उत्तराखंड भारत का एक बहुत ही खूबसूरत राज्य है जो की देवभूमि के नाम से जाना जाता है। यहां अनेक प्रकार के तीर्थ स्थल हैं जहा की आपको अपने जीवन काल में एक न एक बार जरूर जाना चाहिए। आज हम उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल और उनकी यात्रा के बारे में आपको बताएंगे क्योंकि उत्तराखंड प्राकृतिक सुंदरता, पवित्रता और शांति का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है।
भारत के इस प्रदेश में केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमनोत्री, हरिद्वार, गंगोत्री तथा ऋषिकेश जैसे अनेक प्रकार के धार्मिक स्थल हैं जहाँ की हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग हर साल हजारों की संख्या में आते रहते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें की उत्तराखंड में चारधाम यात्रा हिन्दुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थन है जहां की वर्ष में लाखों लोग दर्शन के लिए आते रहते हैं।
आध्यात्मिकता के वास्तविक सार को अपने आप में समेटा हुआ उत्तराखंड राज्य का अपना ही एक अलग सा इतिहास है यहाँ हजारों सालों पहले से बने हुए धार्मिक स्थल तथा मंदिर है जो की हिन्दू धर्म को अनंत कल के लिए अमर रखती है। शांति तथा आध्यत्मिकता को चाहने वालो के लिए यह जगह स्वर्ग के समान है, अगर आप भी अपनी फैमली या दोस्तों के साथ शहर की शोर शराबा तथा हलचल वाली जिंदगी से दूर आध्यत्मिक में थोड़ा समय बिताना चाहते हैं तो आपके लिए उत्तराखंड एक शानदार जगह साबित होगी।
आज हम आपको अपने लेख के माध्यम से Uttarakhand के Top Religious Places in Hindi के बारे में बताएंगे। तथा बताएंगे की आप इन तीर्थ स्थलों में यात्रा कैसे कर सकते हैं इसलिए हमारे लेख को पूरा पढ़ें।
उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल
सर्वप्रथम भारत के उत्तरी राज्य उत्तराखंड का उल्लेख ऋग्वेद में किया गया था जहाँ की इसे देवभूमि के नाम से बताया गया था। भारत के प्राचीन काल से ही उत्तराखंड अपने धार्मिक महत्व के लिए हिन्दुओं के लिए एक प्रमुख स्थान रखता है यही कारण है की यहाँ हर वर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक मंदिरों के दर्शन के लिए आते हैं। आज हम आपको अपने आर्टिकल में उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल (uttaraakhand ke prasiddh teerth sthal) के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले हैं। अधिक जानकारी के लिए आप उत्तराखंड की टूरिज़्म की आधिकारिक वेबसाइट https://uttarakhandtourism.gov.in/ पर भी जा सकते हैं
1. केदारनाथ (Kedarnath)
उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ मन्दिर हिन्दू धर्म के लोगों के लिए एक प्रमुख मंदिर है। यह उत्तराखंड के हिमालय पर्वत की गोद में बसा केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग में शामिल होने के साथ ही चार धाम तथा पांच केदारों में से एक भी है। यह मंदिर अप्रैल से लगभग अक्टूबर नवम्बर तक ही खुला रहता है। यहाँ स्थित शिवलिंग बहुत ज्यादा प्राचीन है ऐसा माना जाता है की इसका निर्माण पांडव वंश के जन्मेजय ने कराया था।
2. नैनीताल (Nainital)
