तिथ है Omkareshwar मंदिर दो भागो में बटा हुआ है माना जाता है की एक ही ज्योतिर्लिंग के यह दो भाग है एक मंदिर का नाम अमरेश्वर एवं दूसरे मन्दिर का नाम ओम्कारेश्वर मंदिर है। इन दोनों मंदिरो की पूजा किये बिना दर्शन पूरा नहीं माना जाता है।
- कथाओ के अनुसार इस स्थान पर कुछ समय तक भगवान ब्रम्हा और भगवान विष्णु ने भी निवास किया था। इसलिए इसे त्रिपुरी क्षेत्र भी कहा जाता है।
- इस द्वीप पर कई विद्रोही राजा आये लेकिन वह भी मंदिर को नुक्सान नहीं पंहुचा सके।
- इस मदिर के पास बहने वाली नदी में नर्मदेश्वर शिवलिंग पाया जाता है। इस शिवलिंग को अपने घर में स्थापित करने से आपकी सभी परेशनियां दूर हो जाती है।
- अमरेश्वर मंदिर को ममलेश्वर मंदिर भी कहा जाता है।
बैद्यनाथ धाम मंदिर
10 Famous Temples of India वैधनाथ मंदिर यह मंदिर भी पौराणिक मंदिरो में से एक है प्रत्येक दिन लोग करोड़ों की संख्या में यह माता सती और प्रभु शिव के दर्शन करने आते है। यह प्रसिद्ध मंदिर झारखण्ड राज्य के सुल्तानगंज नामक स्थान पर स्थित है। वैधनाथ मंदिर को कई नामो से जाना जाता है जैसे वैद्येश्वर, बैजनाथ, रावणेश्वर, बैजुनाथ। मान्यता है शिव जी के भगत रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न करके उनसे अपने साथ चलने का वरदान माँगा था, लेकिन भगवान शिव ने उन्हें यह चेतावनी दी थी की अगर मार्ग में यह शिवलिंग धरती पर रखी गई तो यह वही स्तिथ हो जाएगी। फिर माता पार्वती के अनुग्रह पर उनके पुत्र गणेश ने चतुराई से रास्तें में ही यह शिवलिंग धरती पर रखवा दिया था। जिसके बाद यह वैधनाथ मंदिर का निर्माण हुआ।
- यह पर माता सत्ती के 52 पिंडो में से एक पिंड ह्रदय भी स्तिथ है। इसलिए इस स्थान पर दो मंदिर है यह दोनों ही मंदिर लाल रंग के रसियों से जुड़े हुए है।
- इस मंदिर का निर्माण राजा पूरनमल ने कई वर्षो पहले किया था। इस मदिर में सभी श्रद्धलुओं की इच्छाएं भी पूर्ण होती है। इसलिए इसे कामना लिंग भी कहा जाता है।
- प्रत्येक वर्ष सावन के महीने में सभी श्रद्धालु 100 किलोमीटर की यात्रा करने के पश्चात सुल्तानगंज से पवित्र गंगा जल को लेकर शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए जाते हैं।
- Vaidyanath की इस भूमि को पुराणों में चीता भूमि भी कहा जाता है।
सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई 10 Famous Temples of India
सिद्धिविनायक बहुत लोगो ने इस प्रसिद्ध मंदिर का नाम सुना होगा है यह मंदिर महाराष्ट्र राज्य की राजधानी मुंबई जिसे माया नगरी भी कहा जाता है उस में स्तिथ है। इसका निर्माण कई सालो पहले 14 नवम्बर 1801 में हुआ था। कहा जाता है की इस मंदिर को बनवाने वाले मुम्बई के रहने वाले किसान दंपत्ति लक्ष्मण विठू एवं देऊबाई पाटिल थे। इन्होने मंदिर का निर्माण इसलिए किया था क्योकि इनकी कोई संतान नहीं थी। इनकी इच्छा थी कि इस मंदिर में आने वाले सभी भक्तों की झोली भरी रहे इसलिए उन्होंने मंदिर का निर्माण करवा कर बाप्पा की स्थापना की थी।
- कहा जाता है कि भगवान गणेश की शुंड अगर दाई तरफ मुड़ी होती है तो उसे सिद्ध पीठ कहते है।
- सिद्धिविनायक को नवसाचा, नवसाला, पावणारा गणपति भी कहा जाता है। हिंदी भाषा में इसका अर्थ है भगवान गणपति को जब भी कोई याद करेगा भगवान उसकी सभी मनोकामना पूरी करेंगे।
- प्रत्येक वर्ष गणपति जी कि मूर्ति से पुराने सिंदूर को हटा कर नया सिंदूर लगाया जाता है। यह कार्य चार पांच दिन तक चलता है जिसके समय मंदिर में किसी भी भक्त का जाना वर्जित होता है।
- सिद्धिविनायक में मंगलवार के दिन अत्यधिक भगतो की भीड़ लगती है सभी बाप्पा के दर्शन को आते है।
- वर्तमान समय में Siddhivinayak मंदिर की ईमारत पांच मंजिला है। जिसमे प्रवचन गृह, गणेश संग्रहालय एवं दूसरी मंजिल पर गरीबो के लिए मुफ्त अस्पताल भी है।
- मंदिर के अंदर चाँदी से बने दो चूहों की मूर्ति भी है जिसके कानो में श्रद्धालु अपनी इच्छाएं बोलते है।
10 Famous Temples of India अक्षरधाम मंदिर
अक्षर धाम मंदिर ईस्ट दिल्ली के नोएडा मोड़ पर है। यह मंदिर 100 एकड़ में फैला हुआ है यह दुनिया का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर माना जाता है। गिनिस बुक में भी इस मंदिर का नाम दर्ज है। यह मंदिर स्वामीनारायण की याद में बनाया गया था। इस mandir का स्वरूप इतना सुन्दर है की आप इसकी आकर्षण से मोहित भी हो सकते है। यहाँ संसार के शोर से दूर अशीम शांति का अनुभव होता है। जिसकी शायद ही आप कल्पना कर सकते है।
- इसे बनाने में किसी भी धातु का प्रयोग नहीं किया गया है इसके लिए संगेमरमर बालू के पत्थर का प्रयोग किया है।
- मंदिर के सभी दीवारों, खम्बों एवं गुम्बद सभी पर हाथ की सुन्दर एवं अद्भुद नकाशी हो रखी है।
- अक्षर मंदिर में कुल 20,000 मुर्तियाँ है एवं नौ गुम्बद है।
- इस मंदिर के निर्माण में पुरे 5 वर्षो का समय लगा था उस दौरान यहाँ 11,000 कारीगर कार्य कर रहे थे।
- इस मंदिर का कार्य ख़तम होने के पश्चात इसे 2005 में भगतो के लिए खोल दिया गया था।
- यह पर स्वामीनारायण के चमत्कारी कार्यो का एक्सिवीज़न भी लगता है जिसके लिए एंट्री फीस देनी पड़ती है एवं water show भी होता है
- मंदिर के अन्दर ही केंटीन है जहा आपको सभी प्रकार का शाकाहारी भोजन मिल जायेगा।