नैनीताल प्राकृतिक सुंदरता एवं संसाधनों से भरपूर है। यहाँ आपको कई सारी खूबसूरत झील देखने के लिए मिल जाएंगी जिस कारण इस जिले का नाम भारत में “झीलों के जिले” के नाम से मशहूर है। इस जिले में “नैनी झील” सभी झीलों में सबसे प्रमुख है। इस जनपद में मुख्य पर्यटक स्थल हल्द्वानी, भीमताल, कालाढूंगी इत्यादि जगहें शामिल हैं।
3. बद्रीनाथ (Badrinath)
बद्रीनाथ भारत के चारधामो में सबसे ज्यादा सुप्रसिद्ध है, यह एक ऐसा धार्मिक स्थान है जहां की आपको नर और नारायण दोनों मिलते हैं। अगर शास्त्रों की माने तो इस विशालपुरी के नाम से भी जाना जाता है, यहाँ भगवान श्री विष्णु जी की पूजा होती है और इसलिए इसे विष्णुधाम के नाम से जानते हैं। यह मंदिर हिमालय के सबसे पुराने तीर्थ स्थानों में से एक है। बद्रीनाथ में चार भुजाओं वाली काली पत्र की एक बहुत ही छोटी मुर्तियां हैं।
4. यमुनोत्री (Yamunotri)
यमुना नदी का स्रोत और हिन्दू धर्म में दिवि यमुना के नाम पर इस तीर्थ स्थान का नाम यमुनोत्री है यह उत्तरकाशी जिले में स्थित है। उत्तरखंड के चार धामों में यह तीर्थ स्थान भी शामिल है यहाँ भी वर्ष में अनेक यात्री दर्शन के लिए आते रहते हैं। यमुनोत्री में मुख्य आकर्षण का केंद्र यमुना देवी के लिए समर्पित मंदिर तथा जानकीचट्टी में पवित्र तापीय झरना है।
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5. ऋषिकेश (Rishikesh)
ऋषिकेश को “योग नगरी” तथा “साधुओं की भूमि” के नाम से भी जाना जाता है, चंद्रबाथा तथा गंगा के संगम पर हरिद्वार से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर यह आध्यात्मिक ऋषिकेश शहर बसा हुआ है। जब आप उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को शुरू करेंगे तो यह आपकी यात्रा का एक प्रारम्भिक बिंदु होगा, यहाँ केवल धर्मिक स्थल ही नहीं बल्कि ओषधि तथा योग जैसे अनेक चीजों के लिए भी जाना जाता है। यहाँ पर आपको अनेक प्रकार की आकर्षित करने वाली चीजें भी दिखेंगी।
6. हरिद्वार (Haridwar)
उत्तराखंड का हरिद्वार जिला एक पवित्र नगर तथा हिन्दुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थान है। इसको नगर निगम बोर्ड के द्वारा नियंत्रित किया जाता है। यह हिन्दू धर्म की मयताओं के अनुसार बहुत ही प्राचीन नगरों में से एक है। हरिद्वार को देश के 7 पवित्र स्थलों में से एक को मन जाता है। हरिद्वार को “गंगाद्वारा” के नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ है की गंगाजी मैदानों में प्रवेश करती हुई। हरिद्वार का रथ है “हरि का द्वारा”
7. गंगोत्री (Gangotri)
गंगा नदी का उद्गम स्थान गंगोत्री में है जो की चार धाम तीर्थयात्रा में चार स्थानों में से एक है। स्त्रोत को भागीरथी कहा जाता है और देवप्रयाग के बाद यह अलकनंदा से जाकर मिलती है जहां से यह गंगा के नाम से जनि जाती है। इस पवित्र नदी का उद्गम गोमुख से होता है जो की गंगोत्री ग्लेशियर में स्थापित है।
8. सुरकंडा देवी मंदिर (Surkanda Devi Temple)
यह मंदिर उत्तराखंड राज्य का एक प्रमुख मंदिर है जो की मसूरी रोड पर धनोल्टी पर स्थित है। देहरादून से इस मंदिर की दूरी लगभग 66 किलोमीटर है। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब माता सती ने हवन कुंड में कूदकर अपने प्राणो की आहुति दी थी तो जब शंकर भगवान उनके मृत शरीर को कैलाश ले जा रहे थे तो कुछ शरीर का भाग आधे रास्ते में गिर गया। जिस स्थल पर माता का सिर गिरा उस स्थान को सुरकंडा के नाम से जाने जाना लगा।
9. कल्पेश्वर मंदिर (Kalpeshwar Temple)
यह मंदिर उत्तराखंड के पांच केदारो में से एक है जो की भगवान शंकर जी के लिए समर्पित है। इस मंदिर में भगवान शिव की जटाओं की पूजा की जाती है। वर्ष में आप कभी भी इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आ सकते हैं क्योंकि यहाँ का मौसम साल के सभी महीनो में अत्यंत अच्छा होता है। इस मंदिर में प्रवेश करने एक लिए आपको छोटी छोटी गुफाओं से होते हुए जाना पड़ेगा। कल्पेश्वर का प्राचीन नाम हिरण्यवती था।
10. तुंगनाथ मंदिर (Tungnath Temple)
चमोली जिले में स्थित तुंगनाथ मंदिर भगवान शंकर के लिए समर्पित है। यहाँ आपको आसपास पहाड़ों की अत्यधिक प्राकृतिक सौंदर्य देखने के लिए मिल जाएगी। ऐसा मन जाता है की यह मंदिर लगभग 5000 साल से भी पुराना है। यहाँ आप जुलाई और अगस्त के महीने में घूमने के लिए जा सकते हैं क्योंकि इस समय यहाँ की खूबसूरती और ज्यादा बढ़ जाती है।
11. जागेश्वर धाम मंदिर (Jageshwar Dham Temple)
जागेश्वर धाम मंदिर उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले से लगभग 30 से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, यह देवदार के पेड़ों के बीच जंगल में प्राकृतिक नज़ारों से घिरा हुआ है। इस धाम में आपको बहुत सरे मंदिर का एक समूह देखने के लिए मिलेगा। पौराणिक कथाओं की माने तो यह स्थल भगवान शिव की तपोस्थली रही है। इस धाम में आपको सूर्य, नव दुर्गा, हनुमान जी, कालिका, कालेश्वर इत्यादि के मंदिर देखने के लिए मिल जाएंगे।
12. श्री कालबिष्ट डाना गोलू गैराड धाम (Shri Kalbisht Dana Golu Garad Dham)
कालबिष्ट मंदिर न्याय के देवता गोलू गैराड को समर्पित है जो की उत्तराखंड के कुमांऊ क्षेत्र के अल्मोड़ा जिले में स्थित है ऐसा माना जाता है की यहां कालबिष्ट जी देवता के रूप में विराजमान हैं। यहाँ के लोग ऐसा मानते हैं की गोलू देवता की उत्पत्ति गौर भैरव (शिव) के अवतार के रूप में हुई थी। इनके विषय में अनेक प्रकार की कहानियां प्रचलित हैं।
13. मध्यमहेश्वर मंदिर (Madhyamaheshwar Temple)
उत्तराखंड का सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक मध्यमहेश्वर मंदिर है जो की समुद्र से 3490 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर की यात्रा करना काफी कठिन है क्योंकि यहाँ जाने के लिए आपको केवल ट्रेकिंग करनी पड़ेगी जो की चुनौतीपूर्ण रास्तों से होकर जाती है। यह भगवान शंकर को समर्पित मंदिर है, यह मंदिर पांच केदारों में से एक है।
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14. मुक्तेश्वर (Mukteshwar)
मुक्तेश्वर नैनीताल जिले में 51 किमी की दूरी पर बसा हुआ एक बेहद ही खूबसूरत एवं प्राचीन मंदिर है। इस स्थान पर फलों के बगीचे तथा देवदार के पेड़ों के घने जंगलों से घिरे हुए इस स्थान को 1893 में अंग्रेजों के द्वारा अनुसंधान एवं शिक्षा संस्थान के रूप में विकसित किया था जो की वर्तमान में भारतीय पशु अनुसंधान केंद्र (IVRI) के नाम से जाना जाता है। यहाँ की सुंदरता लोगों को अपने आप ही अपनी और आकर्षित करती है।
15. जोशीमठ (Joshimath)
भारत के उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में जोशीमठ स्थित है इसे हम ज्योतिर्मठ के नाम से भी जानते हैं, यहां हिन्दुओं की प्रशिद्ध ज्योतिष पीठ है। 8 वीं सदी में यहां आदि शंकराचार्य जी को ज्ञान प्राप्त हुआ तथा बदिरनाथ मंदिर और देश के अन्य कोनो में तीन और मठों की स्थापना से पहले यहीं उनके द्वारा प्रथम मठ की स्थापना करी थी।
16. रुद्रप्रयाग (Rudraprayag)
रुद्रप्रयाग का नाम भगवान शिव के नाम पर रखा गया है। अलकनंदा तथा मंदाकिनी नदियों के पवित्र संगम पर रुद्रप्रयाग स्थित है, यह श्रीनगर से करीबन 32 किमी की दूरी पर स्थित है। अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का यह संगम अत्यंत ही सौंदर्य लगता है, देखने में ऐसा प्रतीत होता है की जैसे दो बहने आपस में गले मिल रही हों। ऐसा मन जाता है की नारद मुनि जी के द्वारा संगीत के रहस्यों को हासिल करने के लिए शंकर भगवान की पूजा की और आशीर्वाद के रूप में भगवान शिव यहां रूद्र अवतार में उपस्थित थे।
17. गुप्तकाशी (Guptkashi)
काशी की तरह ही गुप्तकाशी का भी अपने आप में काफी अधिक महत्व है, ऐसा माना जाता है की महाभारत के युद्ध के बाद पांडव भगवान शिव से मिलना चाहते लेकिन शंकर भगवान उनसे नहीं मिलना चाहते थे इसलिए भगवान गुप्तकाशी से केदारनाथ में जाकर छुप गए। गुप्तकाशी में प्राचीन विश्वनाथ मंदिर, अर्धनारेश्वर मंदिर और मणिकर्णिक कुंड मुख्य आकर्षण का केंद्र हैं।
18. देहरादून (Dehradun)
उत्तरी भारत के पश्चिमोत्तर राज्य उत्तराखंड में देहरादून जनपद स्थित है, यह उत्तराखंड की राजधानी भी है। देहरादून शिवालिक की पहाड़ियों तथा मध्य हिमालय की पहाड़ियों में स्थित है। यह एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल के रूप पूरे उत्तराखंड में जाना जाता है। देहरादून गंगा से लेकर यमुना नदी तक फैला हुआ है। इस तरह की घाटियों को ही दून कहते हैं। देहरादून उत्तराखंड का एक प्रमुख स्थान है जहाँ छोटी से लेकर बड़ी कम्पनियां भी रहती है।
19. देवप्रयाग (Devprayag)
टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित देवप्रयाग उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है, यह एक बहुत ही पवित्र स्थान है जहाँ गंगा नदी, अलकनंदा और भागीरथी नदियों के संगम के बाद निकलती है। यह स्थान पंच प्रयाग का भी हिस्सा है तथा हिन्दूओं के लिए भी यह काफी अधिक महत्व रखता है। पूरे देश से इस स्थान पर पर्यटक हर वर्ष घूमने के लिए आते हैं, क्योंकि इस जगह पर केवल आध्यात्मिक माहौल है। यहाँ आपको एक शांत वातावरण मिलेगा इसी वजह से उत्तराखंड के पर्यटक यहाँ की यात्रा करना अत्यधिक पसंद करते हैं।
20. नंदा देवी मंदिर (Nanda Devi Temple)
नन्दा देवी मंदिर अल्मोड़ा जनपद में स्थित है जिसका निर्माण चंद राजाओं के द्वारा किया गया था। देवी की मूर्ति शिव मंदिर के डेवढ़ी में स्थित है जो की स्थानीय जनता के लिए काफी ज्यादा सम्मानित है। सितम्बर के महीने में अल्मोड़ा में नंदादेवी का यहां एक मेला लगता है जो 400 वर्षो से भी अधिक समय से इस मंदिर का एक अभिन्न हिस्सा रहा है। इस समय यहां पर हजारो भक्तों की भीड़ रहती है।
इसके आलावा आप उत्तराखंड में अन्य जगहों जैसे भीमताल, नौकुचिया ताल, सातताल, मसूरी, धनोल्टी, औली, जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, अल्मोड़ा, फूलों की घाटी, रानीखेत, लैंसडाउन, टिहरी गढ़वाल, राजाजी नेशनल पार्क, बागेश्वर, कौसानी, मुन्स्यारी, पिथौरागढ़, पौड़ी, चोपता, रामगढ़, बिनसर, चकराता, उत्तरकाशी, धारचूला, हेमकुंड साहिब, हर्शिल, आदि कैलाश, बिल्केश्वर महादेव मंदिर, डाट काली मंदिर, दूनागिरी मंदिर, कालीमठ इत्यादि जगहों पर घूम सकते हैं